- भारत पर हमले के लिए बांग्लादेश मार्ग का इस्तेमाल करने की साजिश
- दावा बांग्लादेश में उसके कई लोग सक्रिय हैं जो भारत के खिलाफ जिहादी गतिविधियों में शामिल
- 1971 युद्ध के बाद पहली बार पाकिस्तान का कोई जंगी जहाज बांग्लादेश पहुंचा
बांग्लादेश बोर्डर से अशोक झा: लश्कर -ए-तैय्यबा के कमांडर सैफुल्लाह सैफ ने एक वीडियो में दावा किया है कि हाफिज सईद बांग्लादेश के रास्ते भारत पर हमले की तैयारी कर रहा है। यह वीडियो 30 अक्टूबर को पाकिस्तान के खैरपुर तमीवाली में हुई रैली का बताया जा रहा है। पाकिस्तान में सक्रिय आतंकवादी संगठन लश्कर-ए-तैयबा (LeT) अब भारत पर हमलों के लिए बांग्लादेश को नए लॉन्चपैड के रूप में विकसित करने की कोशिश में है लश्कर-ए-तैय्यबा के कमांडर सैफुल्लाह सैफ ने एक वीडियो में दावा किया है कि हाफिज सईद बांग्लादेश के रास्ते भारत पर हमले की तैयारी कर रहा है। यह वीडियो 30 अक्टूबर को पाकिस्तान के खैरपुर तमीवाली में हुई रैली का बताया जा रहा है। एक वीडियो में सैफुल्लाह सैफ साफ शब्दों में कहते नजर आ रहा है, 'हाफिज सईद चुप नहीं बैठा है, वह भारत पर हमले के लिए बांग्लादेश मार्ग का इस्तेमाल करने की योजना बना रहा है। उसने बताया कि पूर्वी पाकिस्तान यानी बांग्लादेश में उसके कई लोग सक्रिय हैं और भारत के खिलाफ जिहादी गतिविधियों में लगे हुए हैं। सैफुल्लाह ने किया बड़ा दावा: रैली के दौरान सैफुल्लाह ने कहा कि एक सहयोगी को बांग्लादेश भेजा गया है, जो वहां स्थानीय युवाओं को जिहाद के लिए तैयार कर रहा है और उन्हें आतंक प्रशिक्षण दे रहा है। उसका दावा है कि बांग्लादेश अब भारत के खिलाफ साजिशों का एक लॉन्चपैड बनता जा रहा है। वीडियो में दिखी बच्चों की मौजूदगी: वीडियो में बच्चों की मौजूदगी भी दिखाई गई, जिससे यह संकेत मिलता है कि आतंकी संगठन अपने एजेंडे के लिए नाबालिगों का इस्तेमाल कर रहे हैं। सुरक्षा विशेषज्ञों के अनुसार, यह आरोप चिंता का विषय है क्योंकि बच्चे भी अब कट्टरपंथी विचारों से प्रभावित किए जा रहे हैं। सैफुल्लाह ने की पाकिस्तान सेना की तारीफ: सैफुल्लाह ने अपने भाषण में पाकिस्तान सेना की तारीफ की और कहा कि 9-10 मई की रात के बाद पाकिस्तान ने जवाबी कार्रवाई की। उसने ये भी दावा किया कि अमेरिका और बांग्लादेश कथित रूप से पाकिस्तान के करीब आ रहे हैं। हालांकि, यह सभी बातें सैफुल्लाह के दावों और वायरल वीडियो पर आधारित हैं। इन गंभीर आरोपों की पुष्टि के लिए स्वतंत्र जांच और आधिकारिक पुष्टि की आवश्यकता है। वीडियो के सामने आने के बाद सुरक्षा एजेंसियों और विदेश नीति से जुड़े अधिकारियों के लिए कई महत्वपूर्ण सवाल उठ सकते हैं। दूसरी ओर 1971 युद्ध के बाद पहली बार पाकिस्तान का कोई जंगी जहाज बांग्लादेश पहुंचा है। पाकिस्तानी नौसेना का युद्धपोत पीएनएस सैफ बांग्लादेश के चटगांव (चटोग्राम) पहुंचा है. हालांकि इसे गुडविल मिशन बताया जा रहा है, लेकिन खास बात है कि इसी दौरान पाकिस्तानी नौसेना प्रमुख नाविद अशरफ भी बांग्लादेश की राजधानी ढाका में मौजूद हैं। अशरफ के दौरे पर बांग्लादेशी सेना ने एक आधिकारिक बयान जारी कर बताया कि पाकिस्तानी नौसेना प्रमुख ने ढाका दौरे पर बांग्लादेशी सेना प्रमुख वकार उज जमा से मुलाकात की है। इस मुलाकात के दौरान दोनों ने पाकिस्तान और बांग्लादेश के बीच रक्षा सहयोग बढ़ाने पर चर्चा की। साथ ही दोनों देशों की सैन्य ताकत मजबूत करने पर जोर दिया गया।बांग्लादेशी नौसेना ने पाकिस्तानी जहाज को दी सलामी: बांग्लादेश की नौसेना के मुताबिक इस जंगी जहाज की कमान कैप्टन शुजात अब्बास राजा के पास है. चटगांव पहुंचने से पहले बांग्लादेशी नौसेना की ओर से समुद्र में ही पाकिस्तानी जहाज को औपचारिक सलामी दी गई और बंदरगाह तक एस्कॉर्ट किया गया. यात्रा के दौरान दोनों देशों की नौसेनाओं के अधिकारी आपस में बातचीत करेंगे. बता दें कि ये यात्रा 12 नवंबर को समाप्त होगी।
बता दें कि अगस्त 2024 में शेख हसीना सरकार के जाने के बाद पाकिस्तान उन शुरुआती देशों में शामिल था, जिसने मोहम्मद यूनुस की अंतरिम सरकार का स्वागत किया. इसके बाद से ढाका और इस्लामाबाद में रिश्ते लगातार बेहतर हो रहे हैं, जबकि भारत और बांग्लादेश के संबंधों में तनाव बढ़ता जा रहा है। तकनीकी खराबी से जूझ रहे हैं पाकिस्तानी वॉरशिप: पाकिस्तानी वॉरशिप PNS सैफ इन दिनों तकनीकी खराबी से जूझ रहा है. रिपोर्ट्स के मुताबिक इस जंगी जहाज के HP-5 स्टेबलाइजर सिस्टम में गड़बड़ी आई है. इसके कारण समुद्री यात्रा के दौरान जहाज का कंट्रोल प्रभावित हो सकता है और नेविगेशन में काफी दिक्कतें आ सकती हैं. PNS सैफ को चीन ने 2010 में पाकिस्तान को बेचा था. यह वही फ्रिगेट क्लास का जहाज है जिसमें PNS शमशीर और PNS आसलत भी शामिल हैं।।रक्षा विश्लेषकों के अनुसार, चीन ने इस क्लास के जहाजों की सप्लाई के लिए पाकिस्तान से करीब 6,375 करोड़ रुपए वसूले थे, लेकिन अब बार-बार आ रही खराबियों ने चीनी हथियारों की गुणवत्ता पर फिर से सवाल खड़े कर दिए हैं।
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