भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने पश्चिम बंगाल में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनावों के लिए कमर कस ली है।बीजेपी ने तृणमूल कांग्रेस (TMC) सरकार को हटाने के लिए एक ऐसी रणनीति तैयार की है जो लोगों से जुड़े मुद्दों पर केंद्रित है। खासकर महिलाओं की सुरक्षा पर जोर दिया जाएगा। 500 विस्तारकों की ट्रेनिंग 24/26 अक्टूबर को कोलकाता में होगी। पश्चिम बंगाल में 250 महिला विस्तारक बहाल किया जाएगा, अब तक 250 पुरुष विस्तारकों को बहाल किया गया है।
पार्टी के विस्तारकों की नियुक्ति के लिए स्क्रूटनी प्रक्रिया में बहुत ही सावधानी बरती गई है। इसमें पूरे प्रदेश के कार्यकर्ताओं से आवेदन फॉर्म मंगवाए गए हैं। लेकिन नियुक्ति योग्यता के आधार पर की जाएगी. इसके लिए टेस्ट ऑर्गेनाइज किया गया है और उसमें पास होने वाले बीजेपी कार्यकर्ताओं को ही विस्तारक बनाया गया है। विस्तारकों की नियुक्ति में खास तौर पर ये ध्यान रखा गया है कि विस्तारक उस विधानसभा क्षेत्र का ना हो जिस विधानसभा में उसको विस्तारक नियुक्त किया गया है।
पार्टी सूत्रों के मुताबिक बीजेपी पश्चिम बंगाल में अब 250 महिला विस्तारकों की नियुक्ति करने जा रही है। इन महिला विस्तारकों को भी पार्टी हरेक विधानसभा में काम पर लगाएगी। चुनाव की दृष्टि से बीजेपी संगठन में विधानसभा विस्तारकों को पहले भी बहाल करती रही है। लेकिन इतने बड़े स्तर पर महिला विस्तारकों की बहाली पहली बार की जा रही है। पुरुष विस्तारकों की ट्रेनिंग के बाद होंगी महिला विस्तारक बहाल
बीजेपी सूत्रों का मानना है कि चूंकि पश्चिम बंगाल में महिलाओं की सामाजिक और राजनीतिक भागीदारी ज्यादा है। लिहाजा प्रदेश के चुनिंदा 250 सीटों पर महिला विस्तारक बहाल करने की योजना बनाई गई है। सूत्रों के मुताबिक 26 अक्टूबर को पुरुष विस्तारकों की ट्रेनिंग खत्म होने के बाद तुरंत महिला विस्तारक बहाल करने की प्रक्रिया आरम्भ कर दी जाएगी। पश्चिम बंगाल के 294 विधानसभा क्षेत्रों में से बीजेपी 250 विधानसभा विस्तारकों को बहाल करेगी। पार्टी अपनी अधिकतम ताकत बंगाल के इन 250 सीटों पर करने की राजनीति से काम करेगी।
ये विस्तारक पार्टी की आंख, नाक और कान की तरह हरेक विधानसभा क्षेत्रों में अगले 6 महीने यानी अप्रैल 2026 में विधानसभा चुनाव संपन्न होने तक काम करेंगे। इसके लिए प्रदेश स्तर पर कोलकाता और केंद्रीय स्तर पर दिल्ली में पदाधिकारियों की एक डेडिकेटेड टीम लगाई जा रही है, जो दिन रात इन विस्तारकों के संपर्क में रहेंगे और डेली रिपोर्ट और जमीनी सच्चाई से दिल्ली को रूबरू करवाते रहेंगे।
क्या होगा विस्तारकों का काम?
बीजेपी में विधानसभा स्तर पर विस्तारकों का काम जमीनी समस्याओं को समझना, उसको दूर करने के उपायों को सुझाना, विधानसभा स्तर पर कार्यकर्ताओं की परेशानियों को स्थानीय स्तर पर ही हल करना, कठिन कार्यों में केंद्रीय नेताओं को इन्वॉल्व करना, चुनावों के लिए मुफीद कैंडिडेट को चिन्हित करना, स्थानीय प्रभावशाली लोगों को पार्टी से जोड़ना, लोकल समस्याओं को सोशल मीडिया और अन्य माध्यम से उजागर करना होता है।
ये विस्तारक हर दिन अपनी रिपोर्टिंग बॉस को छोटी-छोटी चीजों को बताते हैं और उस पर जो निर्देश दिया जाता है उसको स्थानीय नेताओं के साथ मिलकर जमीन पर उतारने की भी होती है।भारतीय जनता पार्टी ने पश्चिम बंगाल में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनावों के लिए कमर कस ली है। बीजेपी ने तृणमूल कांग्रेस सरकार को हटाने के लिए एक ऐसी रणनीति तैयार की है जो लोगों से जुड़े मुद्दों पर केंद्रित है। खासकर महिलाओं की सुरक्षा पर जोर दिया जाएगा। यह रणनीति किसी व्यक्ति विशेष पर हमला करने के बजाय जनता की समस्याओं को उठाने पर आधारित है।क्या है बीजेपी का प्लान ? सूत्रों ने बताया कि 2019 के बंगाल विधानसभा चुनावों से सीख लेते हुए बीजेपी केवल ममता बनर्जी पर हमला करने के बजाय अब जनता से जुड़े मुद्दों पर काम कर रही है। सूत्रों ने बताया कि इस रणनीति के तहत सभी मतदान केंद्रों खासकर लगभग 80 मुस्लिम बहुल सीटों पर बीजेपी की मजबूती सुनिश्चित करना प्राथमिकता है। उन्होंने बताया कि पार्टी तृणमूल शासन के दौरान शासन की कमी, महिलाओं की सुरक्षा और ममता सरकार के मंत्रियों के भ्रष्टाचार को उजागर करने पर अधिक ध्यान केंद्रित करेंगे। दलबदलुओं पर निर्भरता नहीं: सूत्रों ने बताया कि बीजेपी एक और विचार पर विचार कर रही है कि दलबदलुओं पर निर्भर रहने के बजाय अपने ही नेताओं से अधिक उम्मीदवार उतारे जाएं। उन्होंने यह भी बताया कि पिछले विधानसभा चुनावों से सबक लिया गया है। अवैध घुसपैठिए के मुद्दे पर तृणमूल कांग्रेस पर निशाना साधते हुए बीजेपी बांग्लादेश में हाल ही में हुए उथल-पुथल को अपने चुनावी विमर्श में शामिल करने की योजना बना रही है। जिसमें हिंदू मंदिरों और रवींद्रनाथ टैगोर के पैतृक घर पर हमले भी शामिल हैं।
दलित चेहरों पर खास फोकस: पार्टी नेताओं ने बताया कि इन घटनाक्रमों के मद्देनजर अभियान बंगाली संस्कृति और पहचान पर केंद्रित होगा। बीजेपी अपनी संभावनाओं को बढ़ाने के लिए शांतनु ठाकुर और निशिथ प्रमाणिक पर भरोसा कर रही है। जो उत्तर बंगाल के दो प्रमुख अनुसूचित जाति समूहों मतुआ और राजबंशी समुदायों के प्रमुख चेहरे हैं। बीजेपी महिष्य समुदाय पर भी ध्यान केंद्रित कर रही है, जिसकी दक्षिण बंगाल में मजबूत उपस्थिति है। ( बंगाल से अशोक झा की रिपोर्ट )
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