- पीएम मोदी ने कहा मंदिर मार्ग पर हुए भूस्खलन के कारण हुई जनहानि दु:खद
जम्मू-कश्मीर के कटरा में वैष्णो देवी मंदिर के पास कश्मीर के रियासी जिले में स्थित माता वैष्णो देवी मंदिर मार्ग पर हुए मंगलवार को हुए भूस्खलन में मरने वालों की संख्या बढ़कर 33 हो गई है। करीब 20 लोग इस हादसे में घायल भी हुए हैं।रियासी के एसएसपी परमवीर सिंह ने अगले दिन मृतकों की संख्या बढ़ने की पुष्टि की। जम्मू-कश्मीर के कटरा में वैष्णो देवी मंदिर के पास भारी बारिश के कारण हुए भूस्खलन में 33 लोगों की मौत हो गई है। मौत का यह आंकड़ा भूस्खलन के आने वाले दिन बढ़ गया।
पीएम नरेंद्र मोदी ने इस हादसे पर दुख जताया है। उन्होंने X पर एक पोस्ट कर कहा कि वैष्णो देवी मंदिर मार्ग पर हुए भूस्खलन के कारण हुई जनहानि दुखद है।
पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा, "श्री माता वैष्णो देवी मंदिर मार्ग पर हुए भूस्खलन के कारण हुई जनहानि दुखद है। मेरी संवेदनाएंं शोक संतप्त परिवारों के साथ हैं। ईश्वर करे कि घायल जल्द से जल्द स्वस्थ हों। प्रशासन सभी प्रभावित लोगों की सहायता कर रहा है। मैं सभी की सुरक्षा और कुशलक्षेम के लिए प्रार्थना करता हूं।"
दरअसल, मंगलवार (26 अगस्त) की दोपहर करीब 3.00 बजे कटरा के अर्धकुंवारी स्थित इंद्रप्रस्थ भोजनालय के पास भारी भूस्खलन हुआ था. कुछ ही समय में 8 लोगों की मौत की खबर आ गई थी, जबकि 20 लोग घायल बताए जा रहे थे. समय बीतने के साथ मौत का आंकड़ा बढ़कर 33 हो गया।और भी लोगों के दबे होने की आशंका: भूस्खलन के बाद बड़े स्तर पर राहत और बचाव कार्य जारी है. लोगों को मलबे के नीचे से ढूंढकर अस्पताल पहुंचाया जा रहा है। इंडियन आर्मी, सीआरपीएफ और एनडीआरएफ के जवान बिना थके बिना रुके लोगों को बचाने में जुटे हुए हैं. मलबे में और भी लोगों के दबे होने की आशंका जताई जा रही है।
कई पुल टूटे, वैष्णो देवी यात्रा स्थगित: भारी बारिश और भूस्खलन से अब तक तीन पुल क्षतिग्रस्त हो गए हैं. लैंडस्लाइड के कारण माता वैष्णो देवी की यात्रा को अस्थायी तौर पर स्थगित कर दिया गया है. जम्मू में पठानकोट नेशनल हाईवे पर यातायात पूरी तरह से ठप्प है. भारी तबाही के बीच कठुआ में रावी पुल का हिस्सा बह गया है. सीआरपीएफ के 22 जवान, 3 लोकल नागरिकों और एक सीआरपीएफ के कुत्ते को सेना के हेलीकॉप्टर से रेस्क्यू किया गया है।जम्मू से 5000 लोगों का इवैक्यूएशन: जम्मू के डिवीजनल कमिश्नर रमेश कुमार के मुताबिक, अब तक जम्मू संभाग से 5000 लोगों को इवैक्युएट किया गया है। रात भर कहीं से बादल फटने की कोई घटना सामने नहीं आई है. प्रशासन पुलिस और सेना अलर्ट पर हैं. चिनाब नदी का जलस्तर अभी भी बढ़ा हुआ है. चिनाब नदी के आसपास कुछ लोग फंसे हुए हैं जिन्हें बचाने के लिए सेना की मदद ली जा रही है।नेटवर्क की समस्या बरकरार
मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने बताया कि अभी भी कम्यूनिकेशन न के बराबर है. जियो मोबाइल पर थोड़ा-बहुत डेटा तो आ रहा है, लेकिन फिक्स्ड लाइन वाई-फाई नहीं है, ब्राउज़िंग नहीं हो रही है. लगभग कोई भी फोन ऐप नहीं चल रहा. एक्स जैसी चीज़ें बहुत धीरे खुलती हैं, व्हाट्सएप छोटे टेक्स्ट मैसेज के अलावा कोई भी चीज सेंड नहीं कर पा रहा. साल 2014 और 2019 के बुरे दिनों के बाद से अब तक इतना डिस्कनेक्ट महसूस नहीं हुआ। ( अशोक झा की रिपोर्ट )
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