हनीमून मनाने सिक्किम गया यूपी के प्रतापगढ़ का एक नवविवाहित कपल हादसे का शिकार हो गया. बताया जा रहा रहा है कि कपल का वाहन गहरी खाई में गिरने के बाद तीस्ता नदी में समा गया. उनके साथ वाहन में और भी कई लोग सवार थे।हनीमून मनाने सिक्किम गया कपल 15 दिन से लापता,
सिक्किम भारत के नॉर्थ ईस्ट में पूर्वी हिमालय में स्थित है. यह देश के सबसे छोटे राज्यों में से एक है. सिक्किम की सीमा उत्तर और उत्तर-पूर्व में चीन के तिब्बत स्वायत्त क्षेत्र, दक्षिण-पूर्व में भूटान, दक्षिण में भारतीय राज्य पश्चिम बंगाल और पश्चिम में नेपाल से लगती है. सिक्किम की राजधानी गंगटोक है, जो राज्य के साउथ ईस्टर्न भाग में स्थित है. सिक्किम अपनी बायोडायवर्सिटी के लिए जाना जाता है, जिसमें अल्पाइन और सबट्रॉपिकल क्लाइमेट शामिल है. भारत का दूसरा सबसे छोटा राज्य सिक्किम हिमालय की खूबसूरती के अलावा दुनिया का तीसरा सबसे ऊंचे पर्वत शिखर, कंचनजंगा के लिए भी जाना जाता है.दिलचस्प बात है कि सिक्किम छोटा सा राज्य है और यहां घूमने के लिए आप कहीं भी निकलेंगे तो आपको कुछ खास ही दिखेगा। धरती पर स्वर्ग है सिक्किम: हनीमून मनाने सिक्किम गया कपल 15 दिन से लापता, जानें क्यों पहाड़ों में खो जाते हैं लोग
सिक्किम की राजधानी गंगटोक है जो राज्य का सबसे बड़ा शहर है जिसका लगभग 35 प्रतिशत हिस्सा कंचनजंगा राष्ट्रीय उद्यान द्वारा कवर किया गया है. सिक्किम में छह जिले हैं जिनके नाम गंगटोक, मंगन, नामची, ग्यालशिंग, पाकयोंग और सोरेंग हैं. सिक्किम एक बेहद खूबसूरत जगह है. सिक्किम अपने बर्फीले पहाड़ों, हरी-भरी घाटियों और शांत झीलों के लिए मशहूर है. अगर आप हिमालय के नजारों और शांतिपूर्ण जगहों का भरपूर मजा लेना चाहते हैं तो सिक्किम में घूमने के लिए ऐसी कई जगहें हैं. शानदार नजारों और शांतिपूर्ण जगहों का भंडार सिक्किम आपको धरती पर किसी स्वर्ग से कम नहीं लगेगा. सिक्किम में स्थित गंगटोक और गुरुडोंगमार झील दो ऐसी यूनिक जगहें हैं जहां जाकर आप खुद को प्रकृति के बेहद करीब पा सकते हैं. सिक्किम की हर जगह एक अलग और यादगार अनुभव देती है.
हनीमून मनाने सिक्किम गया कपल 15 दिन से लापता, जानें क्यों पहाड़ों में खो जाते हैं लोग।
क्यों है ये जगह इतना खतरनाक : ध्यान देने वाली बात यह है कि सिक्किम जितना खूबसूरत है, उतना ही खतरनाक भी है. सिक्किम की प्राकृतिक खूबसूरती के साथ-साथ इसकी खतरनाक ज्योग्राफिकल लोकेशन भी एक महत्वपूर्ण पहलू है. यह इलाका काफी ऊंचाई पर स्थित है, जिसकी वजह से यहां खतरनाक मौसम और भूस्खलन का खतरा बना रहता है. साथ ही, कुछ इलाकों में जंगली जानवरों का भी खतरा बना रहता है. सिक्किम में ज्यादातर जगहों पर ऊंची और खड़ी ढलानें हैं. यह इलाका भूकंप और भूस्खलन के लिहाज से भी संवेदनशील है। हनीमून मनाने सिक्किम गया कपल 15 दिन से लापता, जानें क्यों पहाड़ों में खो जाते हैं लोग: इस वजह से खो जाते हैं लोग: सिक्किम में मौसम अक्सर अचानक से बदलता रहता है. यहां अचानक बर्फबारी, भारी बारिश और तूफान भी आ सकते हैं. सिक्किम में कई तरह के वन्यजीव पाए जाते हैं, जिनमें से कुछ इंसानों के लिए खतरनाक भी हो सकते हैं. ऐसे में सिक्किम में यात्रा करने वाले लोगों को मौसम, भूस्खलन और वन्यजीवों से खतरा हो सकता है. इसलिए यात्रा करने से पहले मौसम की जानकारी लेना और स्थानीय गाइड के साथ जाना जरूरी है. मतलब, सिक्किम एक खूबसूरत जगह है, लेकिन इसकी ज्योग्राफिकल कंडिशन और मौसम की वजह से यहां कुछ खतरे भी हैं. इन खतरों को ध्यान में रखते हुए सिक्किम की यात्रा करने वाले लोगों को सावधानी बरतनी चाहिए। उत्तर प्रदेश के प्रतापगढ़ जिले का एक नवविवाहित जोड़ा हनीमून मनाने सिक्किम गया था. 15 दिन बीत जाने के बाद भी वे घर नहीं लौटे हैं. दरअसल, 5 मई को शादी के बंधन में बंधे कौशलेंद्र प्रताप सिंह और अंकिता सिंह 24 मई को सिक्किम के लिए निकले थे. 29 मई की शाम को जिस कार में वे यात्रा कर रहे थे, वह भूस्खलन प्रभावित मंगन जिले में तीस्ता नदी में 1,000 फीट नीचे गिर गई. लाचेन-लाचुंग राजमार्ग पर मुन्सिथांग के पास कार सड़क से फिसल गई. इस हादसे में कौशलेंद्र और अंकिता समेत आठ पर्यटक लापता हैं. लापता पर्यटकों की तलाश एनडीआरएफ, अग्निशमन एवं आपातकालीन सेवाएं, वन विभाग, पर्यटन विभाग, टीएएएस (सिक्किम ट्रैवल एजेंट्स एसोसिएशन)और पुलिस के कर्मियों द्वारा की जा रही है. हालांकि, खराब मौसम के कारण बचाव कार्य में बाधा आ रही है।फिलहाल, पिछले दो हफ्ते से इस कपल की तलाश की जा रही है, लेकिन अभी तक उनका कोई पता नहीं चल सका है. परिजन थक हार कर सिक्किल के मंगन जिले से वापस अपने घर लौट आए हैं. 'आजतक' से बातचीत में उनका कहना है कि 'अब सिर्फ भगवान का ही सहारा है. बेटे-बहू की सलामती की कामना करते हुए एक धार्मिक अनुष्ठान आयोजित किया है।आपको बता दें कि बेटे कौशलेंद्र प्रताप सिंह और बहू अंकिता सिंह की तलाश में सिक्किम गए पिता शेर बहादुर रिश्तेदारों संग मंगलवार की शाम प्रतापगढ़ लौटे. उनके घर पहुंचते ही मातमी सन्नाटा टूट पड़ा. परिवार का रो-रोकर बुरा हाल है।शेर बहादुर ने कहा कि हमने सिक्किम के डीजीपी से लेकर राज्यपाल तक से बात की. हादसे वाले जिले मंगन के एसपी से भी बात हुई. फिलहाल, सेना, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, पुलिस-प्रशासन की टीमें तीस्ता नदी और उसके आसपास के इलाके में सर्च ऑपरेशन चला रही हैं. लेकिन खराब मौसम उनके काम में बाधा बन रहा है. दूसरे यात्रियों का सामान- बैग, पर्स, कपड़े आदि बरामद हुआ है, लेकिन अभी तक कौशलेंद्र-अंकिता का कोई सुराग नहीं मिला है.जानिए पूरी कहानी:प्रतापगढ़ के उदयपुर के राहाटीकर गांव निवासी 32 वर्षीय कौशलेंद्र प्रताप सिंह और उनकी पत्नी अंकिता 25 मई को हनीमून के लिए सिक्किम गए थे. 29 मई को जब वे गंगटोक से लौट रहे थे, तभी मुंशीथांग इलाके में पर्यटकों से भरी एक वैन 1000 फीट गहरी खाई में गिरकर तीस्ता नदी में समा गई. हादसे में दो लोगों को जिंदा निकाला गया, जबकि आठ पर्यटक लापता हैं, जिनमें कौशलेंद्र और अंकिता भी शामिल हैं।बेटे-बहू के लापता होने की सूचना मिलते ही पिता शेर बहादुर सिंह, बहू के भाई सौरभ सिंह, चाचा और अन्य रिश्तेदार गंगटोक पहुंचे. उन्होंने घटनास्थल पर पहुंचकर सेना, एसडीआरएफ और एनडीआरएफ के राहत कार्यों को देखा. खराब मौसम के चलते कई दिनों तक सर्च ऑपरेशन प्रभावित रहा।पिता शेर बहादुर ने बताया कि हादसे के बाद गाड़ी को निकालने के लिए रेस्क्यू किया जा रहा था लेकिन बीच में ही रेस्क्यू छोड़कर सीआरएफ की टीम वापस चली गई थी. दूसरे दिन जब ऑपरेशन शुरू हुआ तो गाड़ी भी गायब हो गई और टीम भी नहीं दिखाई दी. उन्होंने सिक्किम सरकार पर निशाना साधा और कहा कि 22 मई को मौसम विभाग ने रेड अलर्ट जारी किया था, इसके बावजूद भी पर्यटकों के जान से खिलवाड़ किया गया और उन्हें बाकायदा पास देकर रात में ऐसे स्थान पर भेजा गया जहां अलर्ट जारी था।
कौशलेंद्र-अंकिता के परिजनों ने शुरू किया धार्मिक अनुष्ठान; बीते मंगलवार को शेर बहादुर सिंह सिक्किम से वापस अपने गांव लौटे. उनके पहुंचते ही गांव में शोक की लहर दौड़ गई. लापता कौशलेंद्र की मां बेबी सिंह बार-बार बेहोश हो जा रही थीं।वहीं, कौशलेंद्र के दादा भाजपा नेता डॉ. उम्मेद सिंह ने बताया कि बुधवार से राहाटीकर स्थित मां दुर्गेश्वरी धाम में 51 हजार महामृत्युंजय मंत्रों का जाप शुरू किया गया है, जो पांच दिनों तक चलेगा. पूरे गांव और परिवार के लोग कौशलेंद्र और अंकिता की सकुशल वापसी के लिए प्रार्थना कर रहे हैं
उन्होंने कहा कि वह भाजपा के पुराने कार्यकर्ता और पदाधिकारी हैं, लेकिन पार्टी या सरकार के स्तर पर उनकी कोई मदद नहीं की गई. अलबत्ता उन्होंने कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और राज्यसभा सांसद प्रमोद तिवारी से संपर्क किया. तिवारी ने सिक्किम के राज्यपाल से फोन पर बात कर मदद करने की अपील की है. साथ ही प्रदेश सरकार से मामले में एक्टिव होने का आग्रह किया है। उधर, कौशलेंद्र के चाचा दिनेश सिंह ने बताया कि SDRF और NDRF की टीमें लगातार खोज और बचाव अभियान चला रही हैं, लेकिन अभी तक न तो कोई शव मिला है और न ही कोई जीवित व्यक्ति. उन्होंने आगे बताया कि कौशलेंद्र और अंकिता का सामान होटल से बरामद कर लिया गया था, लेकिन अभी तक कोई पुख्ता सबूत नहीं है जो यह पुष्टि कर सके कि वे नदी में डूब गए थे। सिक्किम के स्थानीय प्रशासन के मुताबिक, राज्य के मंगन जिले में ये दर्दनाक हादसा हुआ है. 11 पर्यटकों को ले जा रहा है एक वाहन तीस्ता नदी में गिर गया. हादसे में एक व्यक्ति की जान चली गई, दो घायल हो गए जबकि, आठ लोग लापता हैं. इसमें उत्तर प्रदेश के प्रतापगढ़ जिले के नवदंपती भी शामिल हैं। ( बंगाल से अशोक झा )
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