पश्चिम बंगाल शिक्षक भर्ती घोटाले की जांच कर रही प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने सोमवार को मुर्शिदाबाद जिले के बड़त्रा से तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) विधायक जीवन कृष्ण साहा को गिरफ्तार कर लिया।सोमवार को कोलकाता की विशेष अदालत ने उन्हें छह दिन की ईडी हिरासत में भेजने का आदेश दिया। साहा को मेडिकल जांच के बाद कोलकाता की विशेष अदालत में पेश किया गया था। ईडी ने साहा को मुर्शिदाबाद जिले के बुरवान स्थित उनके आवास से गिरफ्तार किया। यह कार्रवाई मुर्शिदाबाद, बीरभूम, पुरुलिया कोलकाता सहित कई स्थानों पर की गई व्यापक तलाशी के बाद हुई। अधिकारियों ने बताया कि जब ईडी की टीम साहा के घर तलाशी के लिए पहुंची, तो उन्होंने दीवार फांदकर भागने की कोशिश की अपना मोबाइल फोन नाले में फेंक दिया। हालांकि, ईडी ने फोन बरामद कर लिया। एसएससी भर्ती घोटाले की जांच के तहत ईडी ने न केवल जीवन कृष्ण साहा के आवास पर, बल्कि उनके रिश्तेदारों सहयोगियों के ठिकानों पर भी छापेमारी की। साहा के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग का मामला दर्ज किया गया है। यह पहली बार नहीं है जब साहा इस मामले में जांच के दायरे में आए हैं। इससे पहले भी उन्हें इस मामले में गिरफ्तार किया गया था, लेकिन बाद में जमानत पर रिहा कर दिया गया था।
जीवन कृष्ण साहा को इस मामले में पहले 17 अप्रैल 2023 को गिरफ्तार किया गया था। 2024 में उन्हें जमानत पर रिहा किया गया वर्तमान में वह सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर जमानत पर हैं। अब इस मामले में छापेमारी ने हंगामा मचा दिया। ईडी अधिकारियों केंद्रीय बलों की मौजूदगी में साहा के घर के बाहर भारी भीड़ जमा हो गई। ईडी के अनुसार एसएससी भर्ती प्रक्रिया में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार अनियमितताओं के सबूत मिले हैं, जिसमें कथित तौर पर धन की हेराफेरी शामिल है। जांच एजेंसी इस मामले में कई अन्य लोगों से भी पूछताछ कर रही है सबूत जुटाने के लिए विभिन्न दस्तावेजों की जांच कर रही है। साहा की गिरफ्तारी इस जांच में एक महत्वपूर्ण कदम मानी जा रही है, क्योंकि वह इस कथित घोटाले से जुड़े प्रमुख व्यक्तियों में से एक हैं।जीवन कृष्ण साहा की हिरासत के दौरान ईडी उनसे इस मामले में जानकारी हासिल करने की कोशिश करेगी, ताकि भर्ती घोटाले के पूरे नेटवर्क का खुलासा हो सके।गिरफ्तारी के बाद तृणमूल कांग्रेस ने भाजपा और केंद्र सरकार पर राजनीतिक प्रतिशोध का आरोप लगाया। तृणमूल पार्टी ने साेशल मीडिशा एक्स पर लिखा -भाजपा दो 'ई' नीति पर काम करती है। पहला 'ई' है ईसी (निर्वाचन आयोग), जिसका इस्तेमाल वोटिंग अधिकार छीनने के लिए किया जाता है। अगर यह असफल हो जाए तो दूसरा 'ई' यानी ईडी (प्रवर्तन निदेशालय) को विपक्ष को कुचलने के लिए उतार दिया जाता है। यह भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई नहीं बल्कि विपक्ष खत्म करने की तानाशाही है।
वरिष्ठ टीएमसी नेता जयप्रकाश मजूमदार ने कहा, साहा को पहले भी गिरफ्तार कर महीनों हिरासत में रखा गया था, लेकिन कुछ साबित नहीं हुआ। अब फिर चुनाव से ठीक पहले गिरफ्तारी की गई है। यह केवल बदले की राजनीति है।
भाजपा ने आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि टीएमसी और भर्ती घोटाला एक ही चीज के पर्याय बन चुके हैं। राज्य भाजपा महासचिव जगन्नाथ चट्टोपाध्याय ने कहा, जिन्होंने छात्रों का भविष्य लूटा, उन्हें गिरफ्तार क्यों न किया जाए? टीएमसी और भ्रष्टाचार एक ही सिक्के के दो पहलू हैं।
तृणमूल कांग्रेस के विधायक को धनशोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के तहत गैर-सहयोग के आरोप में गिरफ्तार किया गया है। उल्लेखनीय है कि अप्रैल, 2023 में उन्हें सीबीआई ने इसी मामले में गिरफ्तार किया था और बाद में जमानत पर रिहा किया गया था।
यह केस कोलकाता उच्च न्यायालय के आदेश पर दर्ज सीबीआई की एफआईआर से जुड़ा है, जिसमें ग्रुप सी, ग्रुप डी, कक्षा 9 से 12 तक के सहायक शिक्षक और प्राथमिक शिक्षक भर्ती में कथित अनियमितताओं की जांच हो रही है। अब तक ईडी इस घोटाले में चार चार्जशीट दाखिल कर चुकी है और पूर्व शिक्षा मंत्री पार्थ चटर्जी, उनकी सहयोगी अर्पिता मुखर्जी और पूर्व टीएमसी विधायक माणिक भट्टाचार्य सहित कई बड़े नाम गिरफ्तार हो चुके हैं। ( बंगाल से अशोक झा की रिपोर्ट )
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