बांग्लादेश की सियासत में उथल-पुथल मचाने वाले इंकलाब मंच के प्रवक्ता और चर्चित छात्र नेता शरीफ उस्मान हादी को शनिवार को अंतिम विदाई दी गई। राजधानी ढाका स्थित ढाका यूनिवर्सिटी परिसर में राष्ट्रीय कवि काजी नजरुल इस्लाम की कब्र के पास उन्हें सुपुर्द-ए-खाक किया गया।समाज के अलग-अलग तबकों से हजारों लोग इस जनाजे में शरीक होने पहुंचे. कई लोग जुलूस के रूप में आए और हादी के लिए न्याय की मांग करते हुए नारे लगाए. जनाजे से पहले मणिक मिया एवेन्यू और संसद परिसर का नजारा अभूतपूर्व रहा। ड्रोन से ली गई तस्वीरों में भारी भीड़ नजर आई, जिसने यह साफ कर दिया कि हादी की मौत ने देशभर में गहरी प्रतिक्रिया पैदा की है। लोगों का कहना था कि हादी की 'शहादत' व्यर्थ नहीं जाएगी और दोषियों को सजा दिलाने तक संघर्ष जारी रहेगा। हादी के जनाजे में बांग्लादेश के अंतरिम प्रधान मंत्री यूनुस भी पहुंचे। मोहम्मद यूनुस ने हादी की अंतिम विदाई में उन्हें याद किया. यूनुस ने कहा, 'आज जहां हजारों लोग जुटे हैं. देश और विदेशों में मौजूद बांग्लादेश के लोग हादी के बारे में सुनने का इंतजार कर रहे हैं.'
उन्होंने कहा, 'प्रिय हादी, हम यहां आपको अलविदा कहने नहीं आए हैं. आप हमारे दिलों में बसते हैं. जब तक बांग्लादेश का अस्तित्व रहेगा, आप इस राष्ट्र का हिस्सा बने रहेंगे. आपने हमें सिखाया कि विनम्रता के साथ लोगों तक कैसे पहुंचा जाए. बिना किसी को ठेस पहुंचाए विचार कैसे रखे जाएं. चुनावी अभियान कैसे चलाया जाए. हम इस सीख को स्वीकार करते हैं. इसे अमल में लाने का संकल्प लेते हैं. हम किसी के सामने नहीं झुकेंगे. दुनिया के सामने सिर ऊंचा रखेंगे. जनता से किया वादा हर हाल में पूरा करेंगे।
सुरक्षा स्थिति को देखते हुए प्रशासन ने खास इंतज़ाम किए थे। मानिक मिया एवेन्यू के एंट्री पॉइंट्स पर कड़ी चेकिंग की गई। सेना ने इलाके में गश्त की, जबकि बड़ी संख्या में पुलिस, रैपिड एक्शन बटालियन (RAB) और अंसार के जवानों को तैनात किया गया था। किसी भी अप्रिय घटना को रोकने के लिए ड्रोन उड़ाने पर पूरी तरह से रोक लगा दी गई थी। शरीफ उस्मान हादी की जनाज़े की नमाज़ दोपहर 2 बजे संसद भवन के साउथ प्लाज़ा में होनी थी। इंकलाब मंच के अनुसार, हादी को उनके परिवार की इच्छा के अनुसार, राष्ट्रीय कवि काज़ी नज़रुल इस्लाम की कब्र के पास दफनाया जाएगा।इसके बाद बवाल मचाते हुई हजारों की भीड़ संसद में दाखिल हुई और तोड़फोड़ करने लगी। संसद में तोड़फोड़: शेख हसीना के सत्ता से निर्वासन के बाद ये दूसरा मौका था कि हजारों दंगाईयों की भीड़ संसद में दाखिल हो गई।प्रदर्शन की आड़ में अपने नेता के लिए इंसाफ मांगने वालों ने ससंद भवन में जमकर उत्पात मचाया और वहां मौजूद पुलिस और सेना मूक दर्शक बनी नजर आई।
ढाका यूनिवर्सिटी में रखा गया था शव: हादी का शव सिंगापुर से बांग्लादेश पहुंचने के बाद कड़ी सुरक्षा के बीच ढाका यूनिवर्सिटी कैंपस ले जाया गया था. जहां रात भर में दफ़नाने की तैयारियां पूरी कर ली गई थीं। उसकी कब्र बांग्लादेश के राष्ट्रीय कवि काज़ी नज़रुल इस्लाम के मकबरे के बगल में खोदी गई है। शनिवार को हजारों की संख्या में लोग ढाका के सेंट्रल इलाके में शरीफ उस्मान हादी को आखिरी विदाई देने के लिए जमा हुए। हादी जाना-माना बांग्लादेशी एक्टिविस्ट था, जिसे अज्ञात हमलावरों ने गोली मारकर मौत के घाट उतार दिया था। उसकी मौत से नेशनल चुनावों से पहले पहले से ही अस्थिर राजनीतिक माहौल और खराब हो गया।
अधिकारियों ने जातीय संसद भवन के साउथ प्लाजा में अंतिम संस्कार के लिए कड़ी सुरक्षा व्यवस्था की थी। ढाका भर में बॉडी कैमरों से लैस पुलिस अधिकारियों को तैनात किया गया था।चूंकि एक दिन का राष्ट्रीय शोक घोषित किया गया था इसलिए आज सभी सरकारी और प्राइवेट संस्थानों में बांग्लादेश के राष्ट्रीय झंडे को आधा झुका दिया गया। बॉर्डर गार्ड बांग्लादेश और पुलिस यूनिट्स की अतिरिक्त टुकड़ियों को संसद और दूसरी अहम जगहों के आसपास तैनात किया गया था. इसके बावजूद वो लोग प्रदर्शनकारियों को रोक नहीं पाए।यह ध्यान देने योग्य है कि शरीफ उस्मान हादी का गुरुवार रात सिंगापुर जनरल अस्पताल में निधन हो गया। 12 दिसंबर को ढाका के पलटन इलाके में एक चुनावी अभियान के दौरान गोलीबारी की घटना में वह गंभीर रूप से घायल हो गए थे। शुरू में उनका इलाज ढाका में किया गया और बाद में बेहतर इलाज के लिए उन्हें सिंगापुर ले जाया गया, जहां उन्होंने दम तोड़ दिया। हादी के समर्थक उनकी मौत को लोकतांत्रिक आंदोलन के लिए एक बड़ा नुकसान बता रहे हैं। जनाज़े में मौजूद लोगों ने सर्वसम्मति से कहा कि यह सिर्फ एक व्यक्ति की विदाई नहीं है, बल्कि एक आंदोलन की आवाज़ है जिसे दबाया नहीं जा सकता। ( बांग्लादेश बोर्डर से अशोक झा की रिपोर्ट )
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