कहा, पहले बिहार के लोगों को बिहारी कहने में संकोच होता था अब होता है फक्र
- राजद ने परिवार के लिए ही सोचा वह आपका क्या भला करेगा
- मुसलमानों के लिए जितना हमारी सरकार ने काम किया उसका कल्पना भी नहीं करता दूसरा सरकार
बिहार में आज किशनगंज जिले के एन० एच० ट्रक स्टैंड, ग्वालबस्ती, ठाकुरगंज में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की गरिमामयी उपस्थिति में आयोजित एनडीए समर्थित प्रत्याशियों ठाकुरगंज (53) से जदयू प्रत्याशी श्री गोपाल अग्रवाल जी एवं कोचाधामन (55) से भाजपा प्रत्याशी श्रीमती बीना देवी जी के समर्थन में “विशाल जनसभा” में जदयू के माननीय राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष संजय कुमार झा और भाजपा प्रदेश अध्यक्ष दिलीप जायसवाल ने संबोधित किया।दूसरे चरण यानि 11 नवंबर को होने वाले चुनाव में ठाकुरगंज विधानसभा से एनडीए समर्थित जदयू प्रत्याशी गोपाल कुमार अग्रवालऔर कोचाधामन से वीणा देवी के पक्ष में चुनावी सभा को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि लालू रावड़ी शासनकाल में बिहार को जो हाल था उसे ठीक करने में 20 साल लग गया। पहले बिहार के लोगों को दूसरे राज्य में संदेश की नजर से देखा जाता था। अपमान का बोध होता था। लेकिन सरकार के सुशासन में अब बिहार के लोगों को बाहर जाने से सम्मान मिलता है। यह सब संभव होता है डबल इंजन की सरकार के कारण। राजद पर प्रहार करते हुए कहा कि लालू प्रसाद यादव के विरुद्ध परिवारवाद का आरोप लगाते हुए कहा की राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव ने जीवनभर परिवारवाद को ही बढ़ावा दिया, उन्होंने पत्नी को
मुख्यमंत्री बनाया, बेटा बेटी को ही आगे बढ़ाने का काम किया। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि 2005 से पहले बिहार में कोई काम नहीं किया, हमलोग जब 2005 के बाद सत्ता में आए तब से हर क्षेत्र में हर तबके का बिना कोई भेदभाव किए विकास किया। एनडीए की सरकार में सभी वर्गों के साथ - साथ मुसलमानों के आर्थिक सामाजिक राजनीतिक और शैक्षणिक विकास के लिए बहुत काम किया। आज वोट के लिए हमें ओर
हमारी सरकार को मुस्लिम विरोधी बताया जाता है।
सीएम नीतीश ने कहा कि 2006 के बाद हमारी सरकार ने मदरसों को सरकारी दर्जा दिया और मदरसा शिक्षकों को सरकारी कर्मचारियों के समान वेतन देने का काम किया है। हमारी सरकार ने कब्रिस्तानों की घेराबंदी की, मुस्लिम छात्र छात्राओं के लिए अल्पसंख्यक आवासीय विद्यालय और छात्रवास का निर्माण कराया। हमने हिंदुओं के मंदिरों को भी चहारदीवारी से घेरने का काम किया। उन्होंने आगे कहा कि बिजली फ्री की मिल रही है। लोगों को आज को बिजली बिल नही देना पड़ता है। गांव गांव सड़क, स्वास्थ्य, शिक्षा, पेयजल सहित अन्य आधारभूत संसाधनों में काफी काम किया है। जो पिछले राजद सरकार ने कभी नहीं किया। बिहार के विकास में केंद्र सरकार काफी मदद कर रही है। उन्होंने मंच से हाथ उठाकर जदयू प्रत्याशी गोपाल कुमार अग्रवाल को भारी मतों से जीताने की अपील की साथ ही कोचाधामन से भाजपा प्रत्याशी वीना देवी के पक्ष में भी वोट देने की अपील की है । विकास की रफ़्तार अपार, फिर से आ रही है एनडीए सरकार
- जनता ने NDA सरकार बनाने का बना लिया है मन : डॉ दिलीप कुमार जायसवाल: बिहार भाजपा प्रदेश अध्यक्ष डॉ दिलीप कुमार जायसवाल ने भी जनसभा को संबोधित किया और कहा कि बिहार में एक बार फिर से NDA गठबंधन की सरकार बनेगी। डॉ जायसवाल ने आगे कहा कि नीतीश कुमार के नेतृत्व में बिहार ने जो विकास का रफ्तार पकड़ा है उसे एक एक जनता जान चुकी है । डॉ जायसवाल ने कहा कि जनता ने मन बना लिया है कि फिर से एक बार NDA सरकार बनाना है।
कार्यक्रम में बिहार भाजपा प्रदेश अध्यक्ष डॉ दिलीप कुमार जायसवाल,नौशाद आलम,गोपाल अग्रवाल, वीणा देवी सहित अन्य नेता एवं हजारों की संख्या में आम नागरिक मौजूद थे ।
लोगों के मन में 2025 फिर से नीतीश :
सीएम नीतीश कुमार के लिए ज़मीनी स्तर पर भारी समर्थन है, भले ही वे 20 साल सत्ता में रहे हों और उनकी कथित रूप से कमज़ोर सेहत हो। सूत्रों का मानना है कि भाजपा इससे हैरान थी। इतना ही नहीं, भाजपा और विपक्ष सहित कई लोगों का मानना है कि जदयू 2020 की तरह अब उतना पीछे नहीं रहेगा। 2020 में भाजपा की 74 सीट जबकि जेडीयू 43 सीटें ही जीत पाई थी। दोनों सहयोगी दल इस बार 101 सीटों पर चुनाव लड़ रहे हैं। जबकि 2020 में जदयू ने 115 और भाजपा ने 110 सीटों पर चुनाव लड़ा था और भाजपा बराबरी पर अड़ी हुई थी।
नीतीश का स्वास्थ्य और यू-टर्न
मतदाता नीतीश के स्वास्थ्य को लेकर चिंताओं को खारिज करते हैं और इसे ज्यादातर मीडिया की एक कहानी मानते हैं, जो कुछ घटनाओं पर आधारित है। नीतीश के जनाधार की नींव के रूप में महिलाएं हैं। कई महिलाएं कहती हैं, “मैं ये फल नीतीश द्वारा मेरे खाते में डाले गए पैसे (चुनाव से पहले घोषित मुख्यमंत्री महिला रोज़गार योजना के तहत 10,000 रुपये) की वजह से खरीद पाई। उन्होंने ही मेरे लिए यह संभव बनाया। अगर वह मुख्यमंत्री नहीं होते, तो हम सूर्यास्त के बाद घरों में दुबके रहते।”
गांव-गांव में महिलाएं नीतीश कुमार द्वारा हमारे लिए किए गए कार्यों की सराहना करती हैं। इसमें 2006 में शुरू की गई मुख्यमंत्री बालिका साइकिल योजना, जिसमें स्कूली लड़कियों को मुफ्त साइकिलें दी जाती हैं, पंचायतों और शहरी स्थानीय निकायों में महिलाओं के लिए 50% आरक्षण और सभी सरकारी नौकरियों में महिलाओं के लिए 35% कोटा शामिल है।
एशियाई विकास अनुसंधान संस्थान (ADRI) के आर्थिक नीति एवं लोक वित्त केंद्र के संकाय सदस्य अमित कुमार बख्शी कहते हैं, “नीतीश कुमार बिहार में महिलाओं के जीवन में आए बदलाव का कारण हैं। कई लड़कियों के लिए तो स्कूल जाना और सरकारी नौकरियों में प्राथमिकता पाना भी एक सपना था। विवाहित महिलाओं के लिए शराबबंदी का उनका फैसला निर्णायक रहा है, जिससे घरेलू हिंसा में भारी कमी आई है।”
विपक्षी दल नीतीश सरकार के खिलाफ गुस्सा भड़काने के लिए शराबबंदी के अनियमित कार्यान्वयन और नकली शराब की बढ़ती कीमतों का हवाला दे रहे हैं। शराबबंदी पर अलग-अलग राय हो सकती है, लेकिन कुल मिलाकर शराबबंदी ने महिलाओं के लिए अच्छा काम किया है।”
‘नीतीश पर भ्रष्टाचार का कोई आरोप नहीं’
ज्यादातर लोग कहते हैं कि यह सिर्फ़ महिलाओं की बात नहीं है। कहा , “यहां तक कि पुरुष और भाजपा समर्थक भी, जानते हैं कि बिहार के लिए नीतीश जैसा कोई नहीं है। वह ईमानदार हैं, उन पर भ्रष्टाचार का कोई आरोप नहीं है। (जन सुराज के संस्थापक) प्रशांत किशोर खुद को ‘बिहार का लड़का’ कहते हैं। इतने सालों तक वह कहां थे? जब वह पैसा कमाने में व्यस्त थे, तब नीतीश जी गुंडों से निपट रहे थे, सड़कें बनवा रहे थे और बिहार के लोगों का भला कर रहे थे।”
‘नीतीश गलत नहीं करेंगे, वह लोगों के अभिभावक हैं’
मोहम्मद जाफर ने कहा कि नीतीश के स्वास्थ्य या व्यवहार के बारे में खबरों को खारिज करते हैं। उन्होंने कहा , “प्रचार अभियान शुरू होने के बाद से, वह रैलियों में शामिल हो रहे हैं और रोड शो कर रहे हैं।” जाफर कहते हैं कि नीतीश का बार-बार गठबंधन बदलना भी कोई मुद्दा नहीं है। उन्होंने कहा, “उन्होंने यू-टर्न तभी लिया जब उन्हें एहसास हुआ कि उनका सहयोगी भ्रष्ट हो रहा है। लोगों को विश्वास है कि नीतीश गलत नहीं करेंगे। वह बिहार के लोगों के अभिभावक हैं।” उन्होंने कहा, “अब जबकि उन्होंने कानून-व्यवस्था को दुरुस्त कर लिया है और बुनियादी ढांचे पर काम किया है, वे जल्द ही राज्य को औद्योगिक मोड में लाएंगे। 1990 के दशक में, जब पूरा देश उदारीकरण को अपना रहा था, बिहार सोशल इंजीनियरिंग में व्यस्त था। लालू प्रसाद नव-नक्सलवाद को बढ़ावा दे रहे थे, वे एक ऐसी आबादी बढ़ाना चाहते थे जो खुद को इतना शोषित महसूस करे कि वह उनका वफ़ादार समर्थन आधार बन जाए।” जाफर के अनुसार यही कारण है कि बिहार में राजद से ज़्यादा कांग्रेस को समर्थन प्राप्त है। लेकिन कांग्रेस के पास देने के लिए कुछ ख़ास नहीं है। इसके अलावा जहां एनडीए नीतीश के पीछे एकजुट होता दिख रहा है, वहीं महागठबंधन के भीतर टकराव की अफवाहें तेज़ हो रही हैं। तेजस्वी और कांग्रेस नेता राहुल गांधी, जिन्होंने ‘संयुक्त वोट अधिकार यात्रा’ का नेतृत्व किया था, उन्होंने पहले चरण में शायद ही साथ मिलकर प्रचार किया हो। तेजस्वी को अपने बड़े भाई तेज प्रताप यादव से मुकाबला करना होगा, जिन्होंने एक अलग पार्टी बना ली है और 22 सीटों पर चुनाव लड़ रहे हैं। राजद के रिकॉर्ड को देखते हुए, सभी को उसके पक्ष में वोट देने के लिए राजी करना मुश्किल है, खासकर उन लोगों को जो उसके वफादार समर्थक नहीं हैं।” ( सीमांचल से अशोक झा )
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