*छह साल बाद फिर खुले कैलाश के द्वार, श्रद्धालुओं में उत्साह
*बहराइच के ब्लिस रिजॉर्ट से रवाना हुआ तीर्थयात्रियों का जत्था
*मानसरोवर की पवित्र झील और कैलाश पर्वत की ओर बढ़ चले शिवभक्त
बहराइच, 26 जून। छह वर्षों के अंतराल के बाद एक बार फिर कैलाश मानसरोवर यात्रा की आध्यात्मिक राह खुल गई है। 45 यात्रियों का एक जत्था गुरुवार को बहराइच के ब्लिस रिजॉर्ट से विधिवत पूजा-अर्चना के साथ रवाना हुआ। यह जत्था नेपालगंज होते हुए तिब्बत (चीन) के लिए प्रस्थान करेगा।
ब्लिस रिजॉर्ट में आयोजित भव्य स्वागत व विदाई समारोह में ब्लिस रिजॉर्ट के प्रोपराइटर मनीष मल्होत्रा ने पुष्प माला पहनाकर व तिलक कर यात्रियों को शुभकामनाएं दीं। उन्होंने कहा, "वर्षों बाद एक बार फिर यह पुण्य अवसर हमारे ब्लिस रिजॉर्ट को प्राप्त हुआ है। यह हमारे लिए सिर्फ एक आयोजन नहीं, बल्कि आध्यात्मिक सेवा का सौभाग्य है।"
मेरठ से आए यात्रा संयोजक मुकेश बंसल के अनुसार, उत्तर प्रदेश व उत्तराखंड के विभिन्न जनपदों के 45 श्रद्धालु यात्रा में शामिल हैं। ग्रुप में साथ चल रहीं भारतीय मूल की एक महिला यात्री मलेशिया से तीर्थ यात्रा के लिए आई हैं।
बंसल ने बताया कि सभी यात्री बुधवार को मेरठ से रेल मार्ग द्वारा लखनऊ होते हुए आज बहराइच पहुंचे हैं। सभी श्रद्धालु नेपालगंज से हवाई मार्ग द्वारा सिमीकोट, फिर हेलीकॉप्टर से हिलसा पहुंचेंगे और वहीं से पैदल पुल पार कर तिब्बत में प्रवेश करेंगे। दो दिन अनुकूलन (acclimatization) के बाद यह दल 29 जून को मानसरोवर झील पहुंचेगा, जहां तीन दिन रुककर पूजन, रुद्राभिषेक व ध्यान किया जाएगा।
यात्रा के दौरान श्रद्धालु यमद्वार और इच्छानुसार घोड़े पर सवार होकर अथवा पैदल कैलाश पर्वत की परिक्रमा करेंगे जो लगभग 52 किलोमीटर की कठिन लेकिन अलौकिक यात्रा है।
मानसरोवर झील को भगवान विष्णु का क्षीरसागर कहा गया है और मान्यता है कि भोर में तीन से चार बजे देवी-देवता यहां स्नान हेतु आते हैं। पूर्व यात्राओं में कई श्रद्धालुओं ने इन्हें तारे या ज्योति रूप में झील में उतरते देखा है।
टूर संचालक अंशुल बंसल ने बताया कि इस साल तकरीबन 22 हजार तीर्थयात्री यात्रा पर जा रहे हैं, योगी सरकार उत्तर प्रदेश के तीर्थयात्रियों को 1 लाख रूपए का अनुदान भी दे रही है।
यात्रा के साथ चल रहे हरिद्वार के कनखल से भाजपा पार्षद भूपेंद्र कुमार ने कहा कि "छः वर्ष बाद यात्रा खुली है। हम सब शिव भक्त काफी उत्साहित होकर कैलाश मानसरोवर की तरफ प्रस्थान कर रहे हैं।"
मलेशिया से आई महिला तीर्थ यात्री सीमा ग्रोवर ने यात्रा को 'जीवन की सबसे पावन अनुभूति' बताया और कहा कि यह अवसर उनके लिए सौभाग्य की तरह है।
ब्लिस रिजॉर्ट प्रबंधन ने सभी यात्रियों को मंगलमय यात्रा की शुभकामनाएं दी हैं और इसे अपने लिए “धार्मिक सेवा का गौरवपूर्ण क्षण” बताया है। ( मनीष मल्होत्रा की रिपोर्ट )
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