- मेरे लिए असम का विकास जरूरत भी है और जिम्मेदारी भी : पीएम नरेंद्र मोदी
- असम को ईस्ट पाकिस्तान का हिस्सा बनाने की साजिश
- गुवाहाटी में प्रधानमंत्री मोदी ने कांग्रेस पर किया बड़ा हमला
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को असम के गुवाहाटी में कांग्रेस पर अब तक का सबसे तीखा और गंभीर हमला बोला है। दो दिवसीय दौरे पर पहुंचे पीएम मोदी ने लोकप्रिय गोपीनाथ बोरदोलोई अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट की नई टर्मिनल बिल्डिंग का उद्घाटन करने के बाद एक विशाल जनसभा को संबोधित किया।प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार (19 दिसंबर, 2025) को असम के गुवाहाटी में आयोजित एक सभा में पूर्वोत्तर और असम के विकास पर जोर देते हुए कांग्रेस पर तीखा हमला किया। उन्होंने कहा कि कांग्रेस की सरकारों के लिए असम और पूरे पूर्वोत्तर का विकास कभी उनके एजेंडे में नहीं था और उन्होंने दशकों तक क्षेत्र की उपेक्षा की। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि कांग्रेस के समय असम को ईस्ट पाकिस्तान का हिस्सा बनाने की साजिश की जा रही थी।
कांग्रेस सरकारों पर हमला: प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, “कांग्रेस सरकारों में बैठे लोग कहते थे कि असम और पूर्वोत्तर में जाता ही कौन है? उनकी सोच थी कि असम और पूर्वोत्तर को आधुनिक एयरपोर्ट, बेहतर रेलवे और हाईवे की क्या जरूरत है। इसी सोच की वजह से कांग्रेस ने दशकों तक इस पूरे क्षेत्र की उपेक्षा की।”प्रदेश में अगले साल चुनाव होने वाले हैं। इस समय राज्य में बांग्लादेशी घुसपैठियों को निकालने और वोटर लिस्ट संशोधन (SIR) पर राजनीति तेज है।उन्होंने आरोप लगाया कि कांग्रेस की पिछली सरकारों के लिए असम और पूरे पूर्वोत्तर का विकास कभी भी प्राथमिकता सूची में नहीं रहा, जिसके कारण इस क्षेत्र को लंबे समय तक उपेक्षा का सामना करना पड़ा। प्रधानमंत्री ने गुवाहाटी में गोपीनाथ बोरदोलोई अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे की नई टर्मिनल इमारत का उद्घाटन करने के बाद आयोजित जनसभा को संबोधित करते हुए कहा कि असम की धरती से उनका गहरा जुड़ाव है। यहां के लोगों का प्यार और स्नेह, विशेष रूप से असम और नॉर्थ-ईस्ट की माताओं और बहनों का अपनापन, उन्हें लगातार प्रेरित करता है और पूर्वोत्तर के विकास के उनके संकल्प को मजबूती देता है। उन्होंने कहा कि आज का दिन केवल असम के लिए नहीं, बल्कि पूरे नॉर्थ-ईस्ट के लिए विकास का उत्सव है।मोदी ने कहा कि जैसे असम में विशाल ब्रह्मपुत्र की धाराएं कभी नहीं रुकतीं, वैसे ही भाजपा की डबल इंजन सरकार में राज्य में विकास की धारा भी निरंतर बह रही है। गुवाहाटी एयरपोर्ट के नए टर्मिनल का उद्घाटन इसी प्रतिबद्धता का प्रमाण है। उन्होंने इसके लिए असमवासियों और देशवासियों को बधाई दी।मोदी ने आधुनिक एयरपोर्ट सुविधाओं और कनेक्टिविटी इंफ्रास्ट्रक्चर को किसी भी राज्य के लिए नए अवसरों के द्वार बताते हुए कहा कि ये सुविधाएं बढ़ते आत्मविश्वास और लोगों के भरोसे की मजबूत नींव होती हैं। उन्होंने कहा कि जैसे ही कोई यात्री इस नए टर्मिनल में कदम रखता है, 'विकास और विरासत' के मंत्र का सजीव उदाहरण दिखाई देता है। यह टर्मिनल असम की प्रकृति और संस्कृति को ध्यान में रखकर डिजाइन किया गया है, जिसमें हरियाली और स्थानीय पहचान का विशेष ध्यान रखा गया है, ताकि यात्रियों को शांति और आराम का अनुभव हो।प्रधानमंत्री ने कहा कि आज जब लोग असम में बने आधुनिक एयरपोर्ट और हाईवे देखते हैं, तो वे स्वयं महसूस करते हैं कि अब राज्य के साथ न्याय हो रहा है। उन्होंने आरोप लगाया कि पहले कांग्रेस के एजेंडे में असम और नॉर्थ-ईस्ट का विकास शामिल ही नहीं था। कांग्रेस सरकारों की सोच थी कि इस क्षेत्र को आधुनिक एयरपोर्ट, बेहतर रेलवे और हाईवे की आवश्यकता नहीं है और इसी कारण दशकों तक यहां विकास नहीं हो पाया।'एक्ट ईस्ट पॉलिसी' का उल्लेख करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार ने पूर्वोत्तर को रणनीतिक प्राथमिकता दी है। इसके परिणामस्वरूप आज असम भारत को आसियान देशों से जोड़ने वाले एक महत्वपूर्ण पुल की भूमिका निभा रहा है। उन्होंने कहा कि असम का 'ईस्टर्न गेटवे' के रूप में उभरना केवल शुरुआत है और आने वाले समय में इससे व्यापार, निवेश और रोजगार के नए अवसर पैदा होंगे।प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन के दौरान जनता से आग्रह किया कि वे अपने मोबाइल फोन की फ्लैशलाइट जलाकर विकास के इस उत्सव में सहभागी बनें। उन्होंने कहा कि यह दृश्य पूरे देश को यह संदेश देगा कि नॉर्थ-ईस्ट अब नए आत्मविश्वास के साथ आगे बढ़ रहा है।उन्होंने असम के पहले मुख्यमंत्री गोपीनाथ बोरदोलोई को श्रद्धांजलि देते हुए कहा कि वे राज्य का गौरव थे और उनकी विरासत आने वाली पीढ़ियों को प्रेरित करती रहेगी। मोदी ने कहा कि बोरदोलोई ने कठिन समय में असम की पहचान और भारत की एकता की रक्षा की और उनकी मूर्ति आने वाले वर्षों तक प्रेरणा का स्रोत बनी रहेगी।प्रधानमंत्री ने भारतीय न्याय संहिता लागू करने में असम की अग्रणी भूमिका की सराहना की और कहा कि आज राज्य में पारदर्शिता बढ़ी है। उन्होंने कहा कि एक समय था जब बिना खर्ची-पर्ची के सरकारी नौकरी मिलना असंभव माना जाता था लेकिन आज भाजपा सरकार में यह संभव हो पाया है।मोदी ने पूर्वोत्तर में हिंसा और उग्रवाद पर भी चर्चा करते हुए कहा कि कांग्रेस सरकारों के दौरान यह क्षेत्र लंबे समय तक हिंसा और अशांति से जूझता रहा। अब उनकी सरकार ने शांति स्थापित करने की दिशा में ठोस कदम उठाए हैं। उन्होंने कहा कि जिन इलाकों में पहले खून-खराबा होता था, आज वहां 4जी और 5जी टेक्नोलॉजी के माध्यम से डिजिटल कनेक्टिविटी पहुंच रही है। जो जिले कभी हिंसाग्रस्त माने जाते थे, वे आज 'आकांक्षी जिलों' के रूप में विकसित हो रहे हैं और भविष्य में औद्योगिक कॉरिडोर बनने की क्षमता रखते हैं।प्रधानमंत्री ने बांस से जुड़े पुराने कानून का उल्लेख करते हुए कहा कि 2014 से पहले बांस को पेड़ मानकर उसे काटने पर रोक थी, जबकि दुनिया भर में इसे घास की श्रेणी में रखा जाता है। उनकी सरकार ने इस कानून में बदलाव कर बांस को सही पहचान दी, जिससे स्थानीय अर्थव्यवस्था और रोजगार को बढ़ावा मिला। घुसपैठ के मुद्दे पर प्रधानमंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार अवैध घुसपैठ रोकने के लिए कड़े कदम उठा रही है। उन्होंने आरोप लगाया कि कांग्रेस इस मुद्दे पर देश विरोधी एजेंडा अपना रही है, जबकि सुप्रीम कोर्ट भी अवैध घुसपैठियों को हटाने की बात कह चुका है। प्रधानमंत्री ने इंडी गठबंधन पर हमला बोलते हुए कहा कि देशद्रोही एसआईआर प्रक्रिया की आलोचना करके घुसपैठियों को बचाने की कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि चुनाव आयोग ने यह सुनिश्चित करने के लिए प्रक्रिया शुरू की है कि घुसपैठियों को चुनावी प्रक्रिया से बाहर रखा जाए लेकिन 'देशद्रोही' उन्हें बचाने की कोशिश कर रहे हैं। प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत तेजी से दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की दिशा में आगे बढ़ रहा है। पिछले 11 वर्षों में इस बदलाव में आधुनिक इंफ्रास्ट्रक्चर का बड़ा योगदान रहा है। उन्होंने कहा कि 2047 के विकसित भारत के लक्ष्य को हासिल करने में असम और पूरे नॉर्थ-ईस्ट की महत्वपूर्ण भूमिका होगी और आज इस दिशा में एक नया अध्याय जुड़ रहा है। ( बांग्लादेश बोर्डर से अशोक झा की कलम से )
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