पश्चिम बंगाल में भारत बांग्लादेश की सीमा पर बढ़ते घुसपैठ और पुशबैक को लेकर बांग्लादेशी घुसपैठिए इन दिनों बौखला गए है। यहाँ पिछले 3 सालों में 2688 लोगों को पकड़ा गया। इनमें से 90% पश्चिम बंगाल के सीमाई इलाकों में पकड़े गए है। इसी का नतीजा है कि pबंगाल में बांग्लादेशी नागरिकों का आतंक बढ़ता जा रहा है। बीएसएफ के जवानों को भी इन घुसपैठियों का शिकार होना पड़ा। दक्षिण बंगाल फ्रंटियर के एक वरिष्ठ अधिकारी ने पुष्टि की है कि जवान सुरक्षित हैं और अब अपनी यूनिट के साथ वापस लौट चुके हैं। यह घटना सीमा सुरक्षा से जुड़े गंभीर सवाल खड़े करती है और दोनों देशों के बीच तालमेल को और मजबूत करने की आवश्यकता को रेखांकित करती है, ताकि ऐसी घटना दोबारा न घटे। बताया गया कि इस घटना में, बांग्लादेशी नागरिकों ने सीमा पर तैनात एक बीएसएफ जवान का अपहरण कर लिया। बताया गया कि यह घटना बुधवार को जिले के नूरपुर इलाके के सुतियार में स्थित बीएसएफ कैंप के पास चांदनी चौक क्षेत्र में हुई।बीएसएफ जवान को किया अगवा: रिपोर्ट्स के मुताबिक, शुरू में यह कहा जा रहा था कि 71 वीं बटालियन के जवान श्रीगणेश, घुसपैठियों का पीछा करते हुए गलती से बांग्लादेश की सीमा में घुस गए थे। हालांकि, बाद में बीएसएफ की आंतरिक जांच में साफ हुआ कि जवान भारतीय सीमा क्षेत्र में ही थे और उन्हें जबरन खींचकर बांग्लादेश ले जाया गया।
जवान को केले के पेड़ से बांधा किया गाली गलौज : घटना के दौरान श्री गणेश को बांग्लादेश के चपाई नवाबगंज जिले के सत्राशिया गांव में स्थानीय लोगों ने पकड़ लिया। सोशल मीडिया पर वायरल एक वीडियो में दिख रहा है कि जवान को एक केले के पेड़ से बांधा गया था और कुछ लोग उसे गालियां दे रहे थे। वीडियो में कुछ लोग उस पर हाथ उठाते भी दिख रहे हैं। हालांकि वहां मौजूद कुछ अन्य लोगों ने स्थिति को शांत करने की कोशिश की और बाद में उसे बांग्लादेश बॉर्डर गार्ड को सौंप दिया गया। करीब चार घंटे बाद बीएसएफ और बीजीबी के बीच फ्लैग मीटिंग के बाद जवान को सुरक्षित भारत वापस लाया गया। बीएसएफ अधिकारियों ने स्पष्ट किया कि जवान को किसी प्रकार की गंभीर शारीरिक चोट नहीं आई है और वह सुरक्षित है। ( बांग्लादेश बॉर्डर से अशोक झा )
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