- दो दिवसीय केंद्रीय कार्यकारिणी की बैठक में लिए गए महत्वपूर्ण निर्णय
- 5 नवंबर से 20 नवंबर तक "सील यात्रा" (अन्तर राज्य छात्र जीवन दर्शन) भी आयोजित करेगी विद्यार्थी परिषद
- भगवान बिरसा मुंडा सार्धशती और रानी अबक्का 500वी जयंती को लेकर बनी विशेष कार्ययोजना
- देश के प्रमुख 300 विश्वविद्यालयों में विद्यार्थी परिषद करेगा विश्वविद्यालय प्रवास
अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद की दो-दिवसीय केंद्रीय कार्यसमिति बैठक सिलीगुड़ी में संपन्न हुआ। इसमें सीताराम डालमिया समेत विद्यार्थी परिषद के पुराने लोगों का पूर्ण सहयोग रहा। इस मौके पर भगवान बिरसा मुंडा सार्धशती और रानी अबक्का 500वी जयंती को लेकर बनी विशेष कार्ययोजना देश के प्रमुख 300 विश्वविद्यालयों में होगा अखिल भारतीय विश्विद्यालय प्रवास। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (अभाविप) की दो दिवसीय केंद्रीय कार्यसमिति बैठक पश्चिम बंगाल के सिलीगुड़ी में संपन्न हुई। इस बैठक में शैक्षिक, सामाजिक, तकनीकी, पर्यावरणीय, खेलकूद एवं सेवा संबंधी विविध विषयों पर गहन विमर्श कर संगठन की आगामी कार्ययोजनाओं को अंतिम रूप दिया गया। देश के समग्र शैक्षिक परिदृश्य को बेहतर बनाने और छात्रों के हितों को सुनिश्चित करने के उद्देश्य से अनेक महत्त्वपूर्ण निर्णय लिए गए।बैठक में देशभर के उच्च शिक्षण संस्थानों से जुड़े मुद्दों पर विशेष चर्चा की गई। शैक्षिक गुणवत्ता में गिरावट, विश्वविद्यालयों में कुलपतियों की शीघ्र नियुक्ति, राष्ट्रीय शिक्षा नीति के प्रभावी क्रियान्वयन तथा विद्यार्थियों में आत्महत्या जैसी गंभीर समस्याओं की रोकथाम हेतु ठोस कदम उठाने पर विचार किया गया। साथ ही, पश्चिम बंगाल की जर्जर होती शिक्षा व्यवस्था, परिसरों में बढ़ती अराजकता, विद्यार्थियों के मौलिक अधिकारों का हनन तथा छात्राओं के विरुद्ध बढ़ते अपराधों को लेकर चिंता व्यक्त की गई और इनके समाधान के लिए प्रभावी उपायों की आवश्यकता पर जोर दिया गया। भगवान बिरसा मुंडा जी की 150 वीं जयंती के अवसर पर व्यापक स्तर पर जनजातीय छात्र सम्मेलन आयोजित करने, उनकी जन्मस्थली झारखंड के उलिहातू से देहरादून तक यात्रा निकालने तथा परिसरों एवं जनजातीय जिलों में जनजातीय छात्र सम्मेलन और नाट्य कार्यक्रम जैसे विविध आयोजनों का निर्णय लिया गया। इसी प्रकार महारानी अबक्का की 500 वीं जयंती पर देशभर के विभिन्न परिसरों में प्रदर्शनी और विशेष कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे, जिनके माध्यम से उनके शौर्य और बलिदान की प्रेरणा विद्यार्थियों तक पहुँचाई जाएगी। इसी क्रम में 5 नवंबर से 20 नवंबर तक "सील यात्रा" (अन्तर राज्य छात्र जीवन दर्शन) भी आयोजित की जाएगी, जिसके अंतर्गत शेष भारत से प्रतिनिधि उत्तर-पूर्व के प्रांतों में जाकर वहाँ देश की पारंपरिक विविधता को समझने तथा राष्ट्रीय एकात्मता के भाव को आत्मसात करने का प्रयास करेंगे। बैठक में प्रा. यशवंत राव केलकर जी की जन्मशती वर्ष को विशेष रूप से मनाने का भी निर्णय लिया गया। इस अवसर पर उनके विचारों को देश के युवाओं तक पहुँचाने और संगठनात्मक सुदृढ़ीकरण के लिए विशेष अभियान चलाए जाएंगे। इसके साथ ही अभाविप के प्रमुख अभियान-'आनंदमयी सार्थक छात्र जीवन' और 'परिसर चलो' अभियान को निरंतर गतिशील बनाए रखने पर सहमति बनी। आपातकाल के 50 वर्ष पूर्ण होने पर गोष्ठियों, मीसाबंदी सम्मान समारोहों और अनुभव कथन जैसे कार्यक्रमों के माध्यम से उस काल की विभीषिका को समाज और विद्यार्थियों के बीच प्रस्तुत किया जाएगा। साथ ही संविधान के 75 वर्ष पूर्ण होने पर वर्षभर चलने वाली विशेष कार्ययोजना भी निर्धारित की गई।
देश के प्रमुख 300 विश्विद्यालयों में छात्र पदाधिकारियों का अखिल भारतीय योजना से प्रवास होगा और शेष विश्विद्यालयों में प्रांतों की योजना से प्रवास लगाया जाएगा, साथ ही विभिन्न विधाओं के विश्विद्यालयों जैसे मेडिकल, कृषि विश्विद्यालयों एवं अखिल भारतीय संस्थानों में भी प्रवास होगा।अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के राष्ट्रीय महामंत्री डॉ. वीरेंद्र सिंह सोलंकी ने कहा, "अभाविप की केंद्रीय कार्यसमिति बैठक में देश के शैक्षिक एवं सामाजिक परिदृश्य के विभिन्न पहलुओं पर गंभीर विमर्श कर ठोस कार्ययोजना तैयार की गई है। भगवान बिरसा मुंडा जी की सार्धशती, उनकी जन्मस्थली झारखंड के उलिहातू से देहरादून तक यात्रा, महारानी अबक्का की जयंती, सील यात्रा तथा प्रा. यशवंत राव केलकर जी की जन्मशती वर्ष को विशेष रूप से मनाने का निर्णय लिया गया है। साथ ही 28 से 30 नवंबर 2025 को देहरादून में आयोजित होने जा रहे अभाविप के 71वें राष्ट्रीय अधिवेशन की तैयारी प्रारंभ हो चुकी है, जो संगठनात्मक दृष्टि से ऐतिहासिक होगा। ( बंगाल से अशोक झा )
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