आईसीसी महिला विश्व कप 2025 में खिताबी जीत दर्ज करने वाली भारतीय महिला क्रिकेट टीम की खिलाड़ी अब-अब अपने-अपने होमटाउन लौट रही हैं। इस बीच सोशल मीडिया पर एक वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है, जिसमें आप देख सकते हैं कि रिचा घोष के होमटाउन सिलीगुड़ी के लोगों ने अपनी चैंपियन खिलाड़ी का कितनी गर्मजोशी से स्वागत किया। बड़ी संख्या में पहुंचे प्रशंसकों ने अपनी चहेती क्रिकेटर ऋचा को फूल मालाओं, उत्साह भरे नारों और ढोल-नगाड़ों के साथ भव्य स्वागत किया। एयरपोर्ट पर ऋचा के पिता मानवेंद्र घोष, सिलीगुड़ी के मेयर गौतम देव, डिप्टी मेयर रंजन सरकार, सिलीगुड़ी महकमा परिषद के सभाधिपति अरुण घोष सहित कई गणमान्य लोगों ने ऋचा का स्वागत किया।
लोगों में ऋचा के साथ तस्वीरें खिंचवाने और इस ऐतिहासिक पल को यादगार बनाने की होड़ सी लगी रही। एयरपोर्ट पर सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए थे। ऋचा के टर्मिनल से बाहर निकलते ही उन्हें विशेष गाड़ी में बैठाया गया। इसके बाद कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच ऋचा की गाड़ी रोड शो के माध्यम से सिलीगुड़ी की और रवाना हुई। प्राप्त जानकारी के अनुसार, बाघाजतिन एथलेटिक क्लब में ऋचा का समारोह पूर्वक स्वागत किया जाएगा। क्लब से ऋचा के घर तक रेड कारपेट बिछाया गया है।इस बार के वर्ल्ड कप में जब जब मैदान पर सबको लगा कि अब मैच हाथ से निकल जाएगा तभी पिच पर उतरी एक ‘फायरब्रांड फिनिशर’ रिचा घोष. हाथों में ग्लव्स, आँखों में जज़्बा और बल्ले में वो धमाका जिसने पूरे स्टेडियम को खड़ा कर दिया. वो आईं और जो किया, वो सिर्फ़ बल्लेबाज़ी नहीं थी वो थी एक ‘धोनी स्टाइल फिनिश करने वाली बल्लेबाज. आख़िरी ओवर्स में रिचा ने लगाई ऐसी गोलाबारी कि गेंदबाज़ भी हैरान, फैंस दीवाने, और स्कोरबोर्ड जलता हुआ नज़र आया.
बड़े-बड़े सिक्सर, मैदान के बाहर जाते बॉल्स, और फिर वो ठंडी मुस्कान जैसे कह रही हों, “खेल ख़त्म नहीं, कहानी शुरू हुई है. विकेटकीपर बल्लेबाज रिचा घोष ने कहा है कि भारत की विश्व कप विजेता टीम विश्वास और अपनी भूमिका को लेकर स्पष्टता की नींव पर बनी है जिसमे कोच अमोल मजूमदार ने उन्हें ‘फिनिशर’ की भूमिका सौंपी है। दो बार फाइनल में हारी भारतीय टीम ने दक्षिण अफ्रीका को 52 रन से हराकर पहली बार विश्व कप जीता।मेरा मुख्य काम मैच में आखिर तक टिककर तेजी से रन बनाने का था। मुझे जब भी बल्लेबाजी का मौका मिला तो मैंने यही करने की कोशिश की। मैंने स्ट्राइक रेट ऊंचा रखकर विपक्षी टीमों के गेंदबाजों पर दबाव बनाने का प्रयास किया। उन्होंने ये भी कहा कि ये अतिरिक्त रन बनाने से टीम का दबाव कम हुआ और टीम को जीतने का बेहतर मौका मिला।रास्ता इस चैंपियन के बैनर, मालाओं और पोस्टरों से सजा हुआ था। ऋचा ने प्रशंसकों की ओर हाथ हिलाते हुए कहा, ''भारत के लिए खेलना और विश्व कप जीतना मेरा सपना था।
उन्होंने कहा, ''टूर्नामेंट की शुरुआत से ही हमारी नजरें ट्रॉफी पर थीं। लगातार तीन मैच हारने के बाद भी हमारा विश्वास नहीं डगमगाया। क्लब स्तर के क्रिकेटर से अंपायर बने मानवेंद्र घोष और गृहिणी शंपा घोष की बेटी ऋचा ने भारत के अभियान में निर्णायक भूमिका निभाई। उन्होंने आठ पारियों में 133.52 के स्ट्राइक रेट से 235 रन बनाए।।सातवें नंबर पर बल्लेबाजी करते हुए उन्होंने दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ फाइनल में 24 गेंद में 34 रन की ताबड़तोड़ पारी खेली। भारतीय महिला टीम ने 52 रन की जीत से पहला वैश्विक खिताब जीता।
वह रिद्धिमान साहा के बाद भारतीय टीम में जगह बनाने वाली सिलीगुड़ी की दूसरी विकेटकीपर हैं। ऋचा की अलमारी ट्रॉफियों से भरी हुई है जिसमें विश्व कप, अंडर-19 विश्व कप के साथ, रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु के साथ महिला प्रीमियर लीग का खिताब, एशियाई खेलों का स्वर्ण और राष्ट्रमंडल खेलों का रजत पदक शामिल हैं। सम्मान समारोह में अपने पिता के बगल में बैठी ऋचा ने कहा, ''मैं जो कुछ भी हूं, उसमें मेरे माता-पिता का सबसे बड़ा योगदान है। उन्होंने हमेशा मुझसे कहा है कि अगर तुम सपने देखते हो, तो बड़े सपने देखो। ''
उन्होंने कहा, ''अब मेरा अगला लक्ष्य टी20 विश्व कप जीतना है।'' पीएम मोदी की हर बातें प्रेरणा देने वाली है। सिलीगुड़ी नगर निगम और उप-मंडल खेल परिषद ने बाघाजतिन पार्क में लाल कालीन बिछाया जहां स्थानीय महिला क्रिकेटरों ने उनके स्वागत में अपने बल्ले उठाकर उन्हें 'गार्ड ऑफ ऑनर' दिया।
ऋचा को दिन में 50 से अधिक संगठनों द्वारा सम्मानित किया गया। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के साथ टीम की बातचीत के बारे में बताते हुए उन्होंने कहा, ''उन्होंने हमें बताया कि लोग अब भारतीय क्रिकेट को अलग नजरिए से देखेंगे, इसे अब महिला टीम नहीं कहा जाएगा। सभी के योगदान ने इस जीत को खास बना दिया। '' रिपोर्टों के अनुसार विश्व कप विजेता को पश्चिम बंगाल पुलिस में एक पद की पेशकश की गई है, हालांकि पश्चिम बंगाल सरकार की ओर से अभी तक कोई आधिकारिक घोषणा नहीं की गई है।यह जश्न शनिवार को भी जारी रहेगा जब बंगाल क्रिकेट संघ कोलकाता के ईडन गार्डन्स में उन्हें सम्मानित करेगा। सौरव गांगुली और झूलन गोस्वामी उन्हें सोने का पानी चढ़ा हुआ बल्ला और गेंद देकर सम्मानित करेंगे जिस पर दोनों दिग्गजों के हस्ताक्षर होंगे।अमोल मजूमदार की तारीफ में ऋचा घोष ने क्या कहा?: ऋचा ने कोच अमोल मजूमदार की भी तारीफ की। उन्होंने कहा कि मजूमदार ने टीम के अंदर एक ऐसा माहौल तैयार किया कि हर खिलाड़ी को अपनी भूमिका के बारे में पता था। विकेटकीपर ने कहा कि अमोल सर ने टीम में सभी की भूमिका स्पष्ट कर दी थी। मेरा काम बेखौफ क्रिकेट खेलना, बड़े शॉट लगाना और अंत तक डटे रहना का था। मैंने पूरे टूर्नामेंट में सिर्फ यही करने की कोशिश की। वर्ल्ड कप के लिए ऋचा घोष ने की थी जमकर तैयारी: ऋचा ने अंत में कहा कि वर्ल्ड कप से पहले मैंने क्रीज पर टिककर बड़ी पारी खेलने का काफी अभ्यास किया। जब भी खेलने का मौका मिला तो मैंने डाउन द ग्राउंड शॉट लगाए और अपना विकेट फेंकने से बचती रही। मैंने एक दो रन लेने के मौके भी नहीं गंवाए। आपको बता दें कि इस वर्ल्ड कप में ऋचा ने आठ पारियों में 133.52 की स्ट्राइक रेट से 235 रन बनाए। इसके साथ ही उन्होंने महिला वर्ल्ड कप के एक एडिशन में सबसे ज्यादा छक्के लगाने के मामले में वेस्टइंडीज के डिएंड्रा डोटिन (12) के रिकॉर्ड की भी बराबरी की। ( बंगाल से अशोक झा की रिपोर्ट )
#बंगाल #ICC
दुनियाभर के घुमक्कड़ पत्रकारों का एक मंच है,आप विश्व की तमाम घटनाओं को कवरेज करने वाले खबरनवीसों के अनुभव को पढ़ सकेंगे
https://www.roamingjournalist.com/