नेपाल के सेंट्रल बैंक ने गुरुवार (27 सितंबर) को 100 रुपए का नया नोट जारी किया है। इस नोट को जारी करते ही भारत और नेपाल के बीच एक नया सीमा विवाद खड़ा हो गया। इससे दोनों देशों के बीच रिश्ते और खराब होने की संभावना है। नेपाल के सेंट्रल बैंक ने गुरुवार को 100 रुपये का नया नोट जारी किया, जिसमें देश का बदला हुआ पॉलिटिकल मैप दिखाया गया है।
नेपाल ने इन भारतीय इलाकों पर अपना दावा किया है
100 रुपये की करेंसी पर छपे इस मैप में नेपाल ने विवादित कालापानी, लिपुलेख और लिंपियाधुरा इलाकों को अपने देश का हिस्सा दिखाया है। भारत ने इस कदम को "एकतरफ़ा" और "बनावटी इलाका बढ़ाना" बताया है। नेपाल राष्ट्र बैंक (NRB) द्वारा जारी किए गए नए नोट पर पूर्व गवर्नर डॉ. महा प्रसाद अधिकारी के साइन हैं और जारी करने की तारीख विक्रम संवत 2081 (2024 AD) है। उस समय के प्रधानमंत्री के.पी. शर्मा ओली की सरकार ने मई 2020 में पार्लियामेंट में एक कॉन्स्टिट्यूशनल अमेंडमेंट पास करके कालापानी, लिपुलेख और लिंपियाधुरा को अपने इलाके में शामिल करने वाले नए मैप को ऑफिशियली मान्यता दी थी। वही बदला हुआ मैप अब 100 रुपये के नोट पर छपा है।
पूर्व प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली के काम
इसे पूर्व प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली के कामों की वजह से बताया जा रहा है, जिन्हें हाल ही में ज़ेन-जी मूवमेंट में हटा दिया गया था। NRB के स्पोक्सपर्सन गुणाकर भट्ट ने साफ किया कि नेपाल के बैंक नोटों में सिर्फ 100 रुपये के नोट पर देश का मैप है। 5, 10, 20, 50, 500 और 1,000 रुपये के नोटों पर मैप नहीं है। उन्होंने कहा, "पुराने 100 रुपये के नोट पर भी यही मैप था; अब इसे बस सरकार के नए फैसले को दिखाने के लिए अपडेट किया गया है।"
भारत ने कड़ा विरोध जताया
भारत ने नेपाल के इस एक्शन पर कड़ा विरोध जताया है। भारत ने दोहराया कि लिपुलेख, कालापानी और लिम्पियाधुरा उसके इलाके के ज़रूरी हिस्से हैं और नेपाल का यह कदम असल में गलत और मंज़ूर नहीं है। नेपाल की सीमा भारत के पांच राज्यों-सिक्किम, पश्चिम बंगाल, बिहार, उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड-के साथ 1,850 किलोमीटर से ज़्यादा लंबी है। इस इलाके को लेकर दोनों देशों के बीच लंबे समय से सीमा विवाद चल रहा है। ( नेपाल बॉर्डर से अशोक झा की रिपोर्ट )
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