गोवा में हाल ही में संपन्न हुए 56वें भारतीय अंतरराष्ट्रीय फिल्म महोत्सव (‘इफ्फी’) के समापन समारोह के दौरान बॉलीवुड अभिनेता रणवीर सिंह ने कन्नड़ फिल्म ‘कांतारा – चैप्टर 1’ में दर्शाए गए देवी के अवतार का मंच पर अभिनय किया और फिल्म में दिखाए गए कोटि तुलु समाज के पवित्र देवता ‘श्री चामुंडी दैवा’ को “फिमेल घोस्ट” (महिला भूत) कहकर संबोधित किया। इस संबंध में अभिनेता रणवीर सिंह द्वारा चामुंडी दैवा का घोर अपमान कर हिंदुओं की धार्मिक भावनाएं आहत करने के प्रकरण में उनके विरुद्ध आपराधिक मामला दर्ज किए जाने की मांग करते हुए हिंदू जनजागृति समिति ने गोवा राज्य के पणजी पुलिस थाने में लिखित निवेदन प्रस्तुत किया है।
इस अवसर पर पणजी पुलिस थाने के उपनिरीक्षक साहिन शेट्ये को हिंदू जनजागृति समिति की ओर से प्रमोद तुयेकर और दिलीप शेट्ये ने यह निवेदन सौंपा। निवेदन में कहा गया है कि ‘श्री चामुंडी दैवा’ कर्नाटक के तुलु समुदाय के आराध्य एवं कुलदेवता माने जाते हैं। देवी को ‘भूत’ कहना और उनके दैवी अवतार की केवल मनोरंजन के उद्देश्य से सार्वजनिक मंच पर नकल करना अत्यंत अपमानजनक कृत्य है तथा हिंदू समाज के श्रद्धास्थान पर सीधा आघात है। इस घटना के कारण समाज में आक्रोश का वातावरण निर्माण हुआ है और सार्वजनिक शांति भंग होने की आशंका को नकारा नहीं जा सकता। इसलिए इस प्रकरण में रणवीर सिंह के विरुद्ध भारतीय न्याय संहिता, 2023 की धारा 299, 194 और 302 के अंतर्गत धार्मिक भावनाएं जानबूझकर आहत करने तथा समाज में वैरभाव फैलाने से संबंधित अपराधों के लिए मामला दर्ज कर विस्तृत जांच की जानी चाहिए।
‘इफ्फी’ के आयोजकों और संबंधित अधिकारियों से भी यह अपेक्षा की गई है कि भविष्य में ऐसे कार्यक्रमों में किसी भी धर्म के देवी-देवताओं का अपमान न हो, इसके लिए स्पष्ट आचार संहिता तैयार की जाए और उसका कड़ाई से पालन सुनिश्चित किया जाए। हिंदू जनजागृति समिति ने यह भी मांग की है कि रणवीर सिंह सार्वजनिक रूप से श्री चामुंडी दैवा से क्षमायाचना करें और आगे चलकर इस प्रकार की आपत्तिजनक टिप्पणी या अभिनय न करने का आश्वासन दें। समिति ने सभी हिंदू बंधुओं से भी आह्वान किया है कि वे कानून की मर्यादा में रहकर शांतिपूर्ण, संयमित, किंतु दृढ़तापूर्वक इस अवमानना का विरोध दर्ज कराएं। ( रमेश शिंदे की कलम से )
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