नेपाल में जेन-जी के प्रदर्शन और हिंसा ने भारत को सतर्क कर दिया है। भारतीय खुफिया एजेंसियां नेपाल में भारत विरोधी माहौल को रोकने के लिए काम कर रही हैं। सीमा पर कड़ी निगरानी, सोशल मीडिया पर नजर और भारतीय नागरिकों की सुरक्षा के लिए कदम उठाए जा रहे हैं। नेपाल में हाल के दिनों में भारी अशांति और हिंसक प्रदर्शन देखे गए हैं, जिसमें कम से कम 24 लोगों की जान गई और सैकड़ों घायल हुए। इन प्रदर्शनों को नेपाल की जेन-जी युवा पीढ़ी ने शुरू किया।भारत सरकार और उसकी खुफिया एजेंसियां इस स्थिति पर कड़ी नजर रख रही हैं ताकि नेपाल में भारत विरोधी माहौल न बने, जैसा कि हाल ही में बांग्लादेश में देखा गया।भारत के लिए खतरा क्यों?
नेपाल की अशांति भारत के लिए कई कारणों से चिंताजनक है।
पहला, भारत और नेपाल की खुली सीमा के कारण अवैध गतिविधियां, जैसे हथियारों की तस्करी या आतंकी गतिविधियां बढ़ सकती हैं। जुलाई 2025 में, नेपाल ने भारत को चेतावनी दी थी कि पाकिस्तान की आतंकी संगठन जैसे लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मोहम्मद इस सीमा का फायदा उठा सकते हैं
दूसरा, नेपाल में भारत विरोधी भावनाएं भड़कने का खतरा है, जैसा कि बांग्लादेश में हुआ. भारतीय खुफिया एजेंसियां यह सुनिश्चित कर रही हैं कि कोई बाहरी ताकत जैसे पाकिस्तान या चीन इन प्रदर्शनों का फायदा न उठाए। भारत में कुछ विपक्षी दल, छात्र संगठन और सिविल सोसाइटी समूह नेपाल की घटनाओं से प्रेरित हो सकते हैं. खुफिया एजेंसियां इन समूहों पर भी नजर रख रही हैं ताकि भारत में कोई अशांति न फैले. 31 अगस्त 2025 को जनकपुरधाम में गणेश विसर्जन के दौरान हिंदू-मुस्लिम तनाव की खबरें आई थीं, जिसने भारत में भी चिंता बढ़ाई। भारत की सावधानी: भारत सरकार और खुफिया एजेंसियां नेपाल की स्थिति को लेकर बहुत सतर्क हैं. बलरामपुर और बहराइच जैसे सीमावर्ती इलाकों में SSB और पुलिस की गश्त बढ़ा दी गई है। ड्रोन और CCTV से निगरानी हो रही है। भारत यह सुनिश्चित करना चाहता है कि नेपाल की अशांति का असर उसकी सुरक्षा और स्थिरता पर न पड़े।
नेपाल में पहले भी भारत विरोधी भावनाएं देखी गई हैं. कुछ X पोस्ट्स में दावा किया गया कि भारतीय परिवारों और व्यवसायों को निशाना बनाया जा रहा है, लेकिन यह जानकारी पुष्ट नहीं हुई है. भारत सरकार ने साफ किया कि वह नेपाल के लोगों के साथ है और चाहता है कि वहां जल्द शांति बहाल हो।
नेपाल में क्या हो रहा है?: नेपाल की राजधानी काठमांडू और अन्य शहरों में जेन-जी के नेतृत्व में बड़े पैमाने पर प्रदर्शन शुरू हुए. ये प्रदर्शन शुरू में 26 सोशल मीडिया ऐप्स जैसे फेसबुक, इंस्टाग्राम और X पर लगे बैन के खिलाफ थे। लोग भ्रष्टाचार और आर्थिक समस्याओं से नाराज थे। प्रदर्शनकारियों ने शुरू में शांतिपूर्ण विरोध की बात कही थी, लेकिन जल्द ही स्थिति हिंसक हो गई। प्रदर्शनकारी संसद भवन तक पहुंच गए, पुलिस की बैरिकेड तोड़ दी और कई सरकारी इमारतों जैसे संसद और सुप्रीम कोर्ट में आग लगा दी।9 सितंबर 2025 को नेपाल के प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली ने इस्तीफा दे दिया, क्योंकि प्रदर्शनकारी उनकी सरकार पर भ्रष्टाचार और तानाशाही का आरोप लगा रहे थे. इस हिंसा में 24 लोगों की मौत हुई और सैकड़ों घायल हुए. काठमांडू सहित कई शहरों में अनिश्चितकालीन कर्फ्यू लगा दिया गया. नेपाल सरकार ने सोशल मीडिया पर बैन हटा लिया, लेकिन प्रदर्शन रुकने का नाम नहीं ले रहे।
भारत की चिंता और खुफिया एजेंसियों की सतर्कता:
भारत और नेपाल के बीच 1751 किलोमीटर की खुली सीमा है, जिसके कारण नेपाल की अशांति भारत के लिए चिंता का विषय है. भारतीय खुफिया एजेंसियां, जैसे रॉ (RAW) और इंटेलिजेंस ब्यूरो (IB) इस स्थिति पर पल-पल नजर रख रही हैं। सूत्रों के अनुसार, एजेंसियां यह सुनिश्चित कर रही हैं कि नेपाल में भारत विरोधी माहौल न बने, जैसा कि हाल ही में बांग्लादेश में देखा गया, जहां भारत के खिलाफ प्रदर्शन हुए। एजेंसियां सोशल मीडिया और अन्य प्लेटफॉर्म्स की निगरानी कर रही हैं ताकि कोई भी भारत विरोधी प्रचार या गतिविधि पकड़ी जा सके. उन्हें डर है कि नेपाल की अशांति भारत के युवाओं, खासकर छात्रों और सिविल सोसाइटी को प्रेरित कर सकती है, जिससे भारत में भी विरोध प्रदर्शन शुरू हो सकते हैं। सशस्त्र सीमा बल (SSB) और स्थानीय पुलिस उत्तर प्रदेश और बिहार की सीमाओं पर कड़ी निगरानी कर रहे हैं. ड्रोन, फेस-रिकग्निशन सिस्टम और ऑटोमैटिक नंबर प्लेट रीडर जैसे उपकरणों का इस्तेमाल हो रहा है।
भारत सरकार और विदेश मंत्रालय की प्रतिक्रिया:
भारत सरकार ने नेपाल की स्थिति को दिल दहला देने वाला बताया और लोगों की मौत पर दुख जताया. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि नेपाल में हिंसा और कई युवाओं की मौत से मेरा दिल बहुत दुखी है. नेपाल की स्थिरता और शांति बहुत जरूरी है. मैं सभी से शांति और व्यवस्था बनाए रखने की अपील करता हूं।काठमांडू में हवाई अड्डा बंद होने से कई भारतीय पर्यटक फंस गए हैं. एयर इंडिया और इंडिगो ने दिल्ली-काठमांडू की उड़ानें रद्द कर दीं. कर्नाटक सरकार ने अपने 39 नागरिकों को सुरक्षित निकालने के लिए कदम उठाए हैं। विदेश मंत्रालय ने कहा कि हम एक करीबी दोस्त और पड़ोसी के रूप में चाहते हैं कि नेपाल में शांति और बातचीत से समस्याएं हल हों। (नेपाल बॉर्डर से अशोक झा की रिपोर्ट )
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