सर्व साधारण को सूचित किया जाता है कि रेल प्रशासन द्वारा पूर्वोत्तर रेलवे के वाराणसी मंडल के बनारस रेलवे स्टेशन के वर्तमान अल्फाबेटिकल स्टेशन कोड “BSBS” को बदलकर “BNRS” कर दिया गया है । बनारस स्टेशन कोड का यह बदलाव 01 दिसम्बर,2025 से प्रभावी होगा जिसके बाद बनारस से/तक यात्रा करने वाले यात्रियों को यात्री आरक्षण केन्द्रो,नेशनल ट्रेन इन्क्वायरी सिस्टम अथवा आई आर सी टी सी की वेबसाइट से अपनी बर्थ आरक्षित कराने के लिए बनारस स्टेशन के पुराने अल्फाबेटिकल स्टेशन कोड “BSBS” के स्थान पर “BNRS” अंकित करना होगा।
ज्ञातव्य हो कि चार वर्ष पूर्व 15 जुलाई,2021 को मंडुआडीह रेलवे स्टेशन का नाम बदलकर बनारस किया गया था । भारतीय संस्कृति को सहेजने के लिए बनरस स्टेशन पर लगे नाम बोर्ड पर हिंदी, अंग्रेजी, उर्दू के साथ ही संस्कृत में बनारसः भी लिखा गया जो पुरातन काशी की संस्कृति का अहसास करता है ।
यह विश्वस्तरीय रेलवे स्टेशन किसी हवाई अड्डे की तरह दिखता है । नव-पुनर्निर्मित रेलवे स्टेशन विश्व स्तर का है - यह किसी बड़े प्रतिष्ठित निगमित कॉर्पोरेट कार्यालय की तरह दिखाई देता है। न केवल स्टेशन भवन बनारस रेलवे स्टेशन को अलग बनाता है, बल्कि इसके सभी विभिन्न यात्री-अनुकूल सुविधाएं भी हैं। नए रूपांतरित स्टेशन में अब एक विशाल प्रतिक्षालय क्षेत्र, विभिन्न श्रेणियों के प्रतीक्षालय,उच्च श्रेणी यात्री विश्रामालय, एस्केलेटर सीढियां, लिफ्ट्स,फूड प्लाजा, कैफेटेरिया, वी आई पी लाउन्ज, पार्किंग,सेल्फी पॉइंट, राष्ट्रीय ध्वज,धरोहर के रूप में नैरो गेज का इंजन, विस्तृत ग्रीन और स्वच्छ सर्कुलेटिंग एरिया, आधुनिक बुकिंग / आरक्षण कार्यालय, फूड कोर्ट, सभी सुविधाओं से परिपूर्ण वेटिंग रूम और बहुत कुछ है। स्टेशन में एसी लाउंज, गैर-एसी रिटायरिंग रूम और डारमेटरी भी हैं। स्टेशन परिसर की वास्तुकला काशी की आस्था को दर्शाती है। स्टेशन के परिवेश में फव्वारे और बैठने की जगह शामिल है।
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