बिहार झारखंड का कनेक्शन खंगालने बंगाल पहुंची ईडी की टीम
- पेपर लीक से जुदा है पूरा मामला, बंगाल बन रहा ऐसे लोगों का ठिकाना
नई दिल्ली।रांची में संजीव मुखिया के करीबी सिंकंदर प्रसाद यादवेंद्र और पटना में उसके बेटे शिव के ठिकानों पर दबिश दी। उसके बाद प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की टीम ने पश्चिम बंगाल में एक कारोबारी के ठिकानों पर गुरुवार सुबह छापा मारा। काफी देर तक रुकने के बाद ईडी के अधिकारी दोपहर करीब 12 बजकर 7 मिनट पर कारोबारी के घर से निकले। जानकारी के मुताबिक, पश्चिम बंगाल के उत्तर 24 परगना जिले में ईडी ने कारोबारी पर एक्शन लिया। इच्छापुर के लक्ष्मीनाथ नगर इलाके में कारोबारी के घर पर गुरुवार सुबह ईडी की टीम पहुंच गई।केंद्रीय बलों के साथ ईडी की टीम कारोबारी के घर गई थी। कुछ घंटे तक छानबीन के बाद वहां से अधिकारी निकल गए। हालांकि इस छापेमारी में किसी बरामदगी को लेकर जानकारी नहीं दी गई है। इधर, साल 2024 के नीट पेपर लीक से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग केस में भी ईडी ने एक्शन लिया है। गुरुवार सुबह रांची के बरियातू, बिहार के पटना और नालंदा में कई ठिकानों पर छापेमारी की गई। जानकारी के अनुसार, पेपर लीक के मास्टरमाइंड बिहार निवासी संजीव मुखिया, उसके कई रिश्तेदार और करीबी ईडी की रडार पर हैं। जांच में मास्टरमाइंड के रूप में संजीव मुखिया का नाम सामने आया था, जिसे 24-25 अप्रैल को गिरफ्तार किया गया था। वो फिलहाल न्यायिक हिरासत में जेल में है। शुरुआत में पटना की आर्थिक अपराध इकाई मामले की जांच कर रही थी, जिसे बाद में सीबीआई को सौंपा गया। मनी लॉन्ड्रिंग के दावों के बाद ईडी ने भी जांच शुरू की थी।पेपर लीक कांड में सीबीआई ने झारखंड के हजारीबाग से ओएसिस स्कूल के प्रिंसिपल एहसान उल हक, वाइस प्रिंसिपल मोहम्मद इम्तियाज, पत्रकार जमालुद्दीन और एक गेस्ट हाउस के संचालक राजकुमार उर्फ राजू को गिरफ्तार किया था।सीबीआई की जांच में पुख्ता साक्ष्य मिले कि नीट-यूजी के पेपर हजारीबाग स्थित ओएसिस स्कूल स्थित सेंटर से लीक किए गए थे। यहीं से पेपर पटना भेजा गया था, जहां एक हॉस्टल में कई छात्रों से मोटी रकम लेकर उन्हें पेपर उपलब्ध कराए गए और उत्तर रटवाए गए।जानकारी मिल रही है कि पेपर लीक मामले में बिहार के नालंदा, झारखंड की राजधानी रांची, यूपी की राजधानी लखनऊ और पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता सहित कुल 11 ठिकानों पर छापेमारी चल रही है. इस तरह संजीव मुखिया के नेटवर्क पर जांच एजेंसी शिकंजा कस रही है। गौरतलब हो कि संजीव मुखिया नीट पेपर लीक का मास्टरमाइंड है. कई प्रतियोगी परीक्षाओं के पेपर लीक में वह आरोपी रहा है. इसी साल (2025) अप्रैल में एसटीएफ ने पटना से उसको गिरफ्तार किया था. उस पर तीन लाख रुपये का इनाम रखा गया था. फिलहाल जेल में है. नालंदा के एक सरकारी कॉलेज में तकनीकी सहायक के पद पर तैनात था. नालंदा का ही रहने वाला भी है। सूत्रों की मानें तो संजीव मुखिया ने पूछताछ में कई राज उगले हैं जिससे पेपर लीक से जुड़े कई नकाबपोशों की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। ( अशोक झा की रिपोर्ट )
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