बंगाल में भाजपा चुनाव सह प्रभारी एवं त्रिपुरा के पूर्व मुख्यमंत्री बिप्लब देब ने हमले की साज़िश का आरोप टीएमसी पर लगाया है। कहा है कि ममता सरकार में नहीं है ममता। हाल ही में आई आपदा में राष्ट्रीय राजमार्ग का एक बड़ा हिस्सा और उत्तर बंगाल की कई महत्वपूर्ण सड़कें क्षतिग्रस्त हो गई हैं। कई पुल ढह गए हैं और संचार व्यवस्था लगभग ध्वस्त हो गई है। इससे पर्यटन प्रभावित हुआ है। क्षेत्र के निवासी भी परेशानी में हैं। पीड़ित परिवार राहत बचाव के नाम पर लुट किए जाने का आरोप लगा रहे है। लोक निर्माण विभाग ने क्षतिग्रस्त सड़कों के पुनर्निर्माण और मरम्मत कार्य को शीघ्र पूरा करने के लिए एक अधिसूचना जारी की है। ध्वस्त पुलों का निर्माण शीघ्र हो, यह सुनिश्चित करने के लिए वरिष्ठ अधिकारियों की एक टीम उत्तर बंगाल में निगरानी के लिए भेजी जा रही है। सड़कों का निर्माण शीघ्रता से किया जाएगा, लेकिन उन्हें टिकाऊ बनाए रखने के लिए पिच या बिटुमिनस का उपयोग किया जाएगा। लोक निर्माण विभाग ने इस संबंध में दो अलग-अलग अधिसूचनाएँ भी जारी की हैं।
लोक निर्माण विभाग की योजना शाखा द्वारा जारी अधिसूचना में कहा गया है कि सड़क पर दो प्रकार के 40 मिमी 'बिटुमिनस ओवरले' लगाए जाएँगे। पहले चरण में 40 मिमी की एक परत होगी। दूसरा दो चरणों में होगा, यानी दो 20 मिमी प्री-मिक्स कार्पेट (पीसी) और सील कोट (एससी) के रूप में। प्रत्येक परियोजना में, ठेकेदार को तीन वर्षों तक सड़क रखरखाव की ज़िम्मेदारी लेनी होगी। विभाग के अनुसार, पहले बिटुमिनस ओवरले में सड़क की स्थिरता बनाए रखने पर ज़ोर दिया गया है, ताकि पुराने बेस, सब-बेस या सब-ग्रेड को कोई नुकसान न हो। नए निर्देशों के अनुसार, सुरक्षा जमा राशि वापस करने की समय-सारिणी में भी बदलाव किया गया है। पहले कार्य के मामले में, ठेकेदार को 30 प्रतिशत राशि दो वर्ष बाद और शेष 70 प्रतिशत राशि तीन वर्ष बाद वापस की जाएगी। ठेकेदारों को दूसरे चरण के पूरा होने के छह महीने बाद 30 प्रतिशत और डेढ़ वर्ष बाद शेष 70 प्रतिशत राशि मिलेगी। लोक निर्माण विभाग की सड़क शाखा की ओर से जारी एक अलग आदेश में बताया गया कि क्षतिग्रस्त सड़कों और पुलों की शीघ्र मरम्मत और निगरानी के लिए अनुभवी इंजीनियर अधिकारियों का एक समूह अतिरिक्त ज़िम्मेदारी के साथ उत्तर बंगाल भेजा जा रहा है। इस टीम में लोक निर्माण (सड़क) निदेशालय के मुख्य अभियंता (मुख्यालय) भी शामिल हैं। वह 9 अक्टूबर से एक सप्ताह तक उत्तर बंगाल से कार्य की प्रगति की निगरानी करेंगे। उनके साथ अधीक्षण अभियंता अनिंद रॉय, अधिशासी अभियंता देवव्रत ठाकुर और कुछ अन्य सहायक एवं कनिष्ठ अभियंता भी मौजूद रहेंगे। लोक निर्माण विभाग के एक अधिकारी के अनुसार, "ये दिशानिर्देश उत्तर बंगाल में आई आपदा के बाद केवल राहत ही नहीं, बल्कि बुनियादी ढाँचे को मज़बूत करने की योजना का भी हिस्सा हैं। यह सुनिश्चित किया जाना चाहिए कि सड़कें टिकाऊ हों और काम पारदर्शी और समय पर पूरा हो। ( अशोक झा की रिपोर्ट )
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