उत्तर बंगाल में बीते रात भर हुई बारिश के कारण डुआर्स के अधिकांश इलाके जलमग्न हो गए। जलपाईगुड़ी मौसम विभाग से प्राप्त समाचार के अनुसार, नागराकाटा ब्लॉक के विभिन्न चाय बागानों में एक रात में रिकॉर्ड 2199 मिमी बारिश हुई। मौसम विभाग का कहना है कि इससे पहले किसी भी ब्लॉक में एक रात में इतनी बारिश कभी नहीं हुई। इसके अलावा, जलपाईगुड़ी जिले के 24 अन्य इलाकों में 200 मिमी से अधिक बारिश हुई। इस रिकॉर्ड बारिश के परिणामस्वरूप, जलपाईगुड़ी जिले सहित नागराकाटा का एक बड़ा इलाका जलमग्न हो गया है। इस रिकॉर्ड बारिश के कारण डायना और गाठिया नदियाँ उफान पर हैं और नागराकाटा तथा पहाड़ी नदियाँ जलमग्न हो गई हैं। भारी बारिश के कारण बानरहाट में बाढ़ की स्थिति पैदा हो गई है। दार्जिलिंग के सांसद राजू विष्ट ने कहा कि अबतक मिरिक, रोहिणी ,दार्जिलिंग और कालीगपोंग
क्षेत्र में अबतक 24 लोगों में मारे जाने की जानकारी है। इसमें नेपाल क्षेत्र इलाम के पांच है। दूसरी ओर, अलीपुरद्वार के जलदापाड़ा राष्ट्रीय उद्यान के बाढ़ के जानवर भी पानी के कारण बस्ती में घुस आए हैं।पीएम ने जताया दुख
पीएम मोदी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट शेयर कर लिखा कि दार्जिलिंग में एक पुल दुर्घटना में हुई जान-माल की हानि से अत्यंत दुःखी हूं. जिन लोगों ने अपने प्रियजनों को खोया है, उनके प्रति संवेदना. मैं घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना करता हूं. आगे लिखा कि भारी बारिश और भूस्खलन के मद्देनजर दार्जिलिंग और आसपास के इलाकों की स्थिति पर कड़ी नज़र रखी जा रही है. सरकार प्रभावित लोगों की हर संभव मदद करने के लिए प्रतिबद्ध हैं.
राष्ट्रपति ने भी जताया दुख
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा कि पश्चिम बंगाल के दार्जिलिंग में भारी बारिश और भूस्खलन के कारण हुई जनहानि दुखद है. मैं शोक संतप्त परिवारों के प्रति अपनी संवेदना प्रकट करती हूं. मैं बचाव एवं राहत कार्यों की सफलता की प्रार्थना करती हूं और घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की ईश्वर से कामना करती हूं। स्थिति से निपटने और बाढ़ पीड़ितों को बचाने के लिए एनडीआरएफ या राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल को तैनात किया गया है।सिंचाई विभाग ने जलपाईगुड़ी के डोमहनी से लेकर भारत-बांग्लादेश सीमा पर मेखलीगंज तक तीस्ता नदी के असुरक्षित क्षेत्र में रेड अलर्ट जारी कर दिया है। ऐसे में तीस्ता पुल के बगल में तटबंध में दरार आने से खतरा और बढ़ गया है। ज्ञात हो कि स्थानीय लोग युद्ध स्तर पर तटबंध की मरम्मत का काम शुरू कर रहे हैं। दूसरी ओर, तीस्ता नदी रंगधामाली और टाकीमारी इलाकों में घुस गई है, जिससे बाढ़ की स्थिति पैदा हो गई है। ग्रामीणों ने तटबंध पर शरण ली है।।इस भयावह स्थिति के बारे में अलीपुरद्वार विधायक सुमन कांजीलाल ने कहा, "उत्तर बंगाल में बारिश के साथ-साथ भूटान और पहाड़ों में भारी बारिश के कारण नदी का पानी बढ़ गया है। शीशमारा नदी का पानी शालकुमार हाट इलाके में घुस गया है। कई पर्यटक जलदापाड़ा राष्ट्रीय उद्यान से सटे रिसॉर्ट्स और होम-स्टे में फंस गए हैं। उन्हें बचाया जा रहा है। पूरी स्थिति से मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को अवगत करा दिया गया है।"बाढ़ की स्थिति के बारे में पटकाटा ग्राम पंचायत के पूर्व प्रधान हेम्ब्रम ने कहा, "डोडालिया पारा इलाके में जलस्तर बढ़ गया है, जिससे बाढ़ की स्थिति पैदा हो गई है। बीडीओ स्थिति का निरीक्षण करने आए थे। सौ से डेढ़ सौ परिवार मुश्किल में हैं। हर घर में छाती तक पानी भरा है। मुझे नहीं पता कि ये लोग कहाँ जाए। जलपाईगुड़ी जिला प्रशासन रात भर हुई बारिश के कारण भयावह स्थिति को लेकर चिंतित है। ज़िला मजिस्ट्रेट शमा परवीन ने कहा, "हम स्थिति पर नज़र रख रहे हैं। भारी बारिश के कारण नागराकाटा में पानी जमा हो गया है। हमने बाढ़ पीड़ितों को बचाने के लिए एसडीआरएफ और एनडीआरएफ को भेजा है। ग्रामीणों को हर तरह की मदद दी जा रही है।"जलपाईगुड़ी ज़िले के क्षेत्रीय मौसम विज्ञान कार्यालय के अनुसार, कल रात से दार्जिलिंग में 261 मिलीमीटर, बानरहाट में 310 मिलीमीटर, बारादिघी में 295 मिलीमीटर, गाठिया में 351 मिलीमीटर, हिला में 326 मिलीमीटर, जीती क्षेत्र में 332 मिलीमीटर, नागराकाटा में 211 मिलीमीटर, डायना में 344 मिलीमीटर बारिश हुई है। बानरहाट के मराघाट में 251 मिलीमीटर, कुर्ती चाय बागान में 370 मिलीमीटर, पलाशबाड़ी में 229 मिलीमीटर बारिश हुई। गेंद्रापाड़ा में रात भर 322 मिलीमीटर बारिश हुई। स्थानीय निवासियों का कहना है कि दार्जिलिंग में इस तरह की भयानक तबाही आखिरी बार 1998 में देखी गई थी। 27 साल बाद फिर वही भयावह दृश्य लौट आया है।भारी बारिश के कारण बालासन नदी पर स्थित दूधिया पुल का एक हिस्सा बह गया, जिससे सिलिगुड़ी और मिरिक का संपर्क पूरी तरह टूट गया। सौरेनी के पास दारागांव में एक घर धसक कर गिर गया, जबकि अपर दूधिया और डैमफेडर इलाके में चार से पांच घर बह गए। सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) का कैंप भी प्रभावित हुआ है। रविवार सुबह तक प्रशासन ने मिरिक में नौ, सुकियापोखरी में सात और बिजनबाड़ी में एक व्यक्ति की मौत की पुष्टि की है। दुर्गा पूजा की छुट्टियों में बड़ी संख्या में पर्यटक दार्जिलिंग पहुंचे थे। लेकिन अब बारिश और भूस्खलन के कारण सैकड़ों लोग फंसे हुए हैं। अधिकांश उड़ानें रद्द कर दी गईं और कई यात्रियों को टिकट नहीं मिले। प्रशासन उन्हें सुरक्षित स्थानों पर ले जा रहा है, लेकिन खराब मौसम के कारण बचाव कार्य बेहद धीमी गति से हो रहा है। गोरखा टेरिटोरियल एडमिनिस्ट्रेशन (जीटीए) ने टाइगर हिल और रॉक गार्डन जैसे प्रमुख पर्यटन स्थल एक दिन के लिए बंद कर दिए हैं। दार्जिलिंग के कई हिस्सों में राहत शिविर बनाए किए जा रहे हैं। शनिवार रात को राष्ट्रीय राजमार्ग-10 (एनएच-10) पर भी भूस्खलन हुआ। हालांकि, रविवार दोपहर तक कुछ हिस्सों की मरम्मत हो सकी। दार्जिलिंग जाने का मुख्य मार्ग पंखाबाड़ी रोड बहुत जोखिम भरा है, लेकिन वर्तमान में यात्रियों को इसी मार्ग से सुरक्षित निकाला जा रहा है। अब तक फंसे पर्यटकों की सही संख्या का अनुमान नहीं है।
जीटीए प्रमुख और प्रजातांत्रिक मोर्चा नेता अनित थापा ने बताया कि केवल मिरिक क्षेत्र में ही 15 मौतों की सूचना मिली है। दार्जिलिंग के सांसद राजू बिष्ट ने कहा कि दार्जिलिंग और कालिम्पोंग जिलों में भारी बारिश के कारण जन-धन की भारी क्षति हुई है। उन्होंने सोशल मीडिया पर लिखा, ''हम हालात की निगरानी कर रहे हैं और भाजपा कार्यकर्ताओं को राहत कार्य में शामिल होने का निर्देश दिया गया है।'' मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने घोषणा की है कि वह सोमवार को उत्तर बंगाल पहुंचेंगी और सिलीगुड़ी से पूरी स्थिति की निगरानी करेंगी। उनके निर्देश पर सिलीगुड़ी के मेयर गौतम देव और जिलाधिकारी प्रीति गोयल ने रविवार दोपहर दूधिया पुल का निरीक्षण किया। इंजीनियरिंग टीमें वैकल्पिक मार्ग तैयार करने में जुटी हैं।
सिलीगुड़ी के कई इलाकों में भी बाढ़ का पानी भर गया है। विशेषकर पोराझार इलाके में महानंदा नदी का तटबंध टूटने से कई गांव जलमग्न हो गए हैं। कूचबिहार में रविवार सुबह से ही हालात बिगड़ गए। शहर के लगभग 20 वार्डों में पानी घुस गया है। कई जगहों पर घुटनों तक, तो कहीं कमर तक पानी भर गया है। तोर्सा नदी का जलस्तर तेजी से बढ़ रहा है, जिससे बाढ़ का खतरा और बढ़ गया है। उत्तर बंगाल के छह जिलों में भारी वर्षा का अलर्ट जारी है। उत्तर और दक्षिण दिनाजपुर में अभी बारिश हल्की है, लेकिन मौसम विभाग की ओर से अगले 24 घंटे में भारी बारिश की संभावना जताई गई है। मालदह जिले के मानिकचक ब्लॉक में गंगा और फूलहर नदियों का जलस्तर बढ़ने से बाढ़ जैसे हालात बन गए हैं। हालांकि, अभी स्थिति नियंत्रण में है, लेकिन बिहार और झारखंड में बारिश जारी रही तो महानंदा नदी का जलस्तर बढ़ने से संकट गहरा सकता है।
स्थानीय लोगों का कहना है कि इतनी भारी बारिश दार्जिलिंग ने पहले भी देखी है, लेकिन एक रात में इतनी तबाही पहले कभी नहीं हुई। लोगों का आरोप है कि बालासन नदी से पत्थर-बोल्डर की अवैध निकासी और अंधाधुंध निर्माण कार्य ने इस आपदा को और भयानक बना दिया हैदार्जिलिंग, कालिम्पोंग, जलपाईगुड़ी और अलिपुरद्वार के कई इलाके जलमग्न हो गए हैं। कई पर्यटक अपने-अपने होटलों में फंसे हुए हैं।
इस गंभीर स्थिति को देखते हुए मुख्यमंत्री ममता बनर्जी सोमवार को उत्तर बंगाल का दौरा करेंगी। उनके साथ मुख्य सचिव मनोज पंथ भी रहेंगे। मुख्यमंत्री ने प्रशासन को निर्देश दिए हैं कि वे पर्यटकों को सुरक्षित स्थानों पर स्थानांतरित करें और प्रभावित परिवारों को आवश्यक राहत एवं वित्तीय सहायता प्रदान करें।
इस आपदा के समय राजनीतिक दलों ने भी मानवता को प्राथमिकता देने का संदेश दिया है। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष शुभंकर सरकार ने कहा कि कांग्रेस पार्टी उत्तर बंगाल के लोगों के साथ खड़ा है और उन्होंने सभी जिला कांग्रेस अध्यक्षों को निर्देश दिया है कि वे प्रभावितों की सहायता में पूरी तरह सहयोग करें। उन्होंने प्रशासन से यह सुनिश्चित करने को कहा कि किसी भी प्रकार का राजनीति न हो और राहत कार्य निष्पक्ष रूप से वितरित किया जाए। भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष शमिक भट्टाचार्य ने भी लोगों के साथ एकजुट रहने और राहत कार्य में भाग लेने का आह्वान किया। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संदेश का उल्लेख करते हुए कहा कि केंद्र सरकार सभी संभव मदद के लिए राज्य के साथ खड़ी है। उन्होंने कहा कि यह आपदा हम सबकी है, और हम इसे मिलकर सामना करेंगे।।साथ ही माकपा नेता मोहम्मद सलीम ने भी सभी को आपदा के समय एकजुट रहने और राहत कार्यों में भाग लेने का आह्वान किया। उन्होंने मृतकों के परिवारों के प्रति संवेदना व्यक्त की और रेड वॉलंटियर्स द्वारा राहत कार्यों में किए जा रहे योगदान की सराहना की। मुख्यमंत्री ने पहले ही उत्तर बंगाल के डीएमों के साथ वर्चुअल बैठक कर आवश्यक निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा है कि जिनके घर क्षतिग्रस्त हुए हैं या जिनके परिवार को नुकसान हुआ है, उन्हें आर्थिक सहायता और रोजगार के अवसर प्रदान किए जाएंगे। मुख्यमंत्री ने मीडिया से कहा कि यह एक गंभीर आपदा है। आपदा में सभी को एक-दूसरे के साथ खड़ा होना चाहिए। मैं और मुख्य सचिव कल उत्तर बंगाल का दौरा करेंगे और उम्मीद है कि दोपहर तीन बजे तक वहां पहुंच जाएंगे। ( उत्तर बंगाल से अशोक झा की रिपोर्ट )
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