मुंबई ठाणे जिला कलेक्टर कार्यालय में उस समय अनोखा दृश्य देखने को मिला, जब हेलमेट मैन ऑफ इंडिया राघवेंद्र कुमार छोटे बच्चों की सुरक्षा के लिए ‘संजीवनी बूटी’ रूपी हेलमेट लेकर पहुँचे।
सबकी नज़रें तब ठहर गईं, जब हेलमेट देने से पहले प्रत्येक बच्चे के सिर का सटीक माप लिया जा रहा था, ताकि हर बच्चे को उसके लिए बिल्कुल सही आकार का हेलमेट मिल सके। बच्चों की उत्सुकता और खुशियों से भरी आवाज़ों ने माहौल को उत्साह में बदल दिया।
इसी बीच, जिला कलेक्टर श्रीकृष्ण पांचाल भी अपने कार्यालय से बाहर आए और बच्चों की सड़क सुरक्षा के प्रति जागरूकता देखकर स्वयं हैरान रह गए। कई बच्चों ने अपने पसंदीदा रंग और कार्टून वाले हेलमेट चुने, जिनमें उनके छोटे छोटे हीरो भी चित्रित थे। कलेक्टर साहब ने भी अपनी 4 वर्षीय बेटी के लिए एक हेलमेट पसंद किया। और हेलमेट मैन ऑफ इंडिया का धन्यवाद किया.
जिला कार्यालय में अपनी शिकायतें लेकर पहुँचे नागरिकों के चेहरे पर भी बच्चों को देखकर बचपन की यादें ताज़ा हो गईं। कई अभिभावक, जो पहले ही अपने बच्चों को स्कूल छोड़ चुके थे, तुरंत उन्हें वापस लेने के लिए स्कूल पहुँचे—ताकि वे भी अपने बच्चों की सुरक्षा के लिए ‘संजीवनी बूटी हेलमेट’ दिला सकें।
हेलमेट मैन ऑफ इंडिया राघवेंद्र कुमार, जो सुप्रीम कोर्ट से 4 वर्ष के बच्चों के लिए हेलमेट कानून पास कराने में सफल रहे हैं, अब खुद हर जिले में जाकर इस सुरक्षा अभियान को ज़मीन तक पहुँचाने में जुटे हैं।
उनका कहना है कि “कानून बनाना आसान था, लेकिन परिवारों में सुरक्षा की आदत पहुँचाना सबसे बड़ी चुनौती है।”
इसी चुनौती को स्वीकार करते हुए वे अब महाराष्ट्र के सभी जिलों में स्कूलों का दौरा कर रहे हैं। ठाणे जिले में जिला प्रशासन की अनुमति से उनकी टीम स्कूल स्कूल जाकर बच्चों की हेड मैपिंग करेगी और उन्हें रंग-बिरंगे, आकर्षक और सुरक्षित हेलमेट प्रदान करेंगे, जो पहले चरण में पुलिस के बच्चे, बस चालक और ऑटो चालक के बच्चे शामिल होंगे. हेलमेट मैन का कहना है इन बच्चों के सभी पिता एक महाराष्ट्र के योद्धा है क्योंकि अपने घर को समय ना देकर सबसे ज्यादा समय इनका सड़कों ड्यूटी रहता है और किसी भी चुनौती पर यह देवदूत बनकर पहले लोगों की मदद करते हैं इसलिए हमारा फर्ज बनता है इनके परिवार में बच्चों को सबसे पहले हम संजीवनी बूटी हेलमेट देकर खुशियां पहुंचाएं और भारत के भविष्य के लिए उन बच्चों को योद्धा पहले बनाएं.
उद्देश्य साफ है—
“युवा बनने से पहले ही बच्चों में हेलमेट की आदत विकसित की जाए। ऐसा होने से सड़क दुर्घटनाओं में होने वाली मृत्यु और राष्ट्र के प्रतिवर्ष होने वाले भारी आर्थिक नुकसान को काफी हद तक कम किया जा सकता है। महाराष्ट्र में सड़क हादसों में मरने वालों में 80% लोग बाइक सवार, साइकिल सवार और पैदल यात्री हैं—जो सुरक्षा की कमी और हेलमेट न पहनने का परिणाम है।
हाल ही में हेलमेट मैन ऑफ इंडिया की उपस्थिति लोकप्रिय शो KBC में भी चर्चा का विषय बनी।
अमिताभ बच्चन उनसे बेहद प्रभावित हुए और कार्यक्रम में हेलमेट उपहार मिलने पर भावुक हो उठे। अगले ही दिन उन्होंने अपने ब्लॉग में लिखा—
“हेलमेट मैन ऑफ इंडिया को मित्र बनाना मेरा सौभाग्य है।”
नवरात्र के अवसर पर बच्चन साहब ने अपने प्रशंसकों को हेलमेट बांटने के बाद रात को ट्वीट किया हेलमेट बांटने की प्रेरणा हमने हेलमेट मैन ऑफ से ली हैं और उनके सेल्फलेस कार्य से मैं काफी प्रभावित हुआ हूं.
अमिताभ बच्चन ने स्वयं उन्हें महाराष्ट्र की सड़कों पर सुरक्षा कार्य जारी रखने का आमंत्रण दिया.
हेलमेट मैन ऑफ इंडिया 12 वर्ष पूर्व एक सड़क हादसे में अपने मित्र को खोने के बाद प्रण लिया कि सड़क हादसे में कोई भी व्यक्ति हेलमेट ना होने के कारण अपनी जान नहीं गंवाएगा. तब से वे भारत के 22 राज्यों में अभियान चलाकर 75 हजार से अधिक हेलमेट निशुल्क वितरित कर चुके हैं. और हजारों लोगों की जान बचाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा चुके हैं. अब भारतीय सेना भी उनके इस मिशन में साथ खड़ी है.
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