ममता बनर्जी की पार्टी तृणमूल कांग्रेस में आंतरिक कलह थमने का नाम नहीं ले रही है। अब सांसद कल्याण बनर्जी ने फिर से महुआ मोइत्रा पर हमला बोला है। उन्होंने संसद में उनका बचाव करने के लिए देश से माफी मांगी है।महुआ मोइत्रा पर जब पिछले कार्यकाल में पैसे लेकर गौतम अडानी से जुड़ा सवाल पूछने का आरोप लगा था और उनकी संसद सदस्यता खत्म की गई थी तो जोर-शोर से कल्याण बनर्जी ने उनका बचाव किया था। अब उसी को लेकर कल्याण बनर्जी का कहना है कि मैं देश से माफी मांगता हूं कि मैंने महुआ मोइत्रा का बचाव किया था।
कल्याण बनर्जी ने लोकसभा की कार्यवाही का वह वीडियो भी शेयर किया है, जिसमें वह महुआ मोइत्रा का बचाव करते दिख रहे हैं। 8 मिनट के अपने भाषण में कल्याण बनर्जी ने महुआ मोइत्रा का जमकर बचाव किया था और लोकसभा स्पीकर एवं सरकार पर गलत कार्रवाई का आरोप लगाया था। अब उन्होंने खुद कहा है कि वह मेरी गलती थी। दरअसल महुआ मोइत्रा ने कल्याण बनर्जी को स्त्री विरोधी करार दिया था। इसी से वह आहत हैं और उनका कहना है कि महुआ मोइत्रा के अंदर कृतज्ञता भाव नहीं है। उन्होंने आगे बढ़कर महुआ का खूब बचाव किया था और उसके बाद भी उन्हें महुआ ने स्त्री विरोधी करार दिया है, जो आहत करने वाला है। कल्याण बनर्जी ने लिखा है कि लोग उनके शब्दों को खुद देखें और तय करें कि कौन क्या है और कैसा है।
दरअसल तृणमूल कांग्रेस में आंतरिक कलह बढ़ गई है। कल्याण बनर्जी को चीफ विप के पद से हटा दिया गया और सुदीप बंद्योपाध्याय को लोकसभा में संसदीय दल के नेता के पद से हटाया गया है। अब दिल्ली में पार्टी का नेतृत्व अभिषेक बनर्जी करेंगे, जो मुख्यमंत्री ममता के भतीजे हैं। दरअसल कल्याण बनर्जी पर आरोप लगा था कि वह सांसदों के बीच सही से समन्वय नहीं कर पा रहे हैं और आंतरिक कलह को बढ़ावा मिल रहा है। महुआ मोइत्रा ने भी उन्हें लेकर टिप्पणी की और कहा कि वह स्त्री विरोधी हैं। उसी को लेकर अब कल्याण बनर्जी ने एक्स पर जवाब दिया है। विवाद की शुरुआत तब हुई जब महुआ मोइत्रा ने एक पॉडकास्ट में कल्याण बनर्जी को 'सुअर' कहकर संबोधित किया। इसके जवाब में कल्याण बनर्जी ने न केवल मोइत्रा के बयान को अमानवीय करार दिया, बल्कि उन्होंने लोकसभा में टीएमसी के मुख्य सचेतक यानी चीफ व्हिप के पद से इस्तीफा भी दे दिया। पार्टी ने इस्तीफा स्वीकार कर लिया है। उन्होंने मंगलवार को ट्वीट कर कहा है, '2023 में जब संसद में मोइत्रा पर हमले हो रहे थे, तब मैं उनके साथ खड़ा था ऐसा मैंने दृढ़ विश्वास से किया था, मजबूरी में नहीं। आज वह मुझे स्त्री-द्वेषी कहकर उस समर्थन का बदला चुका रही हैं। मुझे देश से माफ़ी मांगनी चाहिए क्योंकि मैंने एक ऐसे व्यक्ति का बचाव किया जिसमें बुनियादी कृतज्ञता का अभाव है। लोगों को उनके शब्दों को उनके वास्तविक रूप में देखने दें और उसके अनुसार निर्णय लें।' यह विवाद उस समय शुरू हुआ जब महुआ मोइत्रा ने इंडिया टुडे के एक पॉडकास्ट में कल्याण बनर्जी के ख़िलाफ़ तीखा हमला बोला। मोइत्रा ने बनर्जी को 'सुअर' कहते हुए कहा, 'आप सुअर के साथ कुश्ती नहीं कर सकते, क्योंकि सुअर को यह पसंद होता है और आप गंदे हो जाते हैं।' यह बयान बनर्जी द्वारा मोइत्रा के निजी जीवन, विशेष रूप से उनकी शादी और पूर्व बीजद सांसद पिनाकी मिश्रा के साथ उनके संबंधों पर की गई टिप्पणी के जवाब में आया था। कल्याण बनर्जी ने मोइत्रा पर महिला विरोधी होने और 40 साल पुराना एक विवाह तोड़ने का आरोप लगाया था। यह टिप्पणी दक्षिण कोलकाता लॉ कॉलेज में हुए बलात्कार मामले को लेकर दोनों नेताओं के बीच पहले से चल रहे विवाद का हिस्सा थी। महुआ मोइत्रा ने कल्याण बनर्जी के इस बयान को न केवल अपमानजनक बताया, बल्कि इसे मर्दवादी और अभद्र भी करार दिया। उन्होंने कहा, 'भारत में गहरे मर्दवादी, यौन कुंठित और भ्रष्ट पुरुष हैं और इनका प्रतिनिधित्व संसद में सभी पार्टियों में मौजूद है।'
कल्याण बनर्जी का जवाब और इस्तीफा: महुआ मोइत्रा के बयान के एक दिन बाद सोमवार को, कल्याण बनर्जी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक लंबा पोस्ट लिखकर अपनी नाराजगी जाहिर की। उन्होंने मोइत्रा के शब्दों को अमानवीय और सिविल डिस्कोर्स के बुनियादी नियमों के विरुद्ध करार दिया। बनर्जी ने लिखा, "पुरुष सहयोगी को 'यौन कुंठित' कहना न तो साहस है, बल्कि यह सरासर अपमान है। अगर ऐसी भाषा किसी महिला के लिए इस्तेमाल की जाती, तो देशभर में हंगामा मच जाता और यह ठीक भी होता। लेकिन जब पुरुष निशाना होता है तो इसे नजरअंदाज कर दिया जाता है या तारीफ की जाती है।" बनर्जी ने यह भी आरोप लगाया कि मोइत्रा अपनी असफलताओं को छिपाने के लिए इस तरह की अपमानजनक भाषा का सहारा ले रही हैं। उन्होंने कहा, "अगर मोइत्रा सोचती हैं कि गाली-गलौज से उनकी नाकामियां छिप जाएंगी या उनके रिकॉर्ड पर गंभीर सवालों से ध्यान हट जाएगा तो वे खुद को धोखा दे रही हैं।"
इसी दिन कल्याण बनर्जी ने लोकसभा में टीएमसी के मुख्य सचेतक के पद से इस्तीफे की घोषणा की। उन्होंने एक न्यूज चैनल से बातचीत में कहा, "मैंने लोकसभा में पार्टी के मुख्य सचेतक के पद से इस्तीफा दे दिया है, क्योंकि 'दीदी' (ममता बनर्जी) ने वर्चुअल मीटिंग में कहा कि पार्टी के सांसदों में तालमेल की कमी है। इसका दोष मुझ पर डाला गया है। इसलिए मैंने पद छोड़ने का फैसला किया।" बनर्जी ने यह भी कहा कि वे पार्टी नेतृत्व की चुप्पी और उनके खिलाफ अपमानजनक टिप्पणियों पर कोई कार्रवाई न होने से आहत हैं।
ममता बनर्जी का हस्तक्षेप
इस पूरे विवाद के बीच पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री और टीएमसी सुप्रीमो ममता बनर्जी ने 4 अगस्त को एक वर्चुअल मीटिंग बुलाई, जिसमें लोकसभा और राज्यसभा के सभी टीएमसी सांसद शामिल हुए। इस मीटिंग में ममता ने पार्टी के सांसदों के बीच तालमेल की कमी और आंतरिक कलह पर गहरी नाराजगी जताई। मीडिया रिपोर्टों में सूत्रों के हवाले से कहा गया है कि ममता ने बिना किसी का नाम लिए कहा कि 'दो-तीन सांसद पार्टी की छवि को खराब कर रहे हैं' और 'कोई भी व्यक्ति संगठन से बड़ा नहीं है।'
मीटिंग के बाद ममता ने अपने भतीजे और पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव अभिषेक बनर्जी को लोकसभा में टीएमसी संसदीय दल का नेता नियुक्त किया। यह कदम अनुभवी सांसद सुदीप बंद्योपाध्याय की जगह लिया गया, जो स्वास्थ्य कारणों से सक्रिय नहीं थे। ममता ने सांसदों को आपसी मतभेद भुलाकर सरकार के खिलाफ एकजुट होने और विशेष गहन संशोधन (SIR) और राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (NRC) जैसे मुद्दों पर ध्यान केंद्रित करने का निर्देश दिया।
इस्तीफा स्वीकार
कल्याण बनर्जी ने मुख्य सचेतक के पद से इस्तीफा दे दिया और मंगलवार को पार्टी ने इस्तीफ़ा स्वीकार कर लिया है। पहले ऐसी ख़बरें थीं कि अभिषेक बनर्जी ने उनसे संपर्क कर कुछ दिन तक अपने फैसले पर पुनर्विचार करने का अनुरोध किया है। बनर्जी ने एक न्यूज चैनल से कहा, 'कुछ मिनट पहले अभिषेक बनर्जी ने मुझे फोन किया और कहा कि मुझे कुछ और दिन तक पद पर बने रहना चाहिए। उन्होंने कहा कि वह 7 अगस्त को मुझसे मिलेंगे और बात करेंगे।' लेकिन मंगलवार को पार्टी ने आधिकारिक तौर पर कह दिया है कि इस्तीफा स्वीकार हो गया है।
पार्टी में पहले भी रही है तनातनी
यह पहली बार नहीं है जब कल्याण बनर्जी और महुआ मोइत्रा के बीच तनाव सामने आया है। इससे पहले, दक्षिण कोलकाता लॉ कॉलेज में हुए बलात्कार मामले को लेकर भी दोनों नेताओं के बीच तीखी नोकझोंक हुई थी। बनर्जी ने इस मामले में विवादास्पद टिप्पणी की थी, जिसे मोइत्रा ने महिला विरोधी और घृणित बताया था। टीएमसी ने आधिकारिक तौर पर कल्याण बनर्जी और विधायक मदन मित्रा की टिप्पणियों से खुद को अलग कर लिया था।
इसके अलावा बनर्जी का पूर्व क्रिकेटर और टीएमसी सांसद कीर्ति आज़ाद के साथ भी पहले सार्वजनिक विवाद हो चुका है, जिसने पार्टी नेतृत्व के लिए असमंजस की स्थिति पैदा की थी।
इस पूरे प्रकरण ने टीएमसी के भीतर नेतृत्व और अनुशासन के मुद्दों को सामने ला दिया है। कल्याण बनर्जी ने अपनी नाराजगी में यह भी कहा कि वे इतने आहत हैं कि राजनीति छोड़ने के बारे में भी सोच रहे हैं। हालांकि, अभिषेक बनर्जी के हस्तक्षेप से इस विवाद को सुलझाने की कोशिश की जा रही है, लेकिन मोइत्रा और बनर्जी के बीच की कड़वाहट को दूर करना आसान नहीं होगा।
माना जा रहा है कि ममता बनर्जी इस समय बंगाल में चल रहे राजनीतिक संकट, विशेष रूप से NRC और SIR जैसे मुद्दों पर ध्यान देना चाहती हैं। ऐसे में सांसदों के बीच इस तरह की सार्वजनिक लड़ाई उनकी रणनीति को कमजोर कर सकती है। ( बंगाल से अशोक झा की रिपोर्ट )
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