- पाकिस्तान का सेना प्रमुख जनरल असीम मुनीर बनना चाहता है परवेज मुशर्रफ
- भारत का स्पष्ट संदेश अगर छह प्रकार के हमले तो वह होगा युद्ध
- जानकार मानते है कि भारत बुद्ध पूर्णिमा के दिन युद्ध से किया परहेज
ऑपरेशन सिंदूर को लेकर बड़ी जानकारी सामने आई है। सूत्रों के मुताबिक, ऑपरेशन सिंदूर पर पीएम मोदी का साफ संदेश था कि वहां से गोली चलेगी यहां से गोला चलेगा। पीएम मोदी का निर्देश ही पाक एयरबेस पर हमले का टर्निंग प्वाइंट था।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि अगर पाकिस्तान हमला करेगा तो भारत भीषण पलटवार करेगा. ऑपरेशन सिंदूर के तहत भारत ने पाकिस्तान पर जबरदस्त जवाबी कार्रवाई की.
दरअसल, पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत ने 6-7 मई की आधी रात को पाकिस्तान में कई आतंकी ठिकानों पर हमला कर उसे तबाह कर दिया। भारत ने आतंकी के 9 ठिकानों को एकसाथ निशाना बनाया था. इस हमले में करीब 100 आतंकी मारे गए थे
भारत पाकिस्तान पर नकेल कसने के लिए शर्तों के साथ सीजफायर करने को तैयार है। यह 12 मई को दोपहर लिखित रूप में होना है। सवाल यह है कि पाकिस्तान अगर लिखित समझौता से इंकार करता है तो फिर युद्ध ही विकल्प होगा। युद्ध और विदेश मामले के जानकार मानते है कि पीएम मोदी बुद्ध पूर्णिमा के दिन किसी युद्ध को अंजाम नहीं देना चाहते। उन्हें पता है कि पाकिस्तान के सेना प्रमुख जनरल असीम मुनीर ने एक बार फिर अपनी आक्रामक और विवादास्पद रणनीतियों से यह साबित कर दिया है कि वह अपने पूर्ववर्ती जनरल परवेज मुशर्रफ के रास्ते पर चल रहे हैं। मुनीर की नेतृत्व शैली और उनके द्वारा कश्मीर और भारत के खिलाफ दिए गए उन्मादी बयान, उन्हें "मुशर्रफ 2.0" के रूप में स्थापित कर रहे हैं। पाकिस्तान के आंतरिक राजनीतिक संकट और सैन्य शक्ति के बीच बढ़ती अस्थिरता के बीच, क्या पाकिस्तान में एक और तख्तापलट की स्थिति बन रही है?यह सवाल अब हर किसी के मन में है। पाकिस्तान के सेना प्रमुख असीम मुनीर का जिहादी चेहरा पाकिस्तान के सेना प्रमुख असीम मुनीर ने पहले भी भारत और कश्मीर के खिलाफ उन्मादी भाषण दिए हैं। पहलगाम हमले से ठीक पहले उनका जिहादी चेहरा और अधिक स्पष्ट हो चुका था। असीम मुनीर की शहबाज शरीफ के साथ राजनीतिक प्रतिद्वंद्विता ने उन्हें भारतीय सीमा पर आक्रामक कार्रवाइयों के लिए प्रेरित किया है।पिछले चार दिनो में चीजें तेजी से बदली थी। इस दौरान, भारत ने पाकिस्तान में कई आतंकी स्थलों, वायुसैन्य ठिकानों और सैन्य प्रतिष्ठानों पर हमले किए। इसके जवाब में पाकिस्तान ने भारत में बुनियादी ढांचे और नागरिक क्षेत्रों को निशाना बनाने के लिए हताशा भरे प्रयास किए। शनिवार को सीजफायर के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच एक व्यापाक संघर्ष फिलहाल टल गया है। हालांकि, संघर्षविराम की खबरें आने के तुरंत बाद पाकिस्तान की ओर से नियंत्रण रेखा (एलओसी) के पार इसके उल्लंघन की भी खबरें आईं। भारत ने 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद जवाबी कार्रवाई के रूप में 7 मई की सुबह ऑपरेशन सिंदूर शुरू किया था। पहलगाम में हुए आतंकी हमले में 26 लोगों की मौत हुई थी। वहीं, इसके जवाब में ऑपरेशन सिंदूर का सफल ऑपरेशन संचालित कर 100 से अधिक आतंकियों का खात्मा किया गया।
पाकिस्तान की हवाई सुरक्षा और एयरबेसों को पहुंचा नुकसान:
नाम न बताने की शर्त पर एक अधिकारी ने कहा, "हमने वहां आतंकी ढांचे को नष्ट कर दिया, उनकी हवाई सुरक्षा को नुकसान पहुंचाया और उनके कई एयरबेसों को निशाना बनाया। पिछले चार दिनों में भारतीय सेना ने अच्छा प्रदर्शन किया। पाकिस्तान के जवाबी हमले को ज्यादातर नाकाम कर दिया।"
भारत ने नौ आतंकी प्रशिक्षण शिविरों को निशाना बनाया: ऑपरेशन की शुरुआत भारत की ओर से अपने इच्छित लक्ष्य को प्राप्त करने के साथ हुई। इसने पाकिस्तान और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) में नौ आतंकी प्रशिक्षण शिविरों को निशाना बनाया। सटीक हमलों ने केवल 26 मिनट में लगभग 100 आतंकवादियों को मार गिराया गया। हालांकि भारत ने आधिकारिक तौर पर कोई संख्या नहीं बताई है, लेकिन बैठक में मौजूद लोगों के अनुसार, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने अन्य राजनीतिक दलों के नेताओं को जानकारी देते समय 100 का उल्लेख किया था। लक्ष्यों का चयन ठोस खुफिया जानकारी और आतंकी गतिविधियों को अंजाम देने के उनके नापाक ट्रैक रिकॉर्ड के आधार पर किया गया था।भारत की कार्रवाई में दिखी उन्नत सैन्य क्षमता: जम्मू-कश्मीर में नियंत्रण रेखा के पार जिन आतंकी स्थलों को निशाना बनाया गया, उनमें से पांच पाक अधिकृत कश्मीर के अंदर 9 से 30 किलोमीटर के बीच थे। बाकी स्थल पाकिस्तान में अंतरराष्ट्रीय सीमा (आईबी) के पार 6 से 100 किलोमीटर के भीतर थे। तैनात किए गए हथियारों में राफेल से लॉन्च की गई स्कैल्प क्रूज मिसाइलें और हैमर स्मार्ट हथियार, गाइडेड बम किट, एक्सकैलिबर गोला-बारूद के साथ M777 हॉवित्जर और लोइटरिंग गोला-बारूद (उर्फ कामिकेज़ ड्रोन) शामिल थे। एक दूसरे अधिकारी ने कहा, "हमलों ने पाकिस्तान का संतुलन बिगाड़ दिया। इसने जल्दबाजी में जवाबी हमला किया, जिससे कुछ खास हासिल नहीं हुआ। कुल मिलाकर, भारत का चार दिन का रिपोर्ट कार्ड उनसे बेहतर है।" अगली रात, भारतीय सेना ने देश के उत्तर और पश्चिम में 15 शहरों में कई सैन्य ठिकानों पर मिसाइलों और ड्रोन से हमला करने के पाकिस्तान के प्रयासों को विफल कर दिया, तथा कई स्थानों पर पाकिस्तान की हवाई सुरक्षा को निशाना बनाया, जिनमें से लाहौर और कराची की हवाई सुरक्षा जवाबी हमले में नष्ट हो गई।
भारत ने कई तरह की वायु रक्षा प्रणालियों को किया तैनात: पिछले चार दिनों में भारतीय सेना ने पाकिस्तान से हवाई खतरों को बेअसर करने के लिए कई तरह की वायु रक्षा प्रणालियों को तैनात किया है। इनमें रूसी मूल की एस-400 ट्रायम्फ वायु रक्षा प्रणाली, स्थानीय रूप से निर्मित आकाश सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइलें, बराक 8 वायु रक्षा प्रणाली, कई तरह की ड्रोन रोधी प्रणालियाँ और अन्य जवाबी उपाय शामिल हैं।नियंत्रण रेखा पर तोपखाने और मोर्टार की गोलीबारी में दोनों पक्षों को सैन्य और नागरिक हताहतों का सामना करना पड़ा। 8-9 मई की रात को पाकिस्तान ने भारत के उत्तरी हिस्से में लेह, जम्मू और बठिंडा से लेकर पश्चिम में सर क्रीक तक 36 जगहों पर 300-400 तुर्की मूल के असीसगार्ड सोंगर सशस्त्र ड्रोन से हमला किया। इनमें से अधिकांश ड्रोन भारतीय सेना द्वारा मार गिराए गए। भारतीय जवाबी हमले में पाकिस्तान की हवाई सुरक्षा को निशाना बनाया गया। अगले दिन, पाकिस्तान ने नियंत्रण रेखा और अंतर्राष्ट्रीय सीमा पर 26 स्थानों पर ड्रोन हमले किए। भारतीय सेना ने ड्रोन रोधी हथियारों सहित अपनी वायु रक्षा प्रणालियों से खतरों को बेअसर कर दिया। 10 मई की सुबह भारत ने पाकिस्तान को दिया सबसे बड़ा झटका: पाकिस्तान को सबसे बड़ा झटका 10 मई की सुबह लगा, जब भारतीय वायुसेना ने पाकिस्तान के आठ सैन्य ठिकानों पर हवाई हमले किए, जिनमें हवाई अड्डे, रडार इकाइयां और गोला-बारूद के भंडार शामिल थे। यह हमला पड़ोसी देश की ओर से लड़ाकू विमानों, मानवरहित लड़ाकू हवाई वाहनों (यूसीएवी) और मिसाइलों का इस्तेमाल कर भारत के सैन्य बुनियादी ढांचे और नागरिक क्षेत्रों पर किए गए हमलों के जवाब में किया गया था।भारतीय वायुसेना ने रफीकी, मुरीद, चकलाला, रहीम यार खान, सुक्कुर, चुनियन, पसरूर और सियालकोट में सैन्य ठिकानों पर हमला किया। रात भर चले घटनाक्रम ने भारत द्वारा ऑपरेशन सिंदूर शुरू किए जाने के बाद से दोनों सेनाओं के बीच सबसे भीषण संघर्ष को चिह्नित किया। भारत द्वारा निशाना बनाए गए लक्ष्यों में तकनीकी अवसंरचना, कमांड और नियंत्रण केंद्र, रडार साइट और हथियार भंडारण क्षेत्र शामिल थे। युद्ध विराम की घोषणा के बाद एक ब्रीफिंग के दौरान विंग कमांडर व्योमिका सिंह ने कहा कि पिछले कुछ दिनों में भारतीय प्रतिष्ठानों पर अकारण हमले के बाद पाकिस्तान को बहुत भारी और असहनीय क्षति हुई है।उन्होंने कहा, "स्कार्दू, सरगोधा, जैकोबाबाद और भोलारी जैसे महत्वपूर्ण पाकिस्तानी एयरबेसों को भारी नुकसान पहुंचा है। साथ ही, वायु रक्षा हथियारों और रडार के नुकसान ने पाकिस्तानी हवाई क्षेत्र की रक्षा को अस्थिर बना दिया है। एलओसी के पार, सैन्य बुनियादी ढांचे, कमांड और नियंत्रण केंद्रों और रसद प्रतिष्ठानों को व्यापक और सटीक नुकसान ने इसकी रक्षात्मक और आक्रामक क्षमताओं को पूरी तरह से खत्म कर दिया है। ( बोर्डर से अशोक झा )
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