बांग्लादेश के ट्रिब्यूनल ने पूर्व पीएम शेख हसीना को दोषी करार दिया है। उन्हें फांसी की सजा सुनाई गई है। उन्हें देश से भगोड़ा करारा दिया गया। दोषियों पर पांच प्रमुख आरोप लगाए गए हैं।इस मामले में बांग्लादेश के पूर्व गृह मंत्री असदुज्जमां खान कमाल को भी फांसी की सजा सुनाई गई है। पूर्व पुलिस महानिरीक्षक चौधरी अब्दुल्ला अल-मामून को सह-अभियुक्त बनाया गया है। लेकिन मामून सरकारी गवाह बन गए हैं। इसलिए अदालत ने मामून को पांच साल की सजा सुनाई है। जस्टिस मोहम्मद गोलाम मुर्तुजा मोजुमदार की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय ट्रिब्यूनल ने 453 पृष्ठों के फैसले के कुछ अंश पढ़े। क्या भारत शेख हसीना को बांग्लादेश को सौंपेगा: 78 वर्षीय हसीना अभी भारत में हैं। सबसे बड़ा सवाल है कि सजा सुनाए जाने के बाद क्या हसीना भारत से बांग्लादेश इस सजा को चुनौती देने के लिए लौटेंगी। हसीना की पार्टी अवामी लीग क्या बांग्लादेश में होने वाले चुनाव लड़ने के लिए अदालत जाएगी, क्योंकि अवामी लीग वहां अभी प्रतिबंदित है। हसीना के बेटे ने धमकी दी थी कि अगर उनकी मां को फांसी हुई तो बांग्लादेश जल जाएगा। अब जबकि फांसी की सजा सुनाई जा चुकी है, अवामी लीग, शेख हसीना और उनके बेटे की प्रतिक्रिया अभी आनी है। उन्हें पिछले वर्ष 5 अगस्त को उन्हें पद से हटा दिया गया था। असदुज्जमां को भगोड़ा करार दिया गया है जबकि मामून हिरासत में है और उसने अपना अपराध स्वीकार कर लिया है। मामून सरकारी गवाह भी बन गए हैं। ऐसा करने वाला वो पहले अभियुक्त हैं। अभियोजकों ने अभियुक्तों के विरुद्ध पाँच आरोप दर्ज किए हैं, जिनमें हत्या को रोकने में विफलता भी शामिल है, जो बांग्लादेशी कानून के तहत मानवता के विरुद्ध अपराध है। उन्होंने अभियुक्तों के दोषी पाए जाने पर मृत्युदंड की माँग की है। अभियोजकों ने न्यायाधिकरण से यह भी अनुरोध किया है कि यदि तीनों अभियुक्त दोषी पाए जाते हैं तो उनकी संपत्ति जब्त कर ली जाए और उसे पीड़ितों के परिवारों में बाँट दिया जाए। शेख हसीना और असदुज्जमां पर 5 आरोपों में क्या क्या कहा गया है आरोप 1 में प्रतिवादियों पर हत्या, हत्या के प्रयास, यातना और अन्य अमानवीय कृत्यों का आरोप लगाया गया। उन पर कानून प्रवर्तन और अवामी लीग तथा उसके सहयोगियों के सशस्त्र कैडरों द्वारा नागरिकों के खिलाफ किए गए इन अपराधों को उकसाने, बढ़ावा देने, सुविधाजनक बनाने, मिलीभगत करने और रोकने में विफल रहने का आरोप लगाया गया। इस आरोप में विशेष रूप से कहा गया है कि हसीना के 14 जुलाई के प्रेस ब्रीफिंग के बाद, तत्कालीन गृह मंत्री असदुज्जमां, तत्कालीन आईजीपी मामून और तत्कालीन सरकार के अन्य उच्च अधिकारियों ने निर्दोष, निहत्थे छात्र समूहों पर गंभीर और व्यवस्थित हमले को उकसाया, सहायता की और उसमें मिलीभगत की।आरोप 2 में, हसीना पर हेलीकॉप्टरों, ड्रोनों और घातक हथियारों जरिए छात्र प्रदर्शनकारियों के सफाए का आदेश देने का आरोप है। अभियोजन पक्ष ने आरोप लगाया कि तत्कालीन गृह मंत्री और तत्कालीन आईजीपी ने अपने अधिकार क्षेत्र के तहत कानून प्रवर्तन कर्मियों को निर्देश देकर इस निर्देश को सुविधाजनक बनाया और कार्यान्वित किया। इस आरोप में प्रतिवादियों पर जानबूझकर मानवता के खिलाफ अपराध करने का आदेश देने, सुविधाजनक बनाने, मिलीभगत करने और साजिश रचने का आरोप लगाया गया। आरोप 3 में प्रतिवादियों पर रंगपुर में बेगम रुकय्या विश्वविद्यालय के पास अबू सईद नामक एक प्रदर्शनकारी छात्र की हत्या का आरोप लगाया गया। हसीना पर भड़काऊ टिप्पणी करने और प्रदर्शनकारी छात्रों के खिलाफ घातक हथियारों के इस्तेमाल का आदेश देने का आरोप है। इस निर्देश के जवाब में, असदुज्जमां और मामून, उस समय के अन्य वरिष्ठ सरकारी अधिकारियों के साथ, कथित तौर पर अपने अधीनस्थ कानून प्रवर्तन कर्मियों और सशस्त्र अवामी लीग कैडरों के कार्यों को उकसाया, सहायता की और उसमें मिलीभगत की। निहत्थे छात्र प्रदर्शनकारियों पर व्यापक और व्यवस्थित हमले के हिस्से के रूप में, पिछले साल 16 जुलाई को, कानून प्रवर्तन अधिकारियों ने बिना किसी उकसावे के छात्र प्रदर्शनकारी अबू सईद की छाती में करीब से कई गोलियाँ चलाईं। अभियोजन पक्ष ने आरोप लगाया कि प्रतिवादियों ने आदेश दिया, उकसाया, सहायता की, सुविधाजनक बनाया, मिलीभगत की, साजिश रची और अन्य अमानवीय कृत्य किए, जो मानवता के खिलाफ अपराध हैं।आरोप 4 में प्रतिवादियों पर पिछले साल 5 अगस्त को ढाका के चनखारपुल में छह निहत्थे प्रदर्शनकारियों की गोली मारकर हत्या करने का आरोप लगाया गया। हसीना पर भड़काऊ टिप्पणी करने और छात्र प्रदर्शनकारियों के खिलाफ घातक हथियारों के इस्तेमाल का आदेश देने का आरोप है। इस निर्देश के जवाब में, पूर्व गृह मंत्री और पूर्व आईजीपी ने, उस समय के अन्य वरिष्ठ सरकारी अधिकारियों के साथ, कथित तौर पर अपने अधीनस्थ कानून प्रवर्तन कर्मियों और सशस्त्र अवामी लीग कैडरों द्वारा किए गए कार्यों को उकसाया, सहायता की और उसमें मिलीभगत की। अभियोजन पक्ष ने जोर देकर कहा कि चनखारपुल में छह निहत्थे प्रदर्शनकारियों की गोली मारकर हत्या जानबूझकर प्रतिवादियों के आदेश, उकसावे, सहायता, सुविधा, मिलीभगत और साजिश के तहत की गई थी, जो मानवता के खिलाफ अपराध है।आरोप 5 में, प्रतिवादियों पर पिछले साल 5 अगस्त को आशुलिया में छह छात्र प्रदर्शनकारियों की गोली मारने का आरोप है - जिनमें से पाँच को बाद में मौत के बाद जला दिया गया, जबकि छठे को कथित तौर पर जिंदा रहते हुए आग लगा दी गई थी। हसीना पर भड़काऊ टिप्पणी करने और छात्र प्रदर्शनकारियों के खिलाफ घातक हथियारों के इस्तेमाल का आदेश देने का आरोप है। इस निर्देश के बाद, प्रतिवादियों ने, उस समय के अन्य वरिष्ठ सरकारी अधिकारियों के साथ, कथित तौर पर अपने अधीनस्थ कानून प्रवर्तन कर्मियों और सशस्त्र अवामी लीग कैडरों द्वारा किए गए कार्यों को उकसाया, सुविधाजनक बनाया और उसमें मिलीभगत की। अभियोजन पक्ष ने जोर देकर कहा कि यह कृत्य जानबूझकर प्रतिवादियों के आदेश, उकसावे, सहायता, सुविधा, मिलीभगत और साजिश के तहत किया गया था, जो यातना और हत्या जैसे अन्य अमानवीय कृत्यों सहित मानवता के खिलाफ अपराध है।
बांग्लादेश में हिंसा की घटनाएं, देखते ही गोली मारने का आदेश : ढाका मेट्रोपॉलिटन पुलिस (डीएमपी) कमिश्नर शेख मोहम्मद सज्जात अली ने आगजनी, कॉकटेल विस्फोट या पुलिस व नागरिकों को नुकसान पहुँचाने की कोशिश में शामिल किसी भी व्यक्ति को देखते ही गोली मारने का आदेश जारी किया। बांग्लादेश में प्रतिबंधित अवामी लीग ने 17 नवंबर को बंद का आह्वान किया है और इस दौरान वहां हिंसा हो रही है। पिछले दो दिनों में, ढाका में मीरपुर, हातिरझील, अगरगांव, न्यू एस्कैटन और एयरपोर्ट रेलवे स्टेशन के पास आगजनी की नौ घटनाएँ और बार-बार विस्फोट हुए हैं। पुलिस का कहना है कि 15 स्थानों पर 17 विस्फोट हुए, जिनमें 17 मामले दर्ज किए गए और अब तक 50 गिरफ्तारियाँ हुई हैं।शेख हसीना के बेटे बोले- मेरी मां भारत में सुरक्षित
अल जजीरा के मुताबिक शेख हसीना के बेटे सजीब वाजेद ने कुछ दिन पहले पत्रकारों से कहा था कि उन्हें पहले से पता है कि उनकी मां को मौत की सजा दी जाएगी। उन्होंने कहा कि हसीना भारत में सुरक्षित हैं और भारतीय सुरक्षा एजेंसियां उनकी पूरी रक्षा करेंगी। वाजेद ने कहा कि शेख हसीना 5 बार प्रधानमंत्री रही हैं और देश में उनके बहुत समर्थक हैं। उनकी पार्टी अवामी लीग बांग्लादेश की दो सबसे बड़ी पार्टियों में से एक है। इसलिए वे इस फैसले को हल्के में नहीं लेंगे। तीनों आरोपी कहां हैं? शेख हसीना के अलावा, इस मामले में अन्य दो आरोपी पूर्व गृह मंत्री असदुज्जमां खान और पूर्व IGP चौधरी अब्दुल्ला अल-ममून हैं। तीनों आरोपियों में से शेख हसीना और असदुज्जमां फरार हैं। दोनों अब भारत में रह रहे हैं। वहीं, तीसरे आरोपी चौधरी अब्दुल्ला अल-ममून सरकारी गवाह बन चुके हैं। (बांग्लादेश बोर्डर से अशोक झा की रिपोर्ट )
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