आचार्य संजय
अल्बर्ट पाइक की भविष्यवाणी, जो 1871 में लिखी गई एक कथित पत्र में उल्लिखित है, तीन विश्व युद्धों की भविष्यवाणी करती है। इस पत्र में, पाइक ने दावा किया कि पहला विश्व युद्ध रूस और जर्मनी के बीच राजनीतिक गठजोड़ को खत्म करने के लिए होगा, दूसरा विश्व युद्ध फासीवाद और Zionism के बीच संघर्ष पर केंद्रित होगा, और तीसरा विश्व युद्ध इस्लाम और यहूदी धर्म के बीच होगा, जिससे एक विश्व सरकार की स्थापना होगी।
अल्बर्ट पाइक का यह कथित पत्र, 1871 में ग्यूसेप माज़िनी को लिखा गया एक पत्र माना जाता है, जिसमें तीन विश्व युद्धों की एक साजिश का वर्णन है। यह पत्र, जो 1977 तक लंदन के ब्रिटिश संग्रहालय में प्रदर्शित होने का दावा किया जाता है, इंटरनेट पर व्यापक रूप से प्रसारित हुआ है और इसे कई षड्यंत्र सिद्धांतों का आधार माना जाता है। पत्र में तीन विश्व युद्धों की भविष्यवाणी की गई है, जो दुनिया पर कब्ज़ा करने की एक बड़ी योजना का हिस्सा हैं। पत्र अल्बर्ट पाइक द्वारा ग्यूसेप माज़िनी को लिखा गया बताया जाता है, जो एक इतालवी क्रांतिकारी थे। पत्र में दावा किया गया है कि प्रथम विश्व युद्ध, द्वितीय विश्व युद्ध और तृतीय विश्व युद्ध के माध्यम से दुनिया को एक नए विश्व व्यवस्था की ओर ले जाया जाएगा। यह पत्र अक्सर फ्रीमेसन, इल्लुमिनाती और अन्य गुप्त समाजों द्वारा दुनिया पर नियंत्रण करने की साजिश के सिद्धांत से जुड़ा है। पत्र की प्रामाणिकता और इसके द्वारा किए गए दावों की सत्यता पर व्यापक रूप से बहस होती है। कुछ लोगों का दावा है कि पत्र 1977 तक ब्रिटिश संग्रहालय में था, जबकि संग्रहालय ने इस दावे का खंडन किया है। पत्र के अस्तित्व और इसके सही पाठ को लेकर भी विवाद है। पत्र ने कई षड्यंत्र सिद्धांतों और साहित्य को प्रभावित किया है, और आज भी व्यापक रूप से चर्चा का विषय बना हुआ है। अल्बर्ट पाइक का पत्र एक विवादास्पद और रहस्यमय दस्तावेज है जो आज भी दुनिया भर में चर्चा और बहस का विषय बना हुआ है। पत्र के दावों की प्रामाणिकता और सत्यता पर सवालिया निशान लगे हुए हैं, लेकिन इसका प्रभाव आज भी महसूस किया जा सकता है।
यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि इस पत्र की प्रामाणिकता पर व्यापक रूप से सवाल उठाया गया है, और कई विद्वानों का मानना है कि यह पत्र जाली है या पाइक द्वारा नहीं लिखा गया था। पत्र में उल्लिखित भविष्यवाणी, जो आज भी व्यापक रूप से प्रसारित की जाती हैं, को भविष्य में होने वाली घटनाओं के लिए एक मार्गदर्शक के रूप में इस्तेमाल नहीं किया जाना चाहिए। आजकल यह पत्र बहुत चर्चा में है।
भविष्यवाणी
पाइक की भविष्यवाणी, जिसे "तीन विश्व युद्धों की भविष्यवाणी" के रूप में जाना जाता है। इस पत्र में, पाइक ने दावा किया कि तीन विश्व युद्ध होंगे, प्रत्येक युद्ध एक विशिष्ट उद्देश्य और परिणाम के साथ।
पहला विश्व युद्ध:
पाइक के अनुसार, पहला विश्व युद्ध रूस और जर्मनी के बीच राजनीतिक गठजोड़ को खत्म करने के लिए होगा।
दूसरा विश्व युद्ध:
दूसरा विश्व युद्ध फासीवाद और Zionism के बीच संघर्ष पर केंद्रित होगा।
तीसरा विश्व युद्ध:
तीसरा विश्व युद्ध इस्लाम और यहूदी धर्म के बीच होगा, जिससे एक विश्व सरकार की स्थापना होगी।
भविष्यवाणी की प्रामाणिकता:
इस पत्र की प्रामाणिकता पर व्यापक रूप से सवाल उठाया गया है, और कई विद्वानों का मानना है कि यह पत्र जाली है या पाइक द्वारा नहीं लिखा गया था। पत्र में उल्लिखित भविष्यवाणीयां, जो आज भी व्यापक रूप से प्रसारित की जाती हैं, को भविष्य में होने वाली घटनाओं के लिए एक मार्गदर्शक के रूप में इस्तेमाल नहीं किया जाना चाहिए।
निष्कर्ष:
अल्बर्ट पाइक की भविष्यवाणी, जो तीन विश्व युद्धों की भविष्यवाणी करती है, एक विवादास्पद विषय है. पत्र की प्रामाणिकता पर सवाल उठाया गया है, और यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि यह भविष्यवाणी, अगर सच भी है, तो इसे भविष्य में होने वाली घटनाओं के लिए एक मार्गदर्शक के रूप में इस्तेमाल नहीं किया जाना चाहिए।
कौन हैं अल्बर्ट पाइक
(29 दिसंबर, 1809 - 2 अप्रैल, 1891)
वह एक अमेरिकी लेखक, कवि, वक्ता, संपादक, वकील, न्यायविद और कॉन्फेडरेट स्टेट्स आर्मी के जनरल थे, जिन्होंने 1864 से 1865 तक निर्वासन में अर्कांसस सुप्रीम कोर्ट के एसोसिएट जस्टिस के रूप में कार्य किया । उन्होंने पहले कॉन्फेडरेट स्टेट्स आर्मी के एक वरिष्ठ अधिकारी के रूप में कार्य किया था, जो ट्रांस-मिसिसिपी थिएटर में इंडियन टेरिटरी जिले की कमान संभालते थे । फ्रीमेसन के एक प्रमुख सदस्य , पाइक ने 1859 से 1891 तक सुप्रीम काउंसिल, स्कॉटिश रीट, दक्षिणी क्षेत्राधिकार के सॉवरेन ग्रैंड कमांडर के रूप में कार्य किया।
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