22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए क्रूर आतंकी हमले ने पूरे देश को झकझोर दिया था। इस हमले में 25 भारतीय और एक नेपाली नागरिक शहीद हुए थे, जिसके बाद सरकार ने सैन्य प्रतिष्ठानों को फ्री हैंड देते हुए तत्काल जबाबी कार्रवाई की तैयारी शुरू कर दी।भारत ने पहलगाम आतंकी हमले का बदला पाकिस्तान से ले लिया है. भारतीय सशस्त्र बलों ने मंगलवार देर रात पाकिस्तान और उसके कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) में नौ आतंकी ठिकानों पर मिसाइल हमले किए, इन हमलों में 8 की मौत हो गई और करीब 33 लोग घायल हुए हैं। भारतीय सेना ने पाकिस्तान में जिन आतंकी ठिकानों पर हमला किया है उनमें आतंकवादी समूह लश्कर-ए-मोहम्मद का गढ़ बहावलपुर भी शामिल है। भारतीय सेना ने ये सैन्य हमले 'ऑपरेशन सिन्दूर' के तहत किए हैं। रक्षा मंत्रालय ने देर रात 1.44 बजे एक बयान में कहा कि भारतीय सशस्त्र बलों ने नपी-तुली और 'केंद्रित कार्रवाई की है। भारतीय सेना ने बहावलपुर में 100 किमी. , मुरीदके में 30 किमी., गुलपुर में 35 किमी., सवाई कैंप में 30 किमी. , कोटली कैंप में 15 किमी, बरनाला कैंप में 10 किमी., सरजाल कैंप में 8 किमी. अंदर, महमूना कैंप में 15 किमी. अंदर घुसकर आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया. हालांकि बिलाल कैंप में दूरी निर्दिष्ट नहीं है।
भारतीय सेना ने साफ किया है कि एयर स्ट्राइक में किसी भी पाकिस्तानी सैन्य सुविधा को निशाना नहीं बनाया गया है। भारतीय सेना ने ट्वीट कर हमले की जानकारी देते हुए कहा "न्याय हुआ, जय हिंद". साथ ही सेना ने ये भी साफ किया कि सिर्फ आतंकी ठिकानों को निशाना बनाना था. पाकिस्तान पर हमला पड़ोसी देश से झगड़े के मकसद से नहीं किया गया है।
भारतीय सेना ने पाकिस्तान में जिन 9 आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया उनमें बहावलपुर, मुरीदके, गुलपुर,सवाई कैंप,बिलाल कैंप,कोटली कैंप,बरनाला कैंप,सरजाल कैंप,महमूना कैंप शामिल हैं। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने भारतीय मिसाइल हमलों को 'युद्ध की कार्रवाई' करार दिया और कहा कि उनके देश को 'उचित जवाब' देने का पूरा अधिकार है.
पाकिस्तानी सेना ने औपचारिक रूप से तीन शहरों पर भारत के मिसाइल हमलों की पुष्टि की है. प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान लेफ्टिनेंट जनरल चौधरी ने कहा, " कुछ समय पहले, भारत ने बहवलपुर के अहमद ईस्ट इलाके में सुभानउल्लाह मस्जिद, कोटली और मुजफ्फराबाद पर तीन जगहों पर हवाई हमले किए." नुकसान का आकलन जारी है.आगे की जानकारी समय आने पर जारी की जाएगी। न्यूज के मुताबिक, आधी रात के बाद पीओके के मुजफ्फराबाद के पास जोरदार विस्फोट हुए, जिसके बाद पूरे शहर में बिजली गुल हो गई. इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि हमला कितना तेज था। भारत ने बुधवार तड़के अमेरिका, रूस, ब्रिटेन और सऊदी अरब समेत अपने कई समकक्ष देशों से बात कर उन्हें भारत द्वारा उठाए गए कदमों के बारे में जानकारी दी। इन देशों को पाकिस्तान और पीओके में 9 आतंकी ठिकानों पर किए गए सैन्य हमले के बारे में बताया गया।अमृतसर, पठानकोट, अंबाला एयरपोर्ट को पूरी तरह से बंद कर दिया गया है. वहां से जाने वाली सभी फ्लाइट कैंसिल कर दी गई हैं। वहीं अमृतसर एयरपोर्ट को खाली करवा दिया गया है। पठानकोट में सभी स्कूल बंद कर दिए गए हैं।।राफेल में तीन तरह की मिसाइलें लगाई जा सकती हैं, जिसमें मीटियोर, स्कैल्प और हैमर मिसाइल हैं। इन तीनों मिसाइलों के साथ लैस होने की वजह से ही राफेल ने चीन और पाकिस्तान की नींद उड़ा रखी है। हाइली एजाइल एंड मैनोवरेबल म्यूनिशन एक्टेंडेड रेंज (हैमर) हवा से जमीन पर मार करने वाले रॉकेट के जरिए चलने वाली मिसाइल किट है। हैमर मिसाइल हवा से जमीन पर 60 से 70 किलोमीटर तक दुश्मन को निशाना बना सकती है। राफेल में लगने वाली हैमर मिसाइल काफी खतरनाक है, जिसे जीपीएस के बिना भी 70 किलोमीटर की रेंज से लॉन्च किया जा सकता है। फ्रांस से 36 राफेल विमानों का सौदा होते समय भारत ने बजट के अभाव में फ्रांस से महंगे हैमर सिस्टम्स लेने के बजाय इजराइली स्पाइस-2000 बम से ही काम चलाने का निर्णय लिया था, लेकिन पहली खेप में पांच राफेल की आपूर्ति के बाद हैमर सिस्टम्स लेने के लिए फ्रांस को ऑर्डर किया गया था।सितम्बर, 2020 में भारत और फ्रांस की सरकारों के बीच हैमर कॉन्ट्रैक्ट पर हस्ताक्षर किए गए थे। इसकी आपूर्ति आमतौर पर एक साल में होनी थी, लेकिन फ्रांस ने भारत की जरूरत को तत्काल पूरा करने के लिए भारतीय राफेल को ऑल वेदर मिसाइल हैमर से लैस करने पर सहमति व्यक्त की। दूसरी खेप में तीन और राफेल विमानों की आपूर्ति होने के बाद बड़ी संख्या में हैमर सिस्टम्स भारतीय वायुसेना को मिल गई थीं। राफेल में लगने वाली हैमर मिसाइल काफी खतरनाक है, जिसे जीपीएस के बिना भी 70 किलोमीटर की रेंज से लॉन्च किया जा सकता है। हैमर हवा से जमीन पर मार करने वाली तेज गति से उड़ने वाली मिसाइल है। इसका वजन 340 किलो होता है। यह 10.2 फीट लंबी होती है। इसके अगले हिस्से में नेविगेशन और गाइडेंस सिस्टम लगा होता है। हैमर से पहले राफेल में लगी 300 किलोमीटर की रेंज वाली स्कैल्प मिसाइल इसे सबसे ज्यादा मारक बनाती है। राफेल को इस मिसाइल से 4,000 मीटर की ऊंचाई पर पहाड़ी इलाकों में अटैक करने के लिहाज से अपग्रेड किया गया है। 300 किलोमीटर की रेंज तक हवा से सतह पर मार करने वाली गाइडेड मिसाइल स्कैल्प 450 किलोग्राम के वारहेड ले जा सकती है। इसका इस्तेमाल कमांड, कंट्रोल, कम्युनिकेशन, एयर बेस, पोर्ट, पावर स्टेशन, गोला बारूद स्टोरेज डिपो, सरफेस शिप, सबमरीन और अन्य रणनीतिक हाई-वैल्यू टारगेट को टारगेट करने के लिए किया जाता है। इस मिसाइल की खासियत है कि एक बार फाइटर से लॉन्च करने के बाद दुश्मन के राडार और जैमिंग सिस्टम से बचने के लिए जमीन से 100 से 130 फीट के बीच में आ जाती है। इसके बाद लक्ष्य के करीब पहुंचने से पहले मिसाइल फिर से 6,000 मीटर की अधिकतम ऊंचाई तक जाती है और फिर सीधा लक्ष्य पर गिरती है। ( हिंदुस्तान की सरहद से अशोक झा )
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