पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने मालदा के गाज़ल में एक महती जनसभा को संबोधित किया। उन्होंने इस मंच से हुंकार भरा कि जब तक मैं हूं, कोई भी बंगाली डिटेंशन कैंप या बांग्लादेश नहीं जाएगा'।पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने मालदा में आयोजित एंटी-एसआईआर रैली में कहा कि हमें भाजपा से हिंदुत्व सीखने की जरूरत नहीं है। उन्होंने जोर देकर कहा कि बंगाल और भारत के लोग अपनी परंपराओं और धर्म का सम्मान करते हैं और किसी पार्टी से सीखने की जरूरत नहीं है।इस दौरान सीएम ममता बनर्जी ने यह आरोप भी लगाया कि गृह मंत्री अमित शाह राज्य में विधानसभा चुनावों से पहले विशेष गहन मतदाता पुनरीक्षण को लागू करने के पीछे हैं। सीएम बनर्जी ने रैली में कहा कि यह कदम राजनीतिक रूप से प्रेरित है और मतदाताओं को अस्थिर करने के लिए उठाया गया। उन्होंने आगे कहा कि अमित शाह किसी भी कीमत पर बंगाल पर कब्जा करना चाहते हैं, लेकिन उन्हें इसका मुंहतोड़ जवाब मिलेगा।सीएम ममता ने आगे भाजपा पर भी जमकर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि एसआईआर को लागू करके पार्टी ने अपनी ही राजनीतिक समस्या बढ़ा ली है। उन्होंने स्पष्ट किया कि उनकी पार्टी टीएमसी इस प्रक्रिया का विरोध नहीं कर रही है, लेकिन इसे जल्दबाजी में कर राजनीति के लिए इस्तेमाल नहीं किया जाना चाहिए। बनर्जी ने कहा कि 12 दिसंबर से 'मे आई हेल्प यू' कैंप पूरे राज्य में शुरू होंगे, ताकि लोगों को एसआईआर सुनवाई में मदद मिल सके।ममता बनर्जी ने उठाया सुनाली खातून का मुद्दा
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने मालदा की रैली में सुनाली खातून को लेकर भी बात की। उन्होंने कहा कि सुनाली खातून को बांग्लादेशी बताकर बॉर्डर पार कर भेज दिया गया था क्योंकि वह बांग्ला भाषा में बोलती है। जान लें कि ममता बनर्जी ने सुप्रीम कोर्ट की तरफ से सुनाली खातून को भारत लौटने की इजाजत दिए जाने के बाद केंद्र की NDA सरकार पर हमला बोला। सीएम ममता ने अमित शाह पर साधा निशाना
अपने संबोधन में सीएम ममता बनर्जी ने केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह पर भी निशाना साधा। उन्होंने कहा कि पश्चिम बंगाल में अगले साल विधानसभा चुनाव होना है। पश्चिम बंगाल में उससे पहले SIR करवाने की साजिश के पीछे गृहमंत्री अमित शाह का हाथ है। CM ममता बनर्जी ने ये भी कहा, ''पश्चिम बंगाल में एसआईआर शुरू करवाकर बीजेपी ने खुद अपनी कब्र खोद ली है।''कब तक भर सकते हैं SIR का फॉर्म?
बता दें कि इस समय पश्चिम बंगाल सहित 12 राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन यानी SIR की प्रक्रिया चल रही है, जिसका मकसद वोटर लिस्ट से फर्जी मतदाताओं को हटाना है। किसी मतदाता का SIR फॉर्म भरने से रह ना जाए, इसके लिए फॉर्म सबमिट करने की आखिरी तारीख को भी 4 दिसंबर, 2025 से बढ़ाकर 11 दिसंबर, 2025 कर दिया गया है। हाल में बिहार चुनाव से पहले वहां SIR हुआ था और इस दौरान वोटर लिस्ट से 47 लाख फर्जी वोटर्स को हटाया गया था।पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने उन लोगों के लिए भी मुआवजे की घोषणा की, जिनकी स्वास्थ्य की स्थिति गंभीर हो गई थी, क्योंकि उन्होंने आत्महत्या की कोशिश की थी या कथित तौर पर एसआईआर से संबंधित दबाव के कारण बीमार पड़ गए थे । सीएम ममता बनर्जी ने एक कार्यक्रम में घोषणा की है कि राज्य के खजाने से मुआवजा पाने वालों में एसआईआर प्रक्रिया में लगे बूथ लेवल ऑफिसर (बीएलओ) भी शामिल होंगे, जो "एसआईआर से जुड़े" दबाव के कारण गंभीर रूप से बीमार हो गए । उन्होंने 2011 से अपने नेतृत्व वाली पश्चिम बंगाल सरकार की उपलब्धियों पर एक प्रगति रिपोर्ट भी जारी की। सीएम ममता बनर्जी ने कहा कि जिन लोगों की हालत गंभीर हो गई थी, लेकिन वे बच गए, उन्हें एक-एक लाख रुपए का मुआवजा दिया जाएगा। यह उनके और उनके परिवारों के लिए एक संदेश है कि मुश्किल समय में राज्य सरकार उनके साथ है। उन्होंने दावा किया कि उनकी जानकारी के मुताबिक, एसआईआर से संबंधित दबाव की वजह से कुल 39 लोगों ने आत्महत्या कर ली या बीमार पड़ गए। उन्होंने इस दौरान केंद्र सरकार से यह भी अपील की कि वह विवाद के मुद्दों पर पश्चिम बंगाल सरकार के साथ बातचीत करे, न कि एकतरफा आदेश जारी करे, जैसा कि स्वतंत्रता-पूर्व काल में ब्रिटिश शासकों द्वारा किया जाता था।।मुख्यमंत्री ने कहा कि कोई भी जबरदस्ती का निर्देश न दें, जिससे आम लोगों को परेशानी हो। फिर भी, अगर आप ऐसा करते हैं, तो राज्य सरकार यथासंभव आम लोगों की मदद करेगी। हम सिर्फ लोगों, लोकतंत्र और भारतीय संविधान के प्रति जवाबदेह हैं। उन्होंने यह भी कहा कि पश्चिम बंगाल में कभी भी सांप्रदायिक राजनीति के लिए जगह नहीं थी और न ही कभी होगी। उन्होंने कहा कि मैंने हमेशा सेक्युलर राजनीति में विश्वास किया है और भविष्य में भी सेक्युलर रास्ते पर चलती रहूंगी।अलग-अलग भाषाएं, अलग-अलग विचार, अलग-अलग कपड़े, अलग-अलग में बड़ी एकता देखो'''
बंगाली विरोधी फासीवादी पार्टी BJP बंगाल के वोटिंग के अधिकार, बोलने की आज़ादी, लोकतांत्रिक अधिकारों को खत्म करने की कोशिश कर रही है। BJP की साज़िश की वजह से पश्चिम बंगाल के लोग 100 दिन की मज़दूरी से महरूम हैं, 'आवास योजना' के दिए गए पैसे से महरूम हैं; इसके बावजूद बंगाल का विकास हो रहा है। बंगाल की मां-माटी-जनता की सरकार ने लोगों की भलाई के लिए करीब 95 पब्लिक वेलफेयर प्रोजेक्ट बनाए हैं। जिनमें से कई को दुनिया भर में पहचान मिली है; और बंगाल का नाम रोशन किया है। बंगाल के साथ दोगली सोच रखने वाली और बांटने की राजनीति करने वाली BJP का असली चेहरा आज सबके सामने आ गया है। दूसरे राज्यों में प्रवासी मज़दूर, यानी बंगाल के सभी धर्मों, सभी जातियों और समुदायों के भाई-बहनों पर ज़ुल्म किया जा रहा है; उन्हें सिर्फ़ बंगाली बोलने पर परेशान किया जा रहा है। बांग्लादेश में 'बांग्लादेशी' कहा जा रहा है और पीछे धकेला जा रहा है। BJP ज़ुल्म कर रही है। चुनाव से पहले बिना प्लान के 'SIR' करके बंगाल के लोगों को परेशान किया गया। नतीजतन, बंगाल के कई लोगों ने डर के मारे आत्महत्या का रास्ता चुना है। इस चिंता के दिन आम लोगों के साथ खड़ा होना मेरा कर्तव्य है, हमारी ज़िम्मेदारी है। BJP की कई साज़िशों और प्रोपेगैंडा के बावजूद; बंगाल के लोगों ने आज ऐतिहासिक मालदा ज़िले के गाजोल में जनसभा में हिस्सा लेकर साबित कर दिया है - बंगाल सम्मान, न्याय और अधिकारों की रक्षा की लड़ाई से कभी पीछे नहीं हटता। भारत के स्वतंत्रता संग्राम में बंगाल की भूमिका बहुत बड़ी है। यह बंगाल हमारी जन्मभूमि, कर्मभूमि, पुनर्जागरण की भूमि है। रवींद्रनाथ-नज़रुल-विद्यासागर-विवेकानंद-पंडित रघुनाथ मुर्मू की पवित्र भूमि। स्वतंत्रता सेनानी खुदीराम बोस, नेताजी सुभाष चंद्र बोस, भगवान बिरसा मुंडा, सिद्धू-कानू जैसे महान क्रांतिकारियों की जन्मभूमि। यह बंगाल रामकृष्ण परमहंस देव की सर्वधर्म सद्भाव की भूमि है, यह बंगाल शांति, एकता और सद्भाव की मिलन स्थली है। हम बंगाल की मिट्टी को बर्बाद नहीं होने देंगे। बंगाल को अपवित्र किया जाएगा। मुझे पक्का यकीन है कि बंगाल के लोग अगले चुनावों में डेमोक्रेटिक तरीकों से इस बंगाली विरोधी, भाषा से नफ़रत करने वाली, लोकतंत्र विरोधी BJP को करारा जवाब देंगे। ( बंगाल से अशोक झा की रिपोर्ट)
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