दार्जिलिंग के सांसद राजू विष्ट ने कहा कि दार्जिलिंग हिल्स, तराई और डुआर्स के लोगों, खासकर हमारे चाय बागान और सिनकोना बागान के मज़दूरों की तरफ से, मैं आज से चार लेबर कोड लागू करने के ऐतिहासिक फैसले के लिए माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी का दिल से शुक्रिया अदा करता हूं। लेबर कोड, यानी मज़दूरी पर कोड, काम की सुरक्षा, स्वास्थ्य और काम करने की स्थिति कोड, इंडस्ट्रियल रिलेशन कोड, और सोशल सिक्योरिटी कोड के लागू होने से 29 पुराने लेबर कानूनों को मॉडर्न बनाया जाएगा। ये कानून संसद ने 2019, 2020 में ही पास कर दिए थे, लेकिन पश्चिम बंगाल जैसे कुछ राज्यों द्वारा नियम बनाने में बेवजह की देरी के कारण इनके लागू होने में देरी हुई।ये कोड प्लांटेशन लेबर एक्ट (1951) जैसे पुराने लेबर कानूनों की जगह लेंगे, और उन्हें हमारे देश के लिए एक आसान, पारदर्शी और मज़दूरों पर केंद्रित लेबर फ्रेमवर्क से बदल देंगे। चाय इंडस्ट्री और सिनकोना बागानों में काम करने वाले हज़ारों मज़दूरों के लिए, इससे मज़दूरों और उनके परिवार के सदस्यों को ज़्यादा मज़दूरी, बेहतर रहने और काम करने के हालात, हेल्थ सुविधाएँ और एक्स्ट्रा फ़ायदे मिलेंगे।ये कोड सभी के लिए कानूनी तौर पर कम से कम मज़दूरी के पेमेंट की गारंटी देते हैं। मज़दूरी पर कोड एक "नेशनल फ़्लोर वेज" पक्का करेगा ताकि किसी भी मज़दूर को कम से कम जीवन स्तर से कम मज़दूरी न मिले। यह मज़दूरी का समय पर पेमेंट भी ज़रूरी बनाता है।इसके अलावा, इन कोड में ज़रूरी अपॉइंटमेंट लेटर, 40 साल से ज़्यादा उम्र के मज़दूरों के लिए मुफ़्त सालाना हेल्थ चेक-अप और PF, इंश्योरेंस और ESIC फ़ायदों सहित बढ़ा हुआ सोशल-सिक्योरिटी कवरेज शामिल है। बागानों, फ़ैक्ट्रियों, MSME और सर्विस सेक्टर में काम करने वाली महिला मज़दूरों को अब बराबर मौके, भेदभाव के ख़िलाफ़ कानूनी सुरक्षा और रेगुलेटेड नाइट शिफ़्ट के नियमों सहित सुरक्षित काम करने के हालात मिलेंगे।ज़रूरी बात यह है कि ये कोड गिग और प्लेटफ़ॉर्म मज़दूरों, कॉन्ट्रैक्ट मज़दूरों, MSME कर्मचारियों, वर्कफ़ोर्स में आने वाले युवाओं और प्रवासी मज़दूरों को फ़ायदे देते हैं। सिंगल रजिस्ट्रेशन और लाइसेंसिंग के ज़रिए कम्प्लायंस को आसान बनाकर, ये सुधार उत्तर बंगाल की लोकल इंडस्ट्रीज़ को भी सपोर्ट करते हैं, जिससे वे बढ़ सकें और ज़्यादा रोज़गार पैदा कर सकें। यह ऐतिहासिक फ़ैसला हमारे देश में एक निष्पक्ष और मॉडर्न वर्क-फ़ोर्स बनाने के लिए हमारी सरकार के कमिटमेंट को दिखाता है। ये कोड हमारे चाय बागानों से लेकर हमारे उभरते इंडस्ट्रियल सेक्टर तक, हर वर्कर के योगदान को पहचान देते हैं। ( बंगाल से अशोक झा की रिपोर्ट )
#बंगाल #मज़दूरक़ानून #चायबागान
दुनियाभर के घुमक्कड़ पत्रकारों का एक मंच है,आप विश्व की तमाम घटनाओं को कवरेज करने वाले खबरनवीसों के अनुभव को पढ़ सकेंगे
https://www.roamingjournalist.com/