- पीएम मोदी ने राज्य के सर्वांगीण विकास पर भी ध्यान दिया है
- संस्कृति, भूमि और पहचान के लिए खतरा पैदा करने वाले बांग्लादेशी घुसपैठियों को कांग्रेस मान रही अपना वोट बैंक
- आज ही रात पहुंचेंगे कोलकोता,करेंगे बैठक
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह सोमवार से असम और पश्चिम बंगाल के तीन दिन के दौरे पर है। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने सोमवार को आरोप लगाया कि कांग्रेस असम के लोगों, उनकी संस्कृति, भूमि और पहचान के लिए खतरा पैदा करने वाले बांग्लादेशी घुसपैठियों को अपना वोट बैंक मान रही है। शाह ने यहां एक जनसभा को संबोधित करते हुए कहा कि केंद्र सरकार न केवल असम, बल्कि पूरे भारत में पड़ोसी देश से आए सभी अवैध प्रवासियों की पहचान करेगी। उन्होंने यह भी कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने न केवल 'असमिया लोगों की सांस्कृतिक पहचान की सुरक्षा सुनिश्चित की है, बल्कि राज्य के सर्वांगीण विकास पर भी ध्यान दिया है।'इस दौरान उन्होंने नौगांव में बटाद्रवा पुनर्विकास परियोजना का उद्धाटन किया. शाह ने कार्यक्रम को संबोधित भी किया. उन्होंने कहा कि हिमंत बिस्वा सरमा ने एक लाख बीघा जमीन बांग्लादेशी घुसपैठियों से मुक्त करवा दी है।शाह ने इस दौरान, गोपीनाथ बोरदोलोई को याद किया. उन्होंने कहा कि अगर वे नहीं होते तो असम पूरा नॉर्थ-ईस्ट आज भारत का हिस्सा नहीं होता। गोपीनाथ ने ही देश के प्रथम प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू को असम को भारत में बनाए रखने के लिए मजबूर किया। उन्होंने कहा कि उग्रवादी संगठनों के साथ केंद्र सरकार ने शांति समझौते किए. 92 प्रतिशत शर्तों को पूरा कर दिया गया है. असम में शांति विकास की स्थिति मजबूत हुई है।
उन्होंने रैली में उपस्थित लोगों से कहा, ''भाजपा को असम को घुसपैठियों से मुक्त करने के लिए पांच साल का और समय दीजिए।'' गृहमंत्री ने कहा, ''हम न केवल असम, बल्कि पूरे भारत में सभी बांग्लादेशी घुसपैठियों की पहचान करेंगे।'' उन्होंने कहा कि शंकरदेव ने 'एक भारत' का आह्वान किया था, जिसका प्रधानमंत्री अब अनुसरण कर रहे हैं।
उन्होंने कहा, ''प्रधानमंत्री ने असम में शांति और विकास सुनिश्चित करने के लिए कदम उठाए हैं, जो न केवल कागजों पर बल्कि वास्तविकता में भी साकार हो रहे हैं।'' शाह ने कहा कि भाजपा सरकार ने पिछले 11 सालों में राज्य में कई उग्रवादी संगठनों के साथ शांति समझौते किये हैं तथा इन समझौतों के 92 प्रतिशत उपबंधों/शर्तों को पूरा किया गया है। गृहमंत्री इस दौरान वह अगले साल राज्य में होने वाले अहम विधानसभा चुनावों के लिए भारतीय जनता पार्टी की तैयारियों का जायजा लेंगे। इस दौरान वह अगले साल राज्य में होने वाले अहम विधानसभा चुनावों के लिए भारतीय जनता पार्टी की तैयारियों का जायजा लेंगे। अमित शाह आज रात कोलकाता के नेताजी सुभाष चंद्र बोस इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर पहुंचेंगे और उसके तुरंत बाद वह चुनावों की तैयारियों का जायजा लेने के लिए बीजेपी की पश्चिम बंगाल यूनिट के नेताओं की कोर टीम के साथ एक बंद कमरे में मीटिंग करेंगे। राज्य समिति के एक सदस्य के अनुसार, गृह मंत्री से पार्टी की संगठनात्मक ताकत की समीक्षा करने के अलावा, भाजपा की राज्य समिति के गठन पर आखिरी समय में सुझाव देने की भी उम्मीद है। राज्य समिति के सदस्य ने कहा, "वे राज्य में चल रहे विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) से जुड़े संवेदनशील मुद्दों से निपटने के तरीके पर एक ब्लूप्रिंट भी तैयार कर सकते हैं। साथ ही 2026 के पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनावों के लिए पार्टी की पूरी कैंपेन रणनीति की रूपरेखा भी तैयार करेंगे, खासकर उन मुख्य मुद्दों के बारे में जिन्हें हाईलाइट किया जाना है।" हालांकि, नए साल के माहौल को देखते हुए केंद्रीय गृह मंत्री अपनी तीन दिन की यात्रा के दौरान कोई भी पब्लिक मीटिंग या रैली को संबोधित नहीं करेंगे और न ही किसी रोड शो में हिस्सा लेंगे। 30 दिसंबर को गृह मंत्री अमित शाह मीडिया वालों के साथ बातचीत, सेंट्रल कोलकाता में इस्कॉन मंदिर का दौरा और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के कार्यालय का दौरा करेंगे, जहां वे राज्य में संगठन के सीनियर पदाधिकारियों से मिलेंगे। अपने दौरे के आखिरी दिन 31 दिसंबर को गृह मंत्री पश्चिम बंगाल चुनावों से पहले पार्टी कार्यकर्ताओं में जोश भरने के लिए कोलकाता में एक कार्यकर्ता सम्मेलन को संबोधित करेंगे। वह 31 दिसंबर को शाम को नई दिल्ली के लिए रवाना होंगे। (बांग्लादेश बोर्डर से अशोक झा की रिपोर्ट )
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