दिल्ली के लाल किला मेट्रो स्टेशन के पास 10 नवंबर को हुए कार धमाके को लेकर कई अहम खुलासे हुए हैं। इस मामले में गिरफ्तार फरीदाबाद आतंकी मॉड्यूल के सदस्य डॉ. शाहीन शाहिद ने कबूल किया है कि वह अपने साथी आतंकियों के साथ देशभर में हमलों की साजिश रच रही थी।दिल्ली पुलिस और सुरक्षा एजेंसियों ने एक ऐसी बड़ी आतंकी साज़िश को नाकाम कर दिया है, जिसके तार सीधे गणतंत्र दिवस से जुड़े हुए थे। जांच में यह सामने आया है कि गिरफ्तार किए गए आतंकी मॉड्यूल से जुड़े डॉक्टर मुज़म्मिल गनाई ने इस साल जनवरी के महीने में कई बार लाल किले और उसके आस-पास के इलाकों की रेकी (जासूसी) की थी। यह सिर्फ एक धमाका नहीं, बल्कि जैश-ए-मोहम्मद (Jaish-e-Mohammed) और अंसार गजवात-उल-हिंद जैसे खूंखार आतंकी संगठनों से जुड़े एक बड़े नेटवर्क का संकेत है, जिसमें शिक्षित और पेशेवर चेहरे (डॉक्टर) शामिल थे। इस मॉड्यूल के पर्दाफाश ने यह साबित कर दिया है कि अगर समय पर सतर्कता न बरती जाती, तो 26 जनवरी को लाल किले पर एक बड़ी और घातक आतंकी वारदात को अंजाम दिया जा सकता था।
मुज़म्मिल गनाई की 'जनवरी रेकी' का राज
दिल्ली पुलिस की जाँच में डॉ. मुज़म्मिल गनाई के मोबाइल डंप डेटा और टॉवर लोकेशन की पड़ताल की गई, जिससे यह चौंकाने वाली जानकारी सामने आई। पता चला कि मुज़म्मिल ने जनवरी के पहले हफ्ते में कई बार लाल किले के आस-पास की सुरक्षा व्यवस्था, भीड़भाड़ और भीड़ के आने-जाने के पैटर्न का जायजा लिया था। पुलिस का मानना है कि यह रेकी गणतंत्र दिवस के मौके पर लाल किले को निशाना बनाने की बड़ी साजिश का हिस्सा थी। उस वक्त इलाके में बढ़ाई गई गश्त और सुरक्षा एजेंसियों की सतर्कता के चलते आतंकियों की यह साजिश कामयाब नहीं हो पाई थी। डॉ. मुज़म्मिल गनाई के मोबाइल डेटा से यह भी पुष्टि हुई है कि वह अकेला नहीं था, बल्कि वह डॉ. उमर नबी के साथ वहाँ गया था। उमर नबी अल-फलाह यूनिवर्सिटी में असिस्टेंट प्रोफेसर था और वही उस कार को चला रहा था, जिसमें सोमवार को विस्फोट हुआ था। इन दोनों ने मिलकर लाल किले के पास की सुरक्षा और लोगों की आवाजाही का गहन अध्ययन किया था, जिसका उद्देश्य 26 जनवरी से पहले की विस्तृत रेकी करना था।
2,500 किलोग्राम विस्फोटक बरामद, 9 आरोपी गिरफ्तार
इस मॉड्यूल का पर्दाफाश हाल ही में दिल्ली के लाल किले के पास हुए विस्फोट के बाद हुआ, जिसमें 10 लोगों की मौत हो गई और कई अन्य घायल हो गए। पुलिस ने बताया कि यह मॉड्यूल जैश-ए-मोहम्मद और अंसार गजवात-उल-हिंद जैसे आतंकी संगठनों से जुड़ा हुआ था। इस सिलसिले में अब तक कुल नौ लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है, जिनमें तीन डॉक्टर भी शामिल हैं। पुलिस ने जम्मू-कश्मीर, हरियाणा और उत्तर प्रदेश में फैले इस खतरनाक नेटवर्क से करीब 2,500 किलोग्राम विस्फोटक सामग्री बरामद की है। इस विस्फोटक में अमोनियम नाइट्रेट, पोटेशियम क्लोरेट और सल्फर जैसे घातक रसायन शामिल थे। फॉरेंसिक साइंस लेबोरेटरी (FSL) ने विस्फोट स्थल से लगभग 40 नमूने एकत्र किए हैं, और प्रारंभिक जांच में एक नमूना अमोनियम नाइट्रेट का पाया गया है। जांच में सामने आया कि धमाके वाली जगह से दो कारतूस, जिंदा गोलियां और दो अलग-अलग प्रकार के विस्फोटकों के नमूने बरामद किए गए हैं। प्रारंभिक संकेतों से पता चला है कि दूसरा विस्फोटक अमोनियम नाइट्रेट से भी ज्यादा शक्तिशाली है, जिसका सटीक विश्लेषण विस्तृत फॉरेंसिक जांच के बाद सामने आएगा। सोमवार को ही पुलिस ने फरीदाबाद से 360 किलोग्राम अमोनियम नाइट्रेट बरामद किया था।
मेवात से नौवां आरोपी गिरफ्तार, कड़ी हुई दिल्ली की सुरक्षा: इसी आतंकी मॉड्यूल से जुड़े एक और अहम आरोपी को जम्मू-कश्मीर पुलिस ने बुधवार को हिरासत में ले लिया। यह शख्स है मौलवी इश्तियाक, जिसे हरियाणा के मेवात इलाके से पकड़ा गया है। वह फरीदाबाद में अल-फलाह यूनिवर्सिटी परिसर के भीतर एक किराए के मकान में रह रहा था। पुलिस ने बताया कि उसी मकान से 2,500 किलोग्राम से ज्यादा विस्फोटक बरामद किए गए थे। इश्तियाक अब इस मामले में नौवां आरोपी है। इस बड़ी साजिश के खुलासे और विस्फोट के बाद दिल्ली पुलिस ने पूरे राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में सुरक्षा व्यवस्था को बेहद कड़ा कर दिया है। सभी प्रवेश और निकास बिंदुओं (एंट्री-एग्जिट) पर पुलिस और अर्धसैनिक बलों की तैनाती बढ़ा दी गई है। दिल्ली में प्रवेश करने वाले और बाहर जाने वाले हर वाहन की सघन जांच की जा रही है। वरिष्ठ पुलिस अधिकारी स्वयं गाज़ीपुर, सिंघु, टिकरी और बदरपुर जैसे अंतरराज्यीय बॉर्डरों पर सुरक्षा जांच की निगरानी कर रहे हैं। बाजारों, मेट्रो स्टेशनों, रेलवे टर्मिनलों और बस अड्डों पर भी रैंडम चेकिंग की जा रही है। एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, "हम कोई जोखिम नहीं ले रहे हैं। हमारा मुख्य फोकस लोगों के विश्वास को बनाए रखने और शहर को पूरी तरह सुरक्षित रखने पर है।" दिल्ली के संवेदनशील इलाकों में स्निफर डॉग्स, मेटल डिटेक्टर और एंटी-सैबोटाज टीमों को तैनात किया गया है। सुरक्षा एजेंसियों ने साफ किया है कि यह मामला राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़ा हुआ है और इससे संबंधित हर लिंक की जांच बारीकी से की जा रही है ताकि आतंक के इस पूरे नेटवर्क को पूरी तरह से ध्वस्त किया जा सके।डॉ. शाहीन शाहिद और उनके भाई डॉ. परवेज से जुड़ी जांच के दौरान मिली नई जानकारी के आधार पर की गई। दावा किया जा रहा है कि दिल्ली विस्फोट वाले दिन इस डॉक्टर की परवेज और शाहीन के संपर्क में रहने वालों से बात हुई थी।
परवेज से पूछताछ में खुलासे
सूत्रों के अनुसार, दिल्ली विस्फोट की जांच में गिरफ्तार डॉ. शाहीन के भाई डॉ. परवेज से पूछताछ में कई चौंकाने वाले खुलासे सामने आए हैं। एटीएस को पता चला कि दिल्ली धमाके वाले दिन कानपुर के इस डॉक्टर की बातचीत डॉ. परवेज और शाहीन के संपर्क में रहने वाले कई लोगों से हुई थी।
जांच एजेंसियों का कहना है कि हिरासत में लिया गया डॉक्टर भी एमबीबीएस पास है। कुछ समय पहले वह जम्मू-कश्मीर गया था। इससे उसके ऊपर संदेह और गहरा गया है। एटीएस को शक है कि इस डॉक्टर के भी शाहीन और उसके नेटवर्क से गहरे संबंध हैं।
डॉक्टर से मिले अहम सबूत
एटीएस की टीम ने डॉक्टर के मोबाइल फोन, कॉल डिटेल और सोशल मीडिया चैट की जांच शुरू कर दी है। जांच में पता चला है कि डॉक्टर की बातचीत दिल्ली ब्लास्ट से जुड़े कई संदिग्ध नंबरों से हुई थी। मोबाइल डेटा में ऐसे कोडवर्ड्स और संदेश भी मिले हैं, जिनसे जांच एजेंसियों को आतंकी गतिविधियों की आशंका गहराई से जांचने का आधार मिला है।
सूत्रों का कहना है कि इस डॉक्टर के विभिन्न विदेशी नंबरों से भी संपर्क मिले हैं, जिसके बाद खुफिया एजेंसियों ने उसे हिरासत में लेकर कड़ी पूछताछ शुरू कर दी है।
एटीएस की त्वरित कार्रवाई
बुधवार शाम को एटीएस ने कानपुर स्थित डॉक्टर के घर पर अचानक छापा मारा। कार्रवाई इतनी तेज थी कि आरोपी डॉक्टर को भनक तक नहीं लगी।
एटीएस सूत्रों के मुताबिक, अगर टीम कुछ देर और कर देती, तो डॉक्टर उसी शाम शहर छोड़कर भागने की तैयारी में था। डॉक्टर को हिरासत में लेकर पूछताछ के लिए लखनऊ लाया गया है। यहां एटीएस, आईबी और एसटीएफ की संयुक्त टीम उससे लगातार सवाल-जवाब कर रही है।
परवेज के घर से मिले संदिग्ध सामान
इसी बीच, एटीएस और जम्मू पुलिस की टीम ने मंगलवार रात लखनऊ के मड़ियांव स्थित मुत्तकीपुर गांव में डॉ. परवेज के घर पर फिर से छापा मारा। जांच के दौरान एजेंसियों को कई संदिग्ध वस्तुएं और अहम इलेक्ट्रॉनिक सबूत मिले। उसके घर से एजेंसियों ने 9 मोबाइल फोन, 1 लैपटॉप एवं कई इलेक्ट्रॉनिक गैजेट्स, बड़ा चाकू और सहारनपुर नंबर की एक अल्टो कार को जब्त किया गया है।
अल्टो कार को स्थानीय मड़ियांव पुलिस ने अपने कब्जे में लेकर लावारिस वाहन के रूप में दर्ज किया है। इसके अलावा घर में खड़ी लखनऊ नंबर की स्प्लेंडर बाइक को टीम ने फिलहाल वहीं छोड़ दिया है।
दिल्ली धमाके के बाद बढ़ी सख्ती
दिल्ली में हाल ही में हुए कार ब्लास्ट के बाद से देशभर में सुरक्षा एजेंसियां अलर्ट पर हैं। खुफिया सूत्रों का कहना है कि इस घटना के पीछे एक संगठित नेटवर्क काम कर रहा है, जिसकी जड़ें दिल्ली, लखनऊ, कानपुर और जम्मू-कश्मीर तक फैली हो सकती हैं। एटीएस अब यह जांच रही है कि डॉ. शाहीन, डॉ. परवेज और कानपुर के डॉक्टर के बीच क्या आपसी संबंध थे? क्या इनका किसी आतंकी संगठन से प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष जुड़ाव था?
सूत्रों का दावा है कि कानपुर से हिरासत में लिया गया डॉक्टर जांच की अहम कड़ी साबित हो सकता है। उसकी कॉल डिटेल्स और चैट से जो जानकारी मिली है, उससे दिल्ली विस्फोट कांड की साजिश का बड़ा हिस्सा सामने आ सकता है। ( अशोक झा की रिपोर्ट )
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