- बड़े पैमाने पर नगदी ,ज्वेलर्स, जमीन कागजात, डिजिटल समान समेत जप्त किया गया मोबाइल फोन जप्त
बंगाल के पड़ोसी राज्य बिहार के किशनगंज में केंद्रीय जांच टीम के द्वारा दफ्तरी ग्रुप में तीन दिनों तक छापेमारी में बड़े पैमाने पर काला धन का पता चला हैं, सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार अरबों रुपए का काला धन का पता चला हैं। इस दौरान बड़े पैमाने पर नगदी ,ज्वेलर्स, जमीन कागजात, डिजिटल समान समेत मोबाइल फोन जप्त किया गया हैं। छापामारी दल इस ग्रुप से जुड़े सभी बैंक एकाउंट और लॉकर को भी खंगाल रही है। छापामारी दल के सूत्र ने बताया कि कई फर्जी मामला भी सामने आया हैं। इसकी गहन जांच की जा रही हैं।लगातार 75 घंटे से चल रही इस छापेमारी की चर्चा पूरे शहर में जोरों पर है। चौक-चौराहों पर लोग इस कार्रवाई को लेकर तरह-तरह की अटकलें लगा रहे हैं। आयकर विभाग की इस बड़ी कार्रवाई के परिणाम क्या होंगे, इस पर सभी की निगाहें टिकी हैं। मिल रही जानकारी के अनुसार बताया जा रहा है कि लगभग आधा दर्जन गाड़ियां आज फिर पहुंची हैं। इन गाड़ियों में कई अधिकारी और फोरेंसिक विभाग की टीम जांच के लिए आई है। इसमें कुछ साइबर विशेषज्ञ भी मौजूद हैं। सेंट्रल जांच टीम विभाग के अधिकारियों ने नेमचंद रोड, भगतटोली रोड स्थित एक निजी आवास पर छापेमारी के दौरान गोदाम से बड़े पैमाने पर गांठ में भरे सामान को बाहर निकालकर उनकी तलाशी ली। प्रत्येक गांठ को खोलकर कपड़ों की बारी-बारी से जांच की जा रही है। छापामारी दल की दो दर्जन से अधिक गाड़ियों के सड़क पर खड़े होने से आम लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है और यातायात प्रभावित हुआ है। स्थिति को लेकर कोई विवाद या स्थिति खराब ना हो इसके लिए मौके पर पुलिस के जवान और कई अधिकारी मौजूद हैं। छापामारी टीम के द्वारा दफ्तरी ग्रुप में तीन दिनों तक छापेमारी में बड़े पैमाने पर काला धन का पता चला हैं, मिली जानकारी के अनुसार अरबों रुपए का काला धन का पता चला हैं और बड़े पैमाने पर नगद,ज्वेलर्स, जमीन कागजात, डिजिटल समान समेत मोबाइल फोन जब्त किया गया हैं। टीम के सूत्र ने बताया कि कई फर्जी मामला भी सामने आया हैं जिसकी जांच की जा रही हैं। इसके आधार पर जांच का दायरा और आगे बढ़ सकता है। हालांकि यह सब सूत्रों के आधार पर है। अबतक कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है। इस छापामारी से शहर में इस तरह का दहशत है कि छापामारी दल की टीम पानी , नाश्ता और जो भी खाना खा रहे है उसका बिल ले रहे है। दुकानदारों को बिल देने के बाद यह डर सता रहा है कि कही वह भी तो निशाने पर नहीं आएंगे। शहर के कई व्यापारी तो सीधे मोबाइल से बात ही नहीं कर रहे है। वॉट्सउप कॉल से बात कर स्वयं को सुरक्षित मान रहे है। किशनगंज में चुनावी माहौल को लेकर लगातार सत्ता और विरोधी नेताओं का आना जाना लगा हुआ है लेकिन इस मुद्दे पर कोई कुछ नहीं बोल रहे है। ( बंगाल से अशोक झा की रिपोर्ट )
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