पलश अधिकारी नाम के एक व्यक्ति को मध्य प्रदेश में पुलिस ने बांग्लादेशी होने के शक में हिरासत में लिया। पुलिस का कहना था कि वो भारतीय नहीं है। लेकिन पलश ने अपने पास मौजूद आधार कार्ड, वोटर ID, पैन कार्ड और कई दस्तावेज दिखाए, जिससे यह साबित हो सके कि वह भारतीय नागरिक है और हिंदू है।
बावजूद इसके, पुलिस को उस पर भरोसा नहीं हुआ और मामला कोर्ट तक पहुंचा। कोर्ट में पलश से कुछ बुनियादी सवाल किए गए:
नाम? पलश अधिकारी
उम्र? 42 साल
पिता का नाम? रमेश अधिकारी
पता? काशीमपुर, मालदा, पश्चिम बंगाल
कोर्ट ने वोटर लिस्ट और आधार रिकॉर्ड से इन तथ्यों की जांच की और पाया कि ये सभी जानकारियां रिकॉर्ड में मौजूद थीं। रमेश अधिकारी के चार बेटे दिखाए गए थे: पलश, सुभ्रतो, सौमेन और राहुल।
अब सवाल उठा कि अगर रमेश अधिकारी भारतीय हैं, तो उनके बेटे भी स्वाभाविक रूप से भारतीय ही होंगे। लेकिन जब कोर्ट ने पुराने रिकॉर्ड, खासकर 2002 के स्पेशल इन्वेस्टिगेशन रिपोर्ट (SIR) को देखा तो चौंकाने वाला सच सामने आया।
2002 और 2010 के रिकॉर्ड में रमेश अधिकारी के सिर्फ दो बेटे थे: सुभ्रतो और सौमेन। पलश और राहुल का कहीं जिक्र नहीं था। 2015 में अचानक वोटर लिस्ट में रमेश के चार बेटे दिखने लगे।
जांच आगे बढ़ी तो पता चला:
रमेश की शादी 1993 में हुई थी।
पहला बेटा सुभ्रतो 1995 में पैदा हुआ (अब 30 साल का)।
दूसरा बेटा सौमेन 1997 में पैदा हुआ (अब 28 साल का)।
लेकिन पलश की उम्र 42 साल थी – यानी उसका जन्म 1983 में हुआ, यानी रमेश की शादी से पहले।
ये संभव नहीं था।
जब रमेश अधिकारी से पूछा गया कि क्या वह पलश या राहुल को जानते हैं, तो उन्होंने साफ कहा कि नहीं जानते। तब असली पहचान सामने आई:
पलश अधिकारी असल में था शेख मोइनुद्दीन, जो बांग्लादेश के खुलना, अहमदपुर का रहने वाला था। वह फर्जी दस्तावेज बनवाकर खुद को भारतीय और हिंदू बताकर घुसपैठ कर चुका था।
पिछले 10 साल से, वह मजदूर बनकर छिपे तौर पर कट्टरपंथी गतिविधियों में शामिल था। राहुल अधिकारी नाम का शख्स कौन है, इसका भी कोई पता नहीं – पुलिस उसकी तलाश कर रही है।
रमेश अधिकारी, जो कि एक सीधा-सादा किसान है, खुद हैरान था कि कोई अनजान शख्स उसकी संतान बनकर कैसे दस्तावेजों में शामिल हो गया।
ये मामला दिखाता है कि कैसे हजारों बांग्लादेशी घुसपैठिए फर्जी नामों से आधार, वोटर ID और पैन कार्ड बनवाकर खुद को भारतीय साबित कर रहे हैं। ये देश की सुरक्षा के लिए गंभीर खतरा है।
सरकार से मांग उठ रही है कि वोटर लिस्ट की गहराई से जांच की जाए और ऐसे फर्जी नागरिकों की पहचान कर उन्हें बाहर निकाला जाए।
सच्चे भारतीयों को डरने की जरूरत नहीं है, क्योंकि ये कदम देश और नागरिकों की सुरक्षा के लिए उठाए जा रहे हैं।
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