- बिहार के तर्ज पर बंगाल में सख्ती से ही एसएआर कि प्रक्रिया पूरी
- कहा लाखों रोहिंग्या बंगाल के वोटर लिस्ट में, बंगाल चुनाव आयुक्त कार्यालय तक प्रदर्शन
पश्चिम बंगाल विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष शुभेंदु अधिकारी ने बुधवार को राज्य की मतदाता सूची को लेकर गंभीर चिंता जताते हुए आरोप लगाया कि इसमें बड़ी संख्या में रोहिंग्या घुसपैठियों के नाम शामिल हैं। बिहार में जो कवायद (SIR) हो रही है, वह यहां भी होनी चाहिए। सुवेंदु अधिकारी का दावा वोटर लिस्ट में है लाखों रोहिंग्या: सुवेंदु अधिकारी भाजपा विधायकों के साथ राज्य विधानसभा से मुख्य निर्वाचन अधिकारी (सीईओ) कार्यालय तक मार्च निकाला। उन्होंने सीईओ मनोज कुमार अग्रवाल से घर-घर जाकर सर्वेक्षण करने का आग्रह किया ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि पश्चिम बंगाल की मतदाता सूची रोहिंग्या घुसपैठियों से मुक्त हो। बंगाल में अगले साल विधानसभा के चुनाव होने है। इसके लिए राजनीतिक पार्टियों ने अपनी-अपनी तैयारी तेज कर दी है। आरोप-प्रत्यारोप की राजनीति भी अपने चरम पर है। इसी बीच भाजपा नेता और पश्चिम बंगाल विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष शुभेंदु अधिकारी ने बुधवार को चुनाव आयोग से राज्य की मतदाता सूची को रोहिंग्या घुसपैठियों से मुक्त करने की मांग की।यहां सीएम ने भाजपा और चुनाव आयोग पर तीखा हमला बोला और मतदाता सूची विशेष गहन पुनरीक्षण को लेकर कहा कि जिन लोगों के नाम मतदाता सूची में नहीं हैं, उन्हें जेल भेजा जाएगा. सीमा सुरक्षा बल को जमीन क्यों नहीं?
शुभेंदु अधिकारी ने सवाल उठाया कि जब बांग्लादेश के साथ 540 किलोमीटर लंबी सीमा से रोहिंग्या घुसपैठ करते हैं, तो राज्य सरकार बीएसएफ को जमीन क्यों नहीं देती? इससे सीमा की सुरक्षा प्रभावित हो रही है। अधिकारी ने आरोप लगाया कि बंगाल में फर्जी आधार कार्ड, जन्म प्रमाणपत्र और वोटर आईडी (ईपीआईसी) कार्ड बनाने का गढ़ बन गया है। उन्होंने कहा कि ममता बनर्जी को जनसंख्या संतुलन की चिंता नहीं, उन्हें सिर्फ वोटर लिस्ट की चिंता है। उन्होंने कहा कि ममता सरकार रोहिंग्या की पहचान के चल रहे काम में बाधा डाल रही है, ताकि अपने वोट बैंक को सुरक्षित रख सके। अधिकारी ने संवाददाताओं से कहा कि पश्चिम बंगाल में लगभग हर जगह रोहिंग्या मुसलमान हैं। हमने सीईओ से यह सुनिश्चित करने को कहा है कि मतदाता सूची किसी भी रोहिंग्या घुसपैठिए से मुक्त हो। अगर बिहार में रोहिंग्याओं को मतदाता सूची से हटाया गया है, तो बंगाल में भी ऐसा ही किया जाना चाहिए। 50 प्रतिशत केंद्र के कर्मचारी तैनात करने की मांग सुवेंदु अधिकारी ने दावा किया कि लाखों रोहिंग्या मुसलमानों के नाम यहां की मतदाता सूची में हैं, उन्हें हटाया जाना चाहिए। यह बंगालियों या बंगाली भाषा का सवाल नहीं है। यह राष्ट्रीय हित का सवाल है। बंगाल को बचाना है। अधिकारी ने सीईओ से पारदर्शी संचालन सुनिश्चित करने का भी आग्रह किया और कहा कि सीईओ को राज्य सरकार और केंद्र सरकार के 50 प्रतिशत कर्मचारियों को प्रतिनियुक्ति पर रखने का अनुरोध करना चाहिए। ( बंगाल से अशोक झा की रिपोर्ट )
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