- कहा,उनकी कुर्बानी नहीं भुलाई जा सकती है,मुख्यमंत्री ने अपना वादा किया पूरा
- यहां से असम आंदोलन के विभिन्न पहलुओं तथा राज्य के इतिहास को किया जाएगा उजागर
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को गुवाहाटी स्थित 'स्वाहिद स्मारक क्षेत्र' में असम आंदोलन के शहीदों को भावपूर्ण श्रद्धांजलि अर्पित की।यह आंदोलन विदेशी घुसपैठियों के खिलाफ छह वर्षों तक चला था, जिसमें 860 लोगों ने अपनी जान गंवाई। इस स्मारक का उद्घाटन इसी महीने की शुरुआत में किया गया था। मुख्यमंत्री हिमंत बिस्व सरमा सहित अन्य गणमान्य व्यक्तियों के साथ प्रधानमंत्री ने स्मारक का दौरा किया।उन्होंने शहीद गैलरी का अवलोकन किया, जहां आंदोलन में मारे गए लोगों की प्रतिमाएं स्थापित हैं।
पीएम मोदी ने आंदोलन के पहले शहीद खरगेश्वर तालुकदार की प्रतिमा पर माल्यार्पण किया।तालुकदार की मौत 10 दिसंबर 1979 को हुई थी. स्मारक में शहीदों की स्मृति में एक ज्योति हमेशा प्रज्वलित रहती है।170 करोड़ रुपये की लागत से निर्मित यह स्मारक आधुनिक सुविधाओं से लैस है।इसमें जलाशय, ऑडिटोरियम, प्रार्थना कक्ष, साइकिल ट्रैक और साउंड एंड लाइट शो की व्यवस्था है, जो असम आंदोलन के विभिन्न पहलुओं तथा राज्य के इतिहास को उजागर करेगा।
असम आंदोलन (1979-1985) ऑल असम स्टूडेंट्स यूनियन (आसू) और ऑल असम गण संग्राम परिषद के नेतृत्व में चला था। इसका मुख्य उद्देश्य अवैध बांग्लादेशी प्रवासियों की पहचान कर उन्हें राज्य से बाहर करना था। इस आंदोलन के दौरान व्यापक प्रदर्शन, हड़तालें और पुलिस कार्रवाई हुईं, जिसमें सैकड़ों लोग शहीद हो गए। आंदोलन का समापन 1985 में असम समझौते के साथ हुआ, जिस पर तत्कालीन प्रधानमंत्री राजीव गांधी ने हस्ताक्षर किए थे।प्रधानमंत्री का यह दौरा असम के लिए महत्वपूर्ण माना जा रहा है, क्योंकि यह आंदोलन राज्य की सांस्कृतिक और राजनीतिक पहचान से गहराई से जुड़ा है. मुख्यमंत्री हिमंत बिस्व सरमा ने स्मारक के उद्घाटन के समय कहा था कि यह शहीदों की कुर्बानी को स्थायी सम्मान देगा और आने वाली पीढ़ियों को असम की स्वाभिमान की लड़ाई से परिचित कराएगा। पीएम मोदी का स्मारक दौरा असम में भाजपा सरकार की उपलब्धियों को भी रेखांकित करता है. स्मारक का निर्माण राज्य सरकार की महत्वाकांक्षी परियोजना थी, जिसे पूरा करने में कई वर्ष लगे।
साउंड एंड लाइट शो के माध्यम से आगंतुकों को आंदोलन की घटनाओं, नायकत्व और बलिदान की कहानी जीवंत रूप में देखने का अवसर मिलेगा।असम आंदोलन के शहीदों को श्रद्धांजलि देते हुए प्रधानमंत्री ने मौन रखा और स्मारक के विभिन्न हिस्सों का निरीक्षण किया। इस अवसर पर बड़ी संख्या में लोग मौजूद थे, जो शहीदों को याद करने के लिए एकत्र हुए थे। ( असम से अशोक झा की रिपोर्ट )
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