*रिवर फ्रंट सड़क बाढ़ के पानी में फिर डूबी
*दशाश्वमेध घाट, नागवासुकी मंदिर का प्रवेश द्वार जलमग्न, घरों तक पहुंचा पानी
प्रयागराज में गंगा का जलस्तर तीसरी बार बढ़ने से बाढ़ के हालात बन गए हैं। रिवर फ्रंट सड़क बाढ़ के पानी में एक फिर डूब गई है। किनारे पर मौजूद घरों में भी पानी घुस गया है। एक तरफ जहां गंगा का जल हनुमान मंदिर के गर्भ गृह में पहुंच गया है तो वहीं दूसरी ओर दशाश्वमेध घाट, नागवासुकी मंदिर का प्रवेश द्वार भी डूब गया है। प्रयागराज में गंगा और यमुना नदियों का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है। बीते 24 घंटों में दोनों नदियों के जलस्तर में तेजी से इजाफा हुआ है। यमुना नदी नैनी में 81.13 मीटर और गंगा नदी फाफामऊ में 81.30 मीटर तक पहुंच गई है। यह खतरे के निशान 84.734 मीटर के करीब है।
स्थिति को देखते हुए प्रशासन सतर्क हो गया है। शहर के निचले तटीय इलाकों में निगरानी बढ़ा दी गई है। बाढ़ का पानी अब शहर के निचले इलाकों में घुसने लगा है। छोटे बघाड़ा, शिवकुटी, बेली कछार, अशोक नगर और नेवादा जैसे क्षेत्रों में जलभराव की स्थिति बन गई है। कई स्थानों पर सड़कों पर घुटनों तक पानी भर गया है। इससे लोगों को अपने घरों से बाहर निकलने में दिक्कत हो रही है। प्रशासन ने 88 बाढ़ चौकियां और 4 राहत शिविर स्थापित कर दिए हैं। साथ ही एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीमें राहत और बचाव कार्यों के लिए तैनात हैं।
करीब 2 लाख लोग बाढ़ से घिरे हुए हैं। छोटा बघाड़ा, दारागंज जैसे इलाकों में लोगों के घरों में पानी घुस गया है। जरूरत की चीजें (राशन, दूध) नाव से पहुंच रही हैं।
महाकुंभ में बनी 15 किमी लंबी रिवर फ्रंट सड़क डूब गई है। तीसरी बार गंगा का पानी लेटे हनुमान मंदिर के गर्भगृह तक पहुंच गया है। दशाश्वमेध घाट, नागवासुकी मंदिर का प्रवेश द्वार भी डूब गया। स्थिति को देखते हुए प्रशासन सतर्क हो गया है। 88 बाढ़ चौकियां और 4 राहत शिविर बनाए गए हैं।
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