*बड़े शहरों की सब्जी बाजारों में 100 रुपए किलो गुलर का फल*
दुख होता है कि गांव के लोग आज भी इस फल का महत्व जानने से बंचित हैं।अज्ञानवश लोग इसे फेक देते हैं या पेड़ों पर हीं पक जमीन पर गिर जाता है, और सड़ जाता है। खैर गुलर का सब्जी या चोखे का स्वाद बहुत हीं बेजोड़ होता है।इसे वही लोग जान पाएंगे जो लोग इसका स्वाद चख चुके हैं।
पुरानी कहानियों में बताया गया है कि इसका फुल किस्मत वालों को हीं देखने को मिलता हैं।गाँवों में सड़क किनारे कही भी आपको गूलर के पेड़ मिल जाएंगे। गूलर के फायदे अनेक हैं कही-कहीं इसे उदुम्बर भी कहते हैं।बताते हैं की यह हर्निया,नसों का दब जाना, चिड़चिड़ापन, वात विकार, आंखों की खुजली, कैल्शियम फास्फोरस आयरन की कमी को दूर करता है।इसका सेवन शरीर पर सफेद दाग, सोरायसिस के लिए काफी फायदेमंद है, इसका नियमित जल पीने से कैंसर को पूरी तरह से ठीक किया जा सकता है।इसलिए सनातन धर्म में इस वृक्ष को ब्रह्मा ,विष्णु और महेश का प्रतीक माना जाता है।पुराने वैद लोग बताते थे कि यह फल हर बीमारी के लिए काफी फायदेमंद है।इसकी सब्जी गर्म मसाला प्याज लहसुन के साथ बनाने से बहुत स्वादिष्ट बनता है।
सबसे बड़ी खसियत तो यह है कि इसका फायदा दूसरे दिन हीं जब खुलकर पेट साफ होता समझ आ जाता है।एक हफ्ते तक नियमित अगर सब्जी या चोखे के रूप में इसका सेवन किया जाय तो कब्ज रोग से मुक्ति मिल जाती है।
जरूरी है कि इस फल के प्रति लोगों में जारूकता बढ़ाई जाय ताकि सिर्फ खान-पान के द्वारा भी लोग स्वस्थ्य रह सकें।
- ( देश के वरिष्ठ पत्रकार अजीत मिश्र की कलम से )
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