- मोबाइल भी बरामद और विधायक को भी दौड़कर पकड़ लिया जांच टीम ने
- राजनीतिक गलियारे में उसको लेकर काफी उथल पुथल
बंगाल में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने स्कूलों में शिक्षकों और कर्मचारियों की भर्ती घोटाले की जांच एक बार फिर तेज कर दी है। सोमवार को ईडी की टीम ने पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद में तृणमूल कांग्रेस के विधायक जीवन कृष्ण साहा के घर छापेमारी की। टीम को आता देख विधायक घर की चारदीवारी फांदकर भागने लगे। उन्होंने अपना पोन भी झाड़ियों में फेंक दिया। हालांकि ईडी की टीम ने उन्हें दौड़ाकर पकड़ लिया और उनका फोन बरामद कर लिया है। ईडी बंगाल शिक्षक भर्ती घोटाले की जांच कर रही है। इसी सिलसिले में टीम टीएमसी विधायक के घर और उनके कुछ रिश्तेदारों के परिसरों पर छापा मारने पहुंची। एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि विधायक को जब छापे के बारे में पता चला तो वह भागने लगे। उन्होंने अपने घर के पीछे की तरफ से चारदीवारी फांदकर भागने की कोशिश की।
ईडी ने विधायक को दौड़ाकर पकड़ा: ईडी अधिकारी ने बताया कि टीम के अधिकारी भी विधायक के पीछे भागे। विधायक आगे भाग रहे थे और ईडी की टीम पीछे। आखिरकर कुछ दूर दौड़ने के बाद विधायक की थककर स्पीड कम हो गई तो टीम ने उन्हें धर दबोचा। जब उनकी तलाशी ली गई तो उनके पास उनका फोन नहीं था। घर पर भी विधायक का फोन नहीं मिला।मोबाइल किया बरामद: टीम ने पूछताछ की तो पता चला कि विधायक ने भागने के दौरान अपने दोनों मोबाइल झाड़ियों में फेंक दिए थे। ईडी की टीम उन्हें लेकर उस जगह पर पहुंची, जहां उन्होंने अपने मोबाइल फेंके थे। कुछ देर तलाशी के बाद टीम ने दोनों मोबाइल बरामद कर लिए। मोबाइल कीचड़ में सने थे।सुबह पहुंची थी टीम: ईडी टीम ने बताया कि स्कूल शिक्षक भर्ती घोटाले के संबंध में बीरभूम जिले के एक व्यक्ति ने धन का लेनदेन किया था। सूचना के आधार पर छापेमारी की गई। अधिकारी ने बताया कि बीरभूम जिले का वह व्यक्ति आज सुबह ईडी टीम के साथ विधायक साहा के घर गया था। इस घोटाले के संबंध में पहले साहा की पत्नी से भी पूछताछ की थी।2023 में हुए थे गिरफ्तार: मुर्शिदाबाद जिले के बुरवान विधानसभा से विधायक कृष्ण साहा के खिलाफ धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के तहत छापेमारी की जा रही है। सूत्रों ने बताया कि विधायक के कुछ रिश्तेदारों और सहयोगियों के परिसरों पर भी तलाशी ली जा रही है। इससे पहले साहा को सीबीआई ने इस घोटाले में संलिप्तता के आरोप में 2023 में गिरफ्तार किया था और बाद में रिहा कर दिया गया था।कलकत्ता हाई कोर्ट के आदेश पर हो रही है जांच
यूं तो शिक्षक भर्ती घोटाले की जांच सीबीआई कर रही है लेकिन मामला मनी लॉन्ड्रिंग का भी निकला है, इसलिए अब ईडी भी जांच कर रही है। बंगाल शिक्षक भर्ती घोटाले की जांच कलकत्ता हाई कोर्ट के आदेश के बाद हो रही है। ईडी ने इससे पहले इस मामले में पश्चिम बंगाल के पूर्व शिक्षा मंत्री पार्थ चटर्जी, उनकी कथित सहयोगी अर्पिता मुखर्जी, तृणमूल विधायक और पश्चिम बंगाल प्राथमिक शिक्षा बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष माणिक भट्टाचार्य के अलावा कुछ अन्य लोगों को गिरफ्तार किया था। इस छापेमारी का मुख्य उद्देश्य घोटाले में शामिल कथित पैसों की हेराफेरी के नए सबूत जुटाना था। ED की यह कार्रवाई लंबे समय से चल रही जांच और पूछताछ का हिस्सा है। इससे पहले CBI और ED ने साहा और उनके परिवार से जुड़े कई लोगों से पूछताछ की थी। इसी मामले में साहा की पत्नी टगरी साहा से भी पूछताछ की जा चुकी है। जीवन कृष्ण साहा का नाम पहली बार अप्रैल 2023 में सुर्खियों में आया था, जब CBI ने उनके घर पर 60 घंटे की लंबी तलाशी ली थी। उस दौरान तलाशी में मोबाइल फोन मिले थे, जिन्हें कथित रूप से सबूत नष्ट करने के लिए तालाब में फेंक दिया गया था. इसके बाद उन्हें 17 अप्रैल 2023 को गिरफ्तार किया गया था।स्कूलों में फर्जी तरीके से नौकरी दिलाने के लिए रिश्वत का मामला: कृष्ण साहा पर आरोप है कि उन्होंने राज्य के अनुदान प्राप्त स्कूलों में फर्जी तरीके से टीचिंग जॉब दिलाने के लिए रिश्वत ली थी. यह मामला उस बड़े घोटाले का हिस्सा है, जिसमें पश्चिम बंगाल स्कूल सर्विस कमीशन (SSC) के जरिए हजारों शिक्षकों और गैर-शिक्षण कर्मचारियों की अवैध नियुक्ति की गई थी।सुप्रीम कोर्ट ने नियुक्तियों को कर दिया था रद्द: इस पूरे मामले में सुप्रीम कोर्ट की भी महत्वपूर्ण भूमिका रही है. अप्रैल 2024 में कोर्ट ने हजारों अवैध नियुक्तियों को रद्द करते हुए एक नया और पारदर्शी चयन प्रक्रिया शुरू करने का आदेश दिया था. इसके खिलाफ दायर की गई पुनर्विचार याचिकाओं को सुप्रीम कोर्ट ने 5 अगस्त 2025 को खारिज कर दिया, जिससे उसका फैसला और मजबूत हो गया।इस घोटाले में TMC के कई बड़े नेताओं पर भी कार्रवाई हुई है। पूर्व शिक्षा मंत्री पार्थ चटर्जी समेत कई नेताओं की गिरफ्तारी और पूछताछ हो चुकी है। ( बंगाल से अशोक झा की रिपोर्ट )
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