मैं अपने मोहल्ले में हर दूसरे दिन चोरी और लूट से तंग आ गया था। अलार्म सिस्टम बेकार था, इसलिए मैंने उसे उखाड़ फेंका और हमारी इनएफेक्टिव नेबरहुड वॉच से अपना नाम हटा दिया। इसके बजाय, मैंने अपने सामने वाले बगीचे के हर कोने में एक पाकिस्तानी झंडा लगा दिया।
अब, शहर की पुलिस, राष्ट्रीय सुरक्षा ब्यूरो, स्कॉटलैंड यार्ड, एमआई-5, एमआई-6, सीआईए और यूरोप की हर दूसरी खुफिया सेवा मेरे घर पर चौबीसों घंटे नज़र रख रही है। न सिर्फ मुझे हर दिन काम पर आते-जाते देखा जाता है बल्कि मेरी पत्नी को भी जब वह खरीदारी के लिए बाहर जाती है, इसलिए कोई हमें बिल्कुल परेशान नहीं करता। यहां तक की मेरे क्षेत्र में आने वाले कबाड़ी, फालतू घुमक्कड़ और अखबार वालों से भी 50 प्रश्न किए जाते हैं। अब यहां फालतू घूमने वाले का उसके घर तक पीछा किया जाता है। मेरे आसपास के क्षेत्र में चोरी, लूट, हिंसा, छेड़छाड़ बंद हो गई है। अब कीमती सामान घरों के बाहर पड़ा रहता है, कोई छूता नहीं। जब मैं ऑफिस या बाहर होता हूं और कोई ऑनलाइन डिलीवरी आनी होती है, तो मैं उसे बगीचे में रखने की बोल देता हूं, पूरा दिन सामान खुले में पड़ा रहने के बाद भी उसे अब कोई नहीं छूता। मैंने पहले कभी इतना सुरक्षित महसूस नहीं किया... सारा श्रेय पापिस्तान को जाता है।"
---- एस थॉमस, ब्रिटिश नागरिक, लंदन।
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