बांग्लादेश में आम चुनाव को लेकर तारीख फाइनल हो चुकी है। मुख्य चुनाव आयुक्त एएमएम नासिरुद्दीन ने बताया कि अगले साल 12 फरवरी (2026) को आम चुनाव के लिए मतदान होगा।आयोग के अनुसार, मतदान प्रक्रिया पूरी होने के बाद उसी दिन 12 फरवरी मतगणना की जाएगी और चुनाव के नतीजे भी उसी दिन घोषित कर दिए जाएंगे।अगस्त 2024 के बाद पहला चुनाव: यह चुनाव बांग्लादेश के राजनीतिक इतिहास में एक अहम पड़ाव है, क्योंकि यह अगस्त 2024 में छात्रों के नेतृत्व में हुए हिंसक विरोध प्रदर्शनों के बाद प्रधानमंत्री शेख हसीना को सत्ता से हटाए जाने के बाद आयोजित होने वाला पहला आम चुनाव होगा। शेख हसीना की सरकार के पतन के बाद देश में एक अंतरिम सरकार का गठन किया गया था, जिसका मुख्य कार्य देश में निष्पक्ष और पारदर्शी चुनाव कराना है।इस बार मतदान का समय एक घंटे बढ़ाया गया है, क्योंकि उसी दिन जनमत संग्रह भी हो रहा है। शेख हसीना की पार्टी अवामी लीग इस चुनाव में शामिल नहीं हो पाएगी, क्योंकि उस पर पहले ही बैन लगाया जा चुका है। जुलाई चार्टर को लागू करने के लिए 12 फरवरी को जनमत संग्रह भी होगा। जुलाई चार्टर संवैधानिक सुधार से जुड़ा एक दस्तावेज है, जिसका मकसद देश की राजनीति और शासन-व्यवस्था में बदलाव करना है।चुनाव का पूरा शेड्यूल यहां देखिए…
29 दिसंबर तक उम्मीदवार नामांकन पत्र दाखिल कर सकेंगे।
30 दिसंबर से 4 जनवरी तक नामांकन पत्रों की जांच होगी।
4 जनवरी तक नामांकन पत्रों का चयन किया जाएगा।
18 जनवरी तक अपील निपटारे का कार्यक्रम प्रस्तावित है।
उम्मीदवारी वापस लेने की अंतिम तिथि 20 जनवरी है।21 जनवरी को चुनाव आयोग सिंबल आवंटन करेगा।
12 फरवरी को मतदान प्रस्तावित है।
करीब 13 लाख वोटर्स डालेंगे वोट: चुनाव आयोग के मुताबिक, इस बार 12.8 करोड़ वोटर्स सरकार चुनने के लिए अपने मताधिकार का इस्तेमाल करेंगे. इनमें 6.48 करोड़ पुरुष और 6.28 करोड़ महिला वोटर्स शामिल हैं।आचार सहिंता को बरकरार रखने के लिए हर जिले में 2 डीसी (कलेक्टर) की तैनाती की जाएगी। 30 हजार NRB (नॉन रेजिडेंट बांग्लादेशी) वोटर्स भी चुनाव में वोट डाल सकेंगे। संसदीय चुनाव का मतपत्र सफेद होगा और जनमत संग्रह का मतपत्र गुलाबी होगा। चुनाव आयोग के मुताबिक, इस बार 56 पार्टियां चुनाव में शामिल होने के लिए तैयार है. जानकारों का कहना है कि मुख्य मुकाबला BNP (बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी), जमात-ए-इस्लामी और नवगठित NCP (नेशनल सिटिजन पार्टी) के बीच है।
बांग्लादेश में हिंसक विरोध प्रदर्शन के बाद शेख हसीना को 5 अगस्त 2024 को प्रधानमंत्री पद छोड़ना पड़ा था। इसके बाद से वहां मोहम्मद यूनुस के नेतृत्व में अंतरिम सरकार का गठन किया गया. हसीना फिलहाल भारत में हैं शेख हसीना के पतन के बाद नोबेल विजेता मुहम्मद यूनुस के नेतृत्व में बांग्लादेश में अंतरिम सरकार बनी, जिसने मई 2025 में आवामी लीग पर कड़ा प्रहार करते हुए शेख हसीना की पार्टी का रजिस्ट्रेशन रद्द कर दिया और उस पर एंटी- टेररिज्मएक्ट के प्रतिबंध लगा दिए। बता दें बांग्लादेश की अंतरिम सरकार ने वॉरक्राइम्स की जांच और राष्ट्रीय सुरक्षा का हवाला देते हुए पूर्व पीएम शेख हसीना पर प्रतिबंध लगाए।जिस पर हसीना ने दिल्ली में बयान देते हुए 'अन्यायपूर्ण' बताया था.
BNP की अगुवाई में बांग्लादेश में बदलाव की उम्मीद:
बांग्लादेश मीडिया के अनुसार BNP की अगुवाई में देश में बदलाव की उम्मीद है। वर्तमान हालातों में आवामी लीग के बिना बीएनपी चुनावी दौड़ में सबसे आगे नजर आ रही है। पूर्व मेयर खालिदा जिया के नेतृत्व में बीएनपी ने सुधारों की वकालत की है। वहीं, दूसरी तरफ जमात-ए-इस्लामी देश की सबसे बड़ी इस्लामी पार्टी बनकर उभर रही है।बता दें साल 2018 में हसीना सरकार ने इसे प्रतिबंधित किया था, लेकिन अब यह धार्मिक-रूढ़िवादी वोट बैंक के साथ उभर रही है.
NCP देश का तीसरा बड़ा चेहरा बनकर उभर रही है
इन सब के अलावा NCP देश का तीसरा बड़ा चेहरा बनकर उभर रही है। एनसीपी में 2024 छात्र आंदोलन के नेता शामिल हैं। यह नई पार्टी युवाओं की आवाज बनकर उभरी है, जो भ्रष्टाचार-मुक्त शासन और समावेशी विकास का वादा कर रही। बहरहाल, बांग्लादेश में चुनाव बाद अस्थिरता आएगी या नई शुरुआत? ये आने वाला वक्त की बताएगा। ( बांग्लादेश बोर्डर से अशोक झा की रिपोर्ट )
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