- शुभेंदु अधिकारी ने कहा, अगर बुलेट प्रूफ गाड़ी में नहीं होते तो हत्या कर दी जाती
- उन्होंने कहा कि यह ममता और अभिषेक बनर्जी के इशारे पर पुलिस के सामने मस्जिद से हमला हुआ
कहा, इस साजिश का जवाब दिया जाएगा, हम डरने वालों में नहीं
कोलकाता हाई कोर्ट से आदेश प्राप्त करने के बाद, जिले में पार्टी कार्यकर्ताओं को निशाना बनाए जाने की कथित घटनाओं पर पुलिस अधीक्षक से मिलने जा रहे थे। उनका वहां एक पार्टी बैठक भी करने का कार्यक्रम था।जब शुभेन्दु का काफिला खगराबाड़ी इलाके से गुज़र रहा था, तब काफिले पर पथराव किया गया और कारों पर बांस के डंडों से हमला किया गया। वह और निशीथ प्रमाणिक जिस गाड़ी में सवार थे, उसके अलावा पुलिस की गाड़ियों को भी नुकसान पहुँचाया गया। इसके विरोध में राज्यभार में भाजपाई विरोध प्रदर्शन कर सड़क पर उतरे। कहा कि मुख्यमंत्री के त्यागपत्र तक यह आंदोलन जारी रहेगा। शुभेंदु अधिकारी ने कहा, “उदयन गुहा के नेतृत्व में टीएमसी ने पुलिस की मौजूदगी में यह सब किया है। उन्होंने बुलेटप्रूफ कार के शीशे भी पत्थरों से तोड़ दिए। यह हमला सड़क किनारे एक मस्जिद से हुआ है। जबतक बांग्लादेशी और रोहिंग्या मुसलमानों को बंगाल से बाहर नहीं भेजता हूं चैन से नहीं बैठने वाला। उन्होंने कहा कि उन्हें पता गया कि इस हमले के पीछे अभिषेक बनर्जी और ममता बनर्जी के इशारे पर उदयन गुहा ने करवाया है। मैं किसी को छोड़ने वाला नहीं हूं। कोर्ट में एसपी और उद्यान गुहा को जवाब देना होगा। उन्होंने यह भी कहा कि कूच बिहार में जिस प्रकार की अराजक स्थिति है वैसे में किसी सनातनी को यार सभी वोट नहीं देंगे। ”टीएमसी के शीर्ष नेताओं की सहमति के बिना ऐसा नहीं हो सकता था- सुकांत मजूमदार
पूर्व लोकसभा सांसद निशीथ प्रमानिक ने कहा, "यह हम पर एक सुनियोजित हमला है। हमने अपने सुरक्षा गार्डों को शांत रहने को कहा था। टीएमसी अब हताश है।" वहीं, पूर्व बीजेपी अध्यक्ष और लोकसभा सांसद सुकांत मजूमदार ने कहा, "यह अस्वीकार्य है। हमारे विपक्ष के नेता पर टीएमसी के गुंडों ने हमला किया। टीएमसी के शीर्ष नेताओं की सहमति के बिना ऐसा नहीं हो सकता था। हमारे प्रदेश अध्यक्ष ने हमें पूरे बंगाल में विरोध प्रदर्शन करने के लिए कहा है, हम ऐसा करेंगे।"
अधिकारी वहां बीजेपी की एक विरोध रैली का नेतृत्व करने के लिए गए थे, जिसका उद्देश्य जिले में पार्टी कार्यकर्ताओं पर कथित हमलों और कानून-व्यवस्था की स्थिति पर सवाल उठाना था। यह रैली कलकत्ता उच्च न्यायालय की अनुमति के बाद आयोजित की जा रही थी, जिसमें अधिकारी को पुलिस अधीक्षक से मिलने की अनुमति दी गई थी। जैसे ही काफिला खग्राबारी इलाके से गुजर रहा था, एक भीड़ ने कथित तौर पर टीएमसी के झंडे और काले झंडे लहराते हुए नारेबाजी शुरू कर दी। प्रदर्शनकारियों ने 'जॉय बांग्ला' और 'गो बैक' के नारे लगाए। आरोप है कि काफिले पर पत्थर फेंके गए और बांस के डंडों से वाहनों पर हमला किया गया। इस हमले में काफिले की कम से कम एक गाड़ी के शीशे टूट गए। सोशल मीडिया पर वायरल हुए वीडियो में प्रदर्शनकारियों को टीएमसी के झंडों के साथ वाहनों पर हमला करते और जूते फेंकते देखा गया। इसमें किसी के घायल होने की ख़बर नहीं है। शुभेंदु अधिकारी ने दावा किया कि वह एक बुलेटप्रूफ गाड़ी में होने के कारण सुरक्षित बच गए। उन्होंने कहा, 'मुझे पहले से जानकारी थी कि मुझ पर हमला हो सकता है। बीजेपी सांसद निशीथ प्रमाणिक ने मुझे बुलेटप्रूफ गाड़ी में बैठने की सलाह दी थी, क्योंकि उन्हें खुफिया जानकारी मिली थी कि मेरी गाड़ी को आग लगाने की साजिश थी।' अधिकारी ने यह भी आरोप लगाया कि हमलावरों में रोहिंग्या और बांग्लादेशी घुसपैठिए शामिल थे और बंगाल पुलिस ने हमले का समर्थन किया।
बीजेपी का आरोप: टीएमसी की साज़िश
बीजेपी ने इस हमले को पूर्व नियोजित और लोकतंत्र पर हमला क़रार दिया है। पश्चिम बंगाल बीजेपी के अध्यक्ष समिक भट्टाचार्य ने कहा, 'हम पूरे राज्य में उत्तर बंगाल से दक्षिण बंगाल तक विरोध प्रदर्शन करेंगे।' पूर्व बीजेपी राज्य अध्यक्ष और लोकसभा सांसद सुकांत मजूमदार ने कहा, 'यह अस्वीकार्य है। हमारे विपक्ष के नेता पर टीएमसी के गुंडों ने हमला किया। यह टीएमसी के शीर्ष नेतृत्व की सहमति के बिना नहीं हो सकता।'
बीजेपी के पूर्व सांसद निसिथ प्रमाणिक ने भी इस हमले को टीएमसी की हताशा का परिणाम बताया। उन्होंने कहा, 'यह एक सुनियोजित हमला था। हमने अपने सुरक्षा गार्ड को शांत रहने के लिए कहा, ताकि स्थिति और बिगड़े नहीं।' बीजेपी नेताओं ने यह भी आरोप लगाया कि टीएमसी राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर यानी एनआरसी और विशेष गहन संशोधन यानी एसआईआर के मुद्दे पर लोगों को भड़काने की कोशिश कर रही है।
टीएमसी का जवाब: 'बीजेपी का नाटक'
टीएमसी ने इन सभी आरोपों को सिरे से खारिज करते हुए इसे बीजेपी का 'पूर्व नियोजित नाटक' करार दिया। द इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार कूचबिहार जिले के टीएमसी अध्यक्ष पार्थ प्रतिम रॉय ने कहा, 'आज बंगाल के लोग और टीएमसी कार्यकर्ताओं ने बीजेपी के खिलाफ काले झंडे दिखाकर और शांतिपूर्ण प्रदर्शन करके विरोध जताया।' टीएमसी ने दावा किया कि प्रदर्शनकारी एनआरसी, बंगाली भाषा के अपमान और प्रवासी श्रमिकों के उत्पीड़न के खिलाफ विरोध कर रहे थे। पार्टी ने यह भी आरोप लगाया कि बीजेपी इस घटना को राजनीतिक लाभ के लिए बढ़ा-चढ़ाकर पेश कर रही है। टीएमसी ने अपने आधिकारिक बयान में कहा, 'शुभेंदु अधिकारी अशांति फैलाने की कोशिश कर रहे हैं। यह हमला नहीं, बल्कि बीजेपी का एक सुनियोजित ड्रामा है।'
एनआरसी और एसआईआर का मुद्दा
टीएमसी ने दावा किया कि कूचबिहार में 19 स्थानों पर उनके कार्यकर्ताओं ने शुभेंदु अधिकारी के काफिले के रास्ते में विरोध प्रदर्शन किए।
शुभेंदु अधिकारी ने हाल ही में दावा किया था कि पश्चिम बंगाल में '1 करोड़ अवैध रोहिंग्या और बांग्लादेशी मुस्लिम' मौजूद हैं और उन्होंने पूरे देश में बिहार जैसे एसआईआर की मांग की थी। टीएमसी ने इन बयानों को भड़काऊ और सांप्रदायिक करार देते हुए इसका विरोध किया।
प्रदर्शनकारियों ने कथित तौर पर अधिकारी के काफिले के गुजरने के बाद सड़कों को गोबर और पानी से "शुद्ध" करने का भी प्रयास किया, जिसे बीजेपी ने अपमानजनक बताया।
पुलिस और प्रशासन की भूमिका
शुभेंदु अधिकारी ने बंगाल पुलिस पर हमलावरों का समर्थन करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा, 'पुलिस मूकदर्शक बनी रही और हमलावरों को खुली छूट दी।' पुलिस ने अभी तक इस मामले में कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया है, और जांच जारी होने की बात कही जा रही है। हालाँकि, सोशल मीडिया पर वायरल हुए वीडियो में देखा जा सकता है कि केंद्रीय सुरक्षा बल के जवान स्थिति को नियंत्रित करने की कोशिश कर रहे थे। बीजेपी ने मांग की है कि इस हमले की निष्पक्ष जांच हो और दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए।
सियासी तनाव
इस घटना ने पश्चिम बंगाल में पहले से चली आ रही बीजेपी-टीएमसी की सियासी जंग को और हवा दे दी है। बीजेपी ने पूरे राज्य में विरोध प्रदर्शन की घोषणा की है, जबकि टीएमसी ने इसे बीजेपी की नौटंकी करार दिया है। पश्चिम बंगाल की राजनीति में एनआरसी और एसआईआर जैसे मुद्दे पहले से ही विवादास्पद रहे हैं।भाजपा ने सहानुभूति बटोरने के लिए यह घटना रची- टीएमसी नेता
टीएमसी कूचबिहार ज़िला पार्टी अध्यक्ष पार्थ प्रतिम रॉय ने कहा, "आज बंगाल के लोगों और टीएमसी कार्यकर्ताओं ने काले झंडे दिखाए और भाजपा के ख़िलाफ़ विरोध प्रदर्शन किया। हमारे कार्यकर्ताओं ने शांतिपूर्ण प्रदर्शन किया। किसी ने भी हिंसा में भाग नहीं लिया। भाजपा ने सहानुभूति बटोरने के लिए यह घटना रची है।"तृणमूल कांग्रेस ने बंगाल में संभावित एनआरसी, राज्य के बाहर काम कर रहे प्रवासी श्रमिकों के कथित उत्पीड़न और बंगाली भाषा के अनादर के खिलाफ काफिले के रास्ते में 19 जगहों पर विरोध प्रदर्शन आयोजित किए। तृणमूल कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने ‘जय बांग्ला’ के नारे लगाए और काफिले पर झंडे लहराए। कूचबिहार के खग्राबारी क्रॉसिंग पर हुई, जब शुभेंदु अधिकारी अपने काफिले के साथ जिला पुलिस अधीक्षक के कार्यालय की ओर जा रहे थे। ( बंगाल से अशोक झा की रिपोर्ट )
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