- घोस्ट सिम के खिलाफ असम पुलिस और सेना का अभियान , रैकेट का भंडाफोड़
असम के सीएम डॉ हिमंत बिस्वा सरमा ने कांग्रेस के सांसद गौरव गोगोई पर बड़ा आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि गौरव गोगोई आईएसआई के निमंत्रण पर पाकिस्तान गए थे। मुख्यमंत्री डॉ सरमा ने रविवार को गुवाहाटी में संवाददाताओं से कहा, 'गौरव गोगोई पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई द्वारा दिए गए निमंत्रण पर पाकिस्तान गए थे और मेरा मानना है कि वह वहां प्रशिक्षण लेने गए थे।उन्होंने कहा, 'वह देश के गृह मंत्रालय के निमंत्रण पर वहां गए थे, न कि विदेश मंत्रालय, सांस्कृतिक मंत्रालय या किसी विश्वविद्यालय से. यह बहुत गंभीर अपराध है और कोई मामूली मुद्दा नहीं है. इस मुद्दे पर कार्रवाई होगी और यह सिर्फ शब्दों की लड़ाई नहीं है जैसा कि कई लोग अभी भी इसे मानते हैं। हमारे पास विश्वसनीय जानकारी है जिसके आधार पर कार्रवाई की जाएगी।उन्होंने कहा, 'मैं 10 सितंबर को मीडिया ब्रीफिंग में आप सभी को आमंत्रित करूंगा, जहां मैं सबकुछ बताऊंगा और जो मैं कह रहा हूं, उसे साबित करने के लिए सबूत भी दूंगा। 10 सितंबर को सबूत पेश करेंगे सीएम सरमा: मुख्यमंत्री डॉ सरमा ने कहा कि पाकिस्तान के मामले में भाजपा का कोई समझौता नहीं करने का रवैया है. उन्होंने कहा कि गौरव गोगोई 'पाकिस्तानी प्रतिष्ठान' के साथ 'करीब से काम कर रहे थे. 'बचने के सभी रास्ते बंद हो चुके हैं और हमें बस यह साबित करने के लिए कुछ समय चाहिए कि हमारे पास कानूनी रूप से बाध्यकारी सबूत हैं। वही दूसरी ओर देशभर में फैले साइबर अपराध सिंडिकेट पर बड़ी कार्रवाई की गई है। असम पुलिस ने भारतीय सेना की गजराज मिलिट्री इंटेलिजेंस के साथ ऑपरेशन 'घोस्ट सिम' के तहत फर्जी सिम कार्ड के जरिए साइबर अपराधों और राष्ट्रविरोधी गतिविधियों में संलिप्त एक बड़े रैकेट का पर्दाफाश किया।
इसमें पाकिस्तान में बैठे एजेंटों के लिए संवेदनशील जानकारी इकट्ठा करने की गतिविधियां भी शामिल थीं। जांच अभी भी जारी है और आगे और भी गिरफ्तारियां होने की संभावना है।
यह ऑपरेशन असम, राजस्थान और तेलंगाना के पांच जिलों में फैला हुआ था, जिसमें फर्जी सिम कार्ड नेटवर्क को निशाना बनाया गया जो साइबर फ्रॉड और संवेदनशील सूचनाएं साझा करने जैसे अपराधों में लिप्त था। भारतीय रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता ने गुवाहाटी में बताया कि 14 मई को असम के एसटीएफ थाना, एक मामला दर्ज किया गया। इसमें पीएनएस की धाराएं 61(2)/147/148/62, यूए (पी)अधिनियम की धारा 18 और आईटी अधिनियम की धारा 66 के तहत मामला दर्ज किया गया।
रणनीतिक समन्वय के बाद संयुक्त टीमें धुबरी और मोरीगांव (असम), संगारेड्डी (तेलंगाना) और भरतपुर एवं अलवर (राजस्थान) में भेजी गईं। 16 मई को समन्वित अभियान के तहत 7 लोगों को गिरफ्तार किया गया। इनकी पहचान सद्दीक (47) भरतपुर, आरिफ खान (20) अलवर, साजिद (21) अलवर, अकीक (25) भरतपुर, राजस्थान को गुवाहाटी एयरपोर्ट से गिरफ्तार गिरफ्तार किया गया। अरसद खान (34) भरतपुर, राजस्थान को नई दिल्ली एयरपोर्ट से गिरफ्तार किया गया। इसी तरह से मोफिजुल इस्लाम (19) असम के धुबरी निवासी को संगारेड्डी, तेलंगाना से और असम के जकारिया अहमद (24) को असम के धुबरी से गिरफ्तार किया गया। इसके अलावा धुबरी जिले से 14 अन्य संदिग्धों को हिरासत में लिया गया और उनकी संलिप्तता की जांच की जा रही है।इस दौरान 948 सिम कार्ड, साइबर धोखाधड़ी और अवैध संचार में प्रयुक्त कई तकनीकी उपकरण बरामद की गई। सूत्रों ने पुष्टि की है कि ये सिम कार्ड फर्जी दस्तावेजों के जरिए सक्रिय किए गए थे और राज्य की सीमाओं के पार भेजे जा रहे थे ताकि अपराधियों की पहचान छिपाई जा सके और डिजिटल गतिविधियों को अज्ञात रूप में संचालित किया जा सके। यह ऑपरेशन सिम-आधारित साइबर अपराधों के बढ़ते खतरे को उजागर करता है और राज्य पुलिस द्वारा ट्रांस-स्टेट डिजिटल क्राइम नेटवर्क को ध्वस्त करने की सक्रिय पहल को दर्शाता है। जांच अभी भी जारी है और आगे और भी गिरफ्तारियां होने की संभावना है। ( नार्थ ईस्ट से अशोक झा )
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