केंद्र ने पश्चिम बंगाल के मुख्य सचिव के रूप में मनोज पंत का कार्यकाल 6 महीने के लिए बढ़ा दिया है। उनका कार्यकाल आज यानी सोमवार को समाप्त होने वाला था। लेकिन राज्य की ओर से मनोज पंत का कार्यकाल बढ़ाने का प्रस्ताव केंद्र को भेजा गया था। सोमवार को प्रस्ताव पर केंद्र की सकारात्मक प्रतिक्रिया के चलते मनोज पंत को फिलहाल मुख्य सचिव के पद से हटने की जरूरत नहीं है। प्रशासनिक यथास्थिति बनाए रखने के लिए यह फैसला लिया गया है। मनोज पंत ने अगस्त 2024 में मुख्य सचिव का पदभार संभाला था। इससे पहले मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने अतिरिक्त मुख्य सचिव रैंक के अधिकारी मनोज पंत को वित्त विभाग के सचिव पद से हटाकर सिंचाई विभाग में भेज दिया था। उनकी जगह अतिरिक्त मुख्य सचिव रैंक के अधिकारी प्रभात कुमार मिश्रा को राज्य का नया वित्त सचिव बनाया गया था। लेकिन बाद में ममता ने पंत को राज्य का मुख्य सचिव चुन लिया। मनोज पंत ने अपने जीवन में कई महत्वपूर्ण पदों पर कार्य किया है। जब प्रणब मुखर्जी वित्त मंत्री थे तब उन्होंने उनके निजी सचिव के रूप में काम किया था। उन्होंने केंद्र के संयुक्त सचिव के रूप में भी काम किया। उन्हें वाशिंगटन स्थित विश्व बैंक मुख्यालय में नई दिल्ली के प्रतिनिधि के रूप में काम करने का भी अनुभव है। वर्तमान में इस शांत स्वभाव वाले आईएएस को ममता बनर्जी का खास भरोसेमंद अधिकारी माना जाता है। उन्होंने मुख्यमंत्री के पक्ष में अजीकर की हत्या के बाद राज्य में स्थिति को संभाला है। अभी भी राज्य सरकार कई तरह से घिरी हुई है। एक तरफ डीए पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला, नौकरियां रद्द करने का आदेश और कानून व्यवस्था की स्थिति से निपटना भी राज्य के लिए चुनौती है। ऐसे में माना जा रहा है कि मनोज पंत की बहाली से राज्य प्रशासन को राहत मिलेगी। ( अशोक झा की कलम से )
पश्चिम बंगाल में 6 महीने के लिए बढ़ाया गया मनोज पंत का कार्यकाल, केंद्र ने दी मंजूरी
जून 30, 2025
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