पश्चिम बंगाल के उत्तरी 24 परगना जिले में सीमा सुरक्षा बल यानी कि BSF ने शनिवार को एक बांग्लादेशी पुलिस अफसर को उस वक्त धर दबोचा, जब वह भारतीय सीमा में घुसपैठ की कोशिश कर रहा था। अधिकारियों के अनुसार, सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) ने हाकिमपुर बॉर्डर आउटपोस्ट के पास शाम 6 से 7 बजे के बीच इस अधिकारी को रोका। बीएसएफ ने त्वरित कार्रवाई करते हुए संदिग्ध बांग्लादेशी अधिकारी को हिरासत में लिया और बाद में उसे पश्चिम बंगाल पुलिस के हवाले कर दिया। प्रारंभिक जांच में पता चला है कि अधिकारी अवैध रूप से भारतीय सीमा में प्रवेश करने का प्रयास कर रहा था। हालांकि, घुसपैठ के उद्देश्य और अन्य विवरणों का अभी खुलासा नहीं हुआ है। पश्चिम बंगाल पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है और बीएसएफ के साथ मिलकर यह पता लगाने की कोशिश कर रही है कि क्या यह कोई सुनियोजित साजिश थी। उस व्यक्ति के पास से मिले पहचान पत्रों से उसके बांग्लादेशी पुलिस से जुड़े होने की पुष्टि हुई है। यह वाकया हाकिमपुर बॉर्डर आउटपोस्ट के पास शाम 6 से 7 बजे के बीच हुआ। बीएसएफ ने इस अफसर को पकड़कर पश्चिम बंगाल पुलिस के हवाले कर दिया। अधिकारियों ने बताया कि यह बांग्लादेश पुलिस का एक सीनियर अफसर था, जो गैरकानूनी तरीके से भारत में दाखिल होने की फिराक में था।
साधु के भेष में छिपा बांग्लादेशी अपराधी भी गिरफ्तार
यह कोई पहला मौका नहीं है जब बांग्लादेश से घुसपैठ की कोशिश पकड़ी गई हो। कुछ दिन पहले ही पश्चिम बंगाल के नदिया जिले में साधु के भेष में छिपे हुए एक बांग्लादेशी अपराधी को गिरफ्तार किया गया था। पुलिस को गुप्त सूचना मिली थी, जिसके आधार पर पश्चिम बंगाल की स्पेशल टास्क फोर्स (STF) और स्थानीय पुलिस ने मिलकर तेहट्टा इलाके में छापेमारी की। शनिवार की रात को इस ऑपरेशन में 60 साल के मोहम्मद हाशिम मलिक उर्फ हाशिम अली मलिक को पकड़ा गया। पुलिस के मुताबिक, हाशिम बांग्लादेश में कई संगीन अपराधों में वांछित था। वह नकली भारतीय पहचान पत्र बनाकर तेहट्टा के बलिउरा पुरबा पारा में साधु बनकर छिपा हुआ था। कानूनी कार्रवाई से बचने के लिए भारत में घुसा था
पश्चिम बंगाल एसटीएफ के सब-इंस्पेक्टर मोहम्मद अब्दुल नूर चौधरी की शिकायत पर जांच शुरू हुई थी। एक पुलिस अधिकारी ने बताया, 'हाशिम ने बांग्लादेश में कई जघन्य अपराध किए थे। वह कानूनी कार्रवाई से बचने के लिए भारत में घुस आया और जाली दस्तावेजों के जरिए अपनी पहचान छिपा रहा था।' पूछताछ के दौरान हाशिम ने कबूल किया कि उसने बांग्लादेश में किए गए अपराधों की सजा से बचने के लिए सीमा पार की थी। उसने यह भी स्वीकार किया कि उसने जाली भारतीय पहचान दस्तावेज बनवाए थे, ताकि वह भारत में आसानी से छिप सके। पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया और अब उससे और जानकारी जुटाने की कोशिश की जा रही है
सीमा सुरक्षा बल ने पश्चिम बंगाल के नदिया जिले में भारत-बांग्लादेश सीमा पर तस्करी के प्रयास को विफल कर दिया और एक दुर्लभ जंगली बिल्ली को बचाया। शनिवार को एक आधिकारिक बयान में कहा गया। इसके अनुसार उम्मीद की जा रही है कि बचाया गया प्राणी अफ्रीकी सर्वल बिल्ली है।
बीएसएफ के दक्षिण बंगाल फ्रंटियर द्वारा जारी बयान के अनुसार, यह घटना 22 अगस्त की सुबह उस समय हुई जब नटना अग्रिम सीमा चौकी पर तैनात 56वीं बटालियन के जवानों ने अंतरराष्ट्रीय सीमा के पास पांच से छह तस्करों की संदिग्ध गतिविधियां देखीं।बयान में कहा गया है कि जवानों ने संदिग्ध तस्करों को चुनौती दी और उनकी ओर बढ़े। बीएसएफ कर्मियों को देखते ही तस्कर घने जंगल का फायदा उठाकर बांग्लादेश की ओर भाग गए। इसके बाद बीएसएफ जवानों ने इलाके की तलाशी ली और एक लकड़ी का बक्सा जब्त किया जिसमें एक दुर्लभ जंगली बिल्ली (जिसके बारे में माना जा रहा है कि वह अफ्रीकी सर्वल बिल्ली है) जीवित पाई गई। बचाए गए प्राणी को वन विभाग को सौंप दिया गया। दक्षिण बंगाल फ्रंटियर ने कहा, "बीएसएफ कर्मियों की सतर्कता और समय पर की गयी कार्रवाई ने वन्यजीव तस्करी के प्रयास को विफल कर दिया।" अधिकारियों ने कहा कि बिल्ली की सटीक प्रजाति की पुष्टि वन विभाग द्वारा की जाएगी। ( बांग्लादेश बॉर्डर से अशोक झा की रिपोर्ट )
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