पाकिस्तान और बांग्लादेश के बीच हाल के महीनों में रक्षा सहयोग तेजी से बढ़ता हुआ दिखाई दे रहा है। दुबई एयरशो में पाकिस्तान ने यह घोषणा की कि वह जल्द ही एक दोस्त देश को JF-17 थंडर ब्लॉक-III फाइटर जेट बेचने जा रहा है। यह बात सामने आते ही सैन्य विश्लेषकों ने अनुमान लगाना शुरू कर दिया था कि आखिर यह देश कौन हो सकता है. दो दिन बाद सामने आई रिपोर्ट्स ने संकेत दिया कि यह दोस्त देश दरअसल बांग्लादेश हो सकता है. शेख हसीना सरकार के पतन के बाद बने नये राजनीतिक समीकरणों ने ढाका और इस्लामाबाद के रिश्तों को फिर से सक्रिय कर दिया है. अंतरिम सरकार ने चीन और पाकिस्तान दोनों के साथ रक्षा सहयोग को पुनर्जीवित करने की दिशा में कदम बढ़ाए हैं. ऐसे दौर में JF-17 जैसे आधुनिक लड़ाकू विमान का अधिग्रहण बांग्लादेश वायु सेना के लिए बड़ा बदलाव साबित हो सकता है।
डिफेंस सिक्योरिटी एशिया रिपोर्ट के अनुसार पाकिस्तान बांग्लादेश को 16 से 24 JF-17 थंडर ब्लॉक-III देने के लिए तैयार हो सकता है। अनुमानित सौदा 400 से 700 मिलियन डॉलर के बीच हो सकता है। यह बांग्लादेश वायु सेना के इतिहास का सबसे बड़ा फाइटर जेट अधिग्रहण माना जाएगा. भारत भी इस संभावित समझौते पर नजर बनाए हुए है, क्योंकि यह सौदा पूर्वोत्तर क्षेत्र की सुरक्षा स्थितियों के संतुलन को प्रभावित कर सकता है।
पुराने बेड़े के बीच JF-17 की तलाश क्यों बढ़ी: बांग्लादेश लंबे समय से अपने हवाई बेड़े को आधुनिक रूप देने की कोशिश में है. उसके पास F-7, MiG-29 और Yak-130 जैसे विमान हैं, जिनकी तकनीक आधुनिक युद्धक आवश्यकताओं के मुकाबले कमजोर मानी जाती है. ढाका ने जनवरी 2025 में औपचारिक रूप से JF-17 का मूल्यांकन शुरू किया था, जिसमें मशीन की तकनीकी क्षमता, हथियार प्रणाली और लागत तीनों का अध्ययन किया गया, क्योंकि बांग्लादेश सीमित बजट में आधुनिक तकनीक चाहता है. यह पाकिस्तान-चीन की संयुक्त परियोजना है, इसलिए इसकी कीमत पश्चिमी लड़ाकू विमानों की तुलना में आधी से भी कम आती है. शेख हसीना सरकार के बाद सत्ता में आए नेतृत्व ने पाकिस्तान और चीन के साथ रक्षा सहयोग बढ़ाने में रुचि दिखाई है, जिसके कारण JF-17 की खरीद की संभावना और मजबूत हो गई है।
क्या है JF-17 ब्लॉक-III की खासियत?: JF-17 थंडर पाकिस्तान वायुसेना की मुख्य ताकत माना जाता है. इसका न्यू ब्लॉक-III वर्जन 4.5 जेनरेशन का मल्टीरोल फाइटर है, जिसे चेंगदू एयरक्राफ्ट कॉरपोरेशन और पाकिस्तान एयरोनॉटिकल कॉम्प्लेक्स ने मिलकर विकसित किया है. इस विमान की खासियत इसकी लागत, एडवांस इलेक्ट्रॉनिक सिस्टम और संतुलित युद्धक क्षमता है. इसकी मारक दूरी 3,400 किमी से अधिक हो सकती है और अधिकतम टेक-ऑफ वजन लगभग 13,500 किलोग्राम है. यह हवा से हवा, और हवा से जमीन दोनों प्रकार के अभियानों में सटीक माना जाता है.
जहाज़ रोधी मिसाइल, लेजर-गाइडेड बम, आधुनिक रडार, सेल्फ डिफेंस सिस्टम और 23 मिमी गन इसे मल्टीरोल फाइटर की श्रेणी में मजबूत बनाते हैं. इसकी सर्विस सीलिंग 50,000 फीट है, जिससे यह ऊंचाई वाले मिशनों में भी प्रभावी रहता है. कम लागत और सरल मेंटेनेंस की वजह से मध्यम बजट वाली वायु सेनाओं के लिए यह एक व्यवहारिक समाधान बन जाता है। यह बाते उस समय सामने आया जब पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी इंटर-सर्विस इंटेलिजेंस (ISI) के बांग्लादेश में किसी बड़े प्लान में शामिल होने के संकेत मिले हैं। ISI की एक टीम ढाका समेत बांग्लादेश के प्रमुख शहरों में घूम रही है। इस टीम ने बांग्लादेश की सेना, सरकार के लोगों और दूसरी प्रमुख एजेंसियों के अफसरों से सीक्रेट बैठके की हैं। इतना ही नहीं ये टीम लगातार भारत के बॉर्डर की निगरानी भी कर रही है। इसने भारत की सुरक्षा चिंता बढ़ा दी है। पाकिस्तानी एजेंसियों का बांग्लादेश की जमीन का इस्तेमाल भारत के खिलाफ करने का पुराना इस्तेमाल रहा है। ऐसे में ये एक्टिविटी दिल्ली की फिक्र बढ़ाती हैं। बांग्लादेश के जानेमाने पत्रकार सलाहुद्दीन शोएब चौधरी ने ISI की ढाका में गतिविधियों का खुलासा किया है। अपने ट्वीट में चौधरी ने लिखा, 'ISI की 8 लोगों की टीम बांग्लादेश में है। ये टीम 14 नवंबर को ढाका आई थी और 25 नवंबर तक रहेगी। ये साफ नहीं है कि ये लोग इतने दिन यहां क्या कर रहे हैं। ये पता चला है कि किराए के हेलीकॉप्टर से ISI के अफसर बांग्लादेश-भारत के बॉर्डर वाले इलाकों में जा रहे हैं। आखिर इनको ऐसे संवेदनशील क्षेत्रों में जाने की इजाजत क्यों दी जा रही है।'इतना ही नहीं, भारतीय सीमा पर भी उसके हेलीकॉप्टर लगातार चक्कर लगा रहे हैं। सवाल ये है कि आखिर पाकिस्तान अब किस प्लानिंग में लगा है और बांग्लादेश के जरिए भारत के खिलाफ क्या षडयंत्र रच रहा है। बॉर्डर के पास एक्टिविटी बढ़ी: बांग्लादेश के एक पॉपुलर पत्रकार सलाहुद्दीन शोएब चौधरी ने बांग्लादेश में ISI की गतिविधियों पर बड़ा खुलासा किया है। उन्होंने एक्स पर एक पोस्ट के जरिए बताया है कि पाकिस्तानी ISI की टीम लगातार भारत से सटी सीमाओं के आसपास हेलीकॉप्टर से गश्त कर रही है। उन्होंने एक्स पर लिखा, "पाकिस्तान की बदनाम जासूसी एजेंसी इंटर-सर्विस इंटेलिजेंस (ISI) की 8 लोगों की टीम बांग्लादेश में क्या कर रही है, जो 14 नवंबर को आई थी और 25 नवंबर तक देश में रहेगी? उन्हें किराए के हेलीकॉप्टर से बांग्लादेश-भारत के बॉर्डर वाले इलाकों में जाने की इजाजत क्यों दी जा रही है?"
पाकिस्तान-बांग्लादेश के बीच बढ़ती 'दोस्ती': पिछले साल, दोनों देशों के टॉप लीडर्स, जिसमें बांग्लादेश के चीफ एडवाइजर मोहम्मद यूनुस और पाकिस्तान के प्राइम मिनिस्टर शहबाज शरीफ शामिल हैं, कम से कम तीन बार मिल चुके हैं। अक्टूबर में, बांग्लादेश के फॉरेन अफेयर्स एडवाइजर तौहीद हुसैन ने पाकिस्तान के दूत इमरान हैदर से बातचीत की, जहां वे लंबे समय से बंद पड़े जॉइंट इकोनॉमिक कमीशन को फिर से शुरू करने पर सहमत हुए। अगस्त में, पाकिस्तान के डिप्टी प्राइम मिनिस्टर इशाक डार ढाका गए थे। इस दौरे के दौरान, डिप्लोमैटिक और ऑफिशियल पासपोर्ट होल्डर्स के लिए वीजा-फ्री ट्रैवल अरेंजमेंट पर साइन किए गए। पाकिस्तान ने बांग्लादेशी स्टूडेंट्स के लिए 500 स्कॉलरशिप की भी घोषणा की और सीनियर ब्यूरोक्रेट्स को ट्रेनिंग देने का ऑफर दिया। ये ऐसे कदम हैं जो बांग्लादेश के भविष्य के एडमिनिस्ट्रेटिव एलीट को इस्लामाबाद के फेवर में प्रभावित कर सकते हैं।
आशंका जताई जा रही है कि बांग्लादेश के कर्ज में डूबे होने का फायदा पाकिस्तान और चीन उठाना चाह रहा है। भारत के खिलाफ इसी क्षेत्र से कोई युद्ध की रणनीति बनाई जा रही है।
विदेशी कर्ज़ बढ़ा सिरदर्द, घरेलू उधारी भी बेलगाम
नए आंकड़ों के मुताबिक, बांग्लादेश पर विदेशी कर्ज़ 9,49,000 करोड़ टका है, जबकि घरेलू कर्ज़ 11,95,000 करोड़ टका. कर्ज़ का यह तेज़ उछाल ऐसे समय में दर्ज हुआ है जब देश की राजनीति लगातार उथल-पुथल से गुजर रही है, कानून व्यवस्था लड़खड़ा रही है और औद्योगिक गतिविधियां मंदी की मार झेल रही हैं.
सरकार का खर्च बढ़ा और आय ठप – अंतर खतरनाक तरीके से बढ़ा
बांग्लादेश सरकार की बढ़ती प्रशासनिक लागत और कमजोर राजस्व वसूली ने आय–व्यय के बीच की खाई को और चौड़ा कर दिया है. बीते वित्त वर्ष में कर्ज़ में 2,50,000 करोड़ टका की बढ़ोतरी हुई, जो अब तक की सबसे तेज वृद्धि में से एक है. बांग्लादेश बैंक के मुताबिक, अकेले वित्त वर्ष 2025 में सरकार ने बैंकों से 72,372 करोड़ टका का अतिरिक्त कर्ज लिया. विशेषज्ञ इसे ‘आर्थिक अलार्म बेल’ करार दे रहे हैं।भारतीय सुरक्षा एजेंसियों को सीमावर्ती क्षेत्रों में विशेष सजग रहने की जरूरत है। ( बांग्लादेश बोर्डर से अशोक झा की रिपोर्ट )
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