दिल्ली धमाके से पहले गिरफ्तार शाहीन जैश-ए-मोहम्मद से जुड़ी थी और उसे महिला आतंकियों की भर्ती की जिम्मेदारी मिली थी। दिल्ली पुलिस के सूत्रों के हवाले से एक रिपोर्ट में यह दावा किया है। यह जानकारी पहले ही आ गई थी कि जैश-ए-मोहम्मद महिलाओं को आतंक की राह में लाने की कोशिशों में जुटा है।
लाल किले के पास हुए कार धमाके ने पूरे देश को झकझोर के रख दिया है। करीब 14 साल बाद राष्ट्रीय राजधानी ऐसे ब्लास्ट दहली है। जैसे ही धमाके की सूचना सामने आई दिल्ली पुलिस के साथ-साथ केंद्रीय एजेंसियां अलर्ट हो गईं। दिल्ली बम धमाके की लगातार जांच जारी है, सीसीटीवी फुटेज खंगाले जा रहे। इस धमाके में अब तक 12 लोगों की जान गई है, कई लोग घायल भी हैं। वहीं इस धमाके का पाकिस्तान से टेरर लिंक भी सामने आता दिख रहा है। फरीदाबाद टेरर मॉड्यूल से भी ये जुड़ रहा, जिसमें ब्लास्ट से पहले ही तीन डॉक्टरों समेत 7 संदिग्धों पकड़ा गया। इसमें महिला डॉक्टर शाहीन शाहिद भी शामिल है, जिसका आतंकी संगठन जैश से कनेक्शन जुड़ रहा है।
कौन है लेडी डॉक्टर शाहीन शाहिद इस एक्शन में जैश-ए-मोहम्मद और अंसार गजवत-उल-हिंद से जुड़े 'सफेदपोश' आतंकी मॉड्यूल का भी पर्दाफाश हुआ है। गिरफ्तार लेडी डॉक्टर शाहीन का जैश से सीधे संबंधों का खुलासा हो रहा है। दावा किया जा रहा कि लेडी डॉक्टर शाहीन जैश की महिला विंग जमात उल मोमीनात की इंडिया हेड का जिम्मा संभाल रही थी। उसका टारगेट ही यही था कि भारत में महिलाओं को ज्यादा से ज्यादा आतंकी ग्रुप में जोड़ा जाए।
शाहीन जैश की महिला विंग की हेड!
हालांकि, डॉक्टर शाहीन की गिरफ्तारी से बड़ी साजिश के भंडाफोड़ की आशंका जताई जा रही है। शाहीन लखनऊ की रहने वाली बताई जा रही है। उसे कश्मीर, हरियाणा और उत्तर प्रदेश में फैले टेरर मॉड्यूल में संदिग्ध भूमिका के चलते अरेस्ट किया गया। अधिकारियों ने बताया कि गिरफ्तार महिला डॉक्टर की कार से ए के-47 राइफल भी बरामद की गई है। वो कहीं भी जाती थी तो कार में ए के-47 लेकर चलती थी।
शाहीन के साथ 7 और संदिग्धों की गिरफ्तारी
डॉ. शाहीन अकेली नहीं है उसके साथ सात और लोगों को अलग-अलग इलाकों से गिरफ्तार किया गया। अधिकारियों ने बताया कि इनमें फरीदाबाद में रह रहे कश्मीर के डॉ. मुजम्मिल गनी भी शामिल हैं। इस कार्रवाई में 2900 किलोग्राम विस्फोटक जब्त किया गया। अधिकारियों ने बताया कि जम्मू कश्मीर, उत्तर प्रदेश और हरियाणा के पुलिस बलों के साथ-साथ केंद्रीय एजेंसियों के संयुक्त अभियान में एक बड़ी सफलता मिली है। वहीं लेडी डॉक्टर शाहीन को हिरासत में पूछताछ के लिए हवाई मार्ग से श्रीनगर भी लाया गया।
टेरर मॉड्यूल में तीन डॉक्टर अरेस्ट, चौथे ने किया ब्लास्ट
दिल्ली में लाल किले के पास हुआ ब्लास्ट ऐसी जगह हुआ जो बेहद भीड़भाड़ वाला इलाका है। धमाके में अब तक 12 लोगों की मौत हुई है। कई लोग घायल हैं, जिनका इलाज अलग-अलग अस्पतालों में चल रहा। इस धमाके का लिंक फरीदाबाद टेरर मॉड्यूल से जुड़ रहा। जिसमें ब्लास्ट से पहले ही तीन डॉक्टरों को पकड़ा गया था। वहीं इस मॉड्यूल में शामिल चौथा डॉक्टर मोहम्मद उमर ही माना जा रहा, जिसके आई-20 कार ब्लास्ट में मारे जाने की खबर है। फिलहाल पुलिस और एजेंसियां जांच अभियान में जुटी है।
पाकिस्तान ने पनाह दी और चीन ने उसकी रक्षा की... मौलाना मसूद अज़हर ने दोनों के सहयोग से 2000 में जैश-ए-मोहम्मद की स्थापना की। 2001 का संसद हमला, जनवरी 2016 का पठानकोट एयरबेस हमला, सितंबर 2016 का उरी हमला... जैश ने कश्मीर घाटी में कई आत्मघाती हमले किए हैं। जब भारत ने पहलगाम आतंकवादी हमले के जवाब में पाकिस्तान और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में ऑपरेशन सिंदूर चलाया, तो जैश को गहरा झटका लगा। पाकिस्तान और पीओके में आतंकवादी ठिकानों पर 80-90 घंटे तक हवाई हमले किए गए। इस ऑपरेशन में जैश-ए-मोहम्मद के बहावलपुर मुख्यालय और लश्कर-ए-तैयबा के मुरीदके स्थित ठिकानों को नष्ट कर दिया गया।
भारत को उम्मीद थी कि इस ऑपरेशन के बाद पाकिस्तान सुधर जाएगा और अपनी धरती पर आतंकवाद को फिर कभी पनपने नहीं देगा। लेकिन यह उम्मीद बेमानी साबित हुई। ऑपरेशन सिंदूर में कई आतंकवादी ठिकानों के नष्ट होने के बाद, पाकिस्तान में आतंकवादी शिविर और संगठन फिर से सक्रिय हो रहे हैं। इसी संदर्भ में, जैश-ए-मोहम्मद की एक महिला शाखा का गठन किया गया है। गौरतलब है कि इसकी कमान संगठन के सरगना मसूद अजहर की बहन सईदा अजहर को सौंपी गई है। इस कदम को जैश के आतंकी नेटवर्क को फिर से मज़बूत करने की कोशिश के तौर पर देखा जा रहा है। पाकिस्तानी सेना और आईएसआई इस महिला नेटवर्क को स्थापित करने में जैश की सक्रिय रूप से मदद कर रही हैं। इस पहल का उद्देश्य महिलाओं को आतंक के एक नए माध्यम के रूप में इस्तेमाल करना है, जिससे आतंकी संगठन अपनी जड़ें और फैला सके।
जैश-ए-मोहम्मद कहाँ प्रतिबंधित है?
आतंकवादी समूह जैश-ए-मोहम्मद (JeM) को कई देशों और अंतरराष्ट्रीय संगठनों द्वारा आधिकारिक तौर पर प्रतिबंधित आतंकवादी संगठन घोषित किया गया है। संयुक्त राष्ट्र: 2001 में जैश को एक आतंकवादी समूह और 2019 में उसके नेता मसूद अज़हर को वैश्विक आतंकवादी घोषित किया गया।
भारत: अक्टूबर 2001 में भारत के यूएपीए अधिनियम के तहत जैश को एक प्रतिबंधित संगठन के रूप में सूचीबद्ध किया गया था।
पाकिस्तान: अंतर्राष्ट्रीय दबाव में, 2002 में जैश पर प्रतिबंध लगा दिया गया था, लेकिन आज भी जैश पाकिस्तान में खुलेआम सक्रिय है और भारत पर हमलों के लिए चंदा जुटा रहा है।संयुक्त राज्य अमेरिका: दिसंबर 2001 में जैश को एक विदेशी आतंकवादी संगठन घोषित किया गया।यूनाइटेड किंगडम: मार्च 2001 में इसे प्रतिबंधित किया गया।
कनाडा: नवंबर 2002 में इसे एक विदेशी आतंकवादी संगठन घोषित किया गया। ऑस्ट्रेलिया: अप्रैल 2003 में इसे एक आतंकवादी संगठन घोषित किया गया। न्यूज़ीलैंड: अक्टूबर 2003 में इसे एक आतंकवादी समूह घोषित किया गया।
अब, दिल्ली विस्फोटों से जुड़े पहलू: लाल किले के पास हुए विस्फोट से तीन हफ़्ते पहले, श्रीनगर के कई हिस्सों में आतंकवादी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के समर्थन वाले पोस्टर दिखाई दिए। इसके बाद, जम्मू-कश्मीर पुलिस ने एक जाँच शुरू की जो उत्तर प्रदेश, हरियाणा और दिल्ली तक पहुँची। इस जाँच से पता चला कि आतंकवादियों की भर्ती में एक बुनियादी बदलाव हो रहा है, जिसे जम्मू-कश्मीर पुलिस ने "सफेदपोश आतंकवादी तंत्र" कहा है-अब डॉक्टरों को आतंकवादी के रूप में भर्ती किया जा रहा है। लाल किला विस्फोट के सिलसिले में तीन कश्मीरी डॉक्टरों, आदिल अहमद राथर, मुज़म्मिल शकील और उमर मोहम्मद से पूछताछ की जा रही है। विस्फोट से पहले, राथर और शकील की क्रमशः उत्तर प्रदेश के सहारनपुर और हरियाणा के फरीदाबाद से गिरफ्तारी के साथ भारी मात्रा में बम बनाने का सामान बरामद किया गया था। सुरक्षा एजेंसियों के अनुसार, सोमवार को फरीदाबाद के दो कमरों से बरामद 2,900 किलोग्राम विस्फोटक अमोनियम नाइट्रेट होने का संदेह है। प्रारंभिक जांच से पता चलता है कि लाल किले के पास हुए विस्फोट में इसी रसायन का इस्तेमाल किया गया था। (
दुनियाभर के घुमक्कड़ पत्रकारों का एक मंच है,आप विश्व की तमाम घटनाओं को कवरेज करने वाले खबरनवीसों के अनुभव को पढ़ सकेंगे
https://www.roamingjournalist.com/