- क्या है ग्रेटर बांग्लादेश प्लान? भारत के कौन से इलाके इसमें शामिल? बांग्लादेश के एंटी इंडिया तत्व क्या देख रहे सपने?
पड़ोसी देश बांग्लादेश एक बार फिर हिंसा की आग में झुलस रहा है। पिछले साल जुलाई में हुए विद्रोह के प्रमुख नेताओं में से शरीफ उस्मान हादी की मौत के बाद, वहां कई इलाकों में आगजनी, मारपीट और तोड़फोड़ जैसी घटनाएं हुई।जिस वजह से ढाका समेत पूरे बांग्लादेश में तनावपूर्ण माहौल है। हालांकि, शुक्रवार यानी 19 दिसंबर को सुबह किसी हिंसक घटना की जानकारी नहीं मिली। लेकिन इससे पहले प्रदर्शनकारियों ने बांग्लादेश के संस्थापक शेख मुजीबुर्रहमान के आवास '32 धानमंडी' पर तोड़फोड़ की, कुछ मीडिया संगठनों के दफ्तरों में आग लगा दी, एक हिंदू युवक को पेड़ से बांधकर जमकर पीटा और फिर आग के हवाले कर दिया। प्रदर्शनकारियों ने वहां भारत के खिलाफ भी नारेबाजी की।
भारत के खिलाफ उगलता था जहर: दरअसल गुरवार को सिंगापुर के अस्पताल में इलाज के दौरान हादी की मौत की पुष्टि होते ही ढाका में हजारों समर्थक शाहबाग़ चौराहे पर जमा हो गए। इसके बाद उन्होंने बांग्लादेश में हिंसक घटनाओं को अंजाम दिया। अबको बता दें कि शरीफ उस्मान न सिर्फ प्रधानमंत्री शेख हसीना के खिलाफ हुए आंदोलन का प्रमुख चेहरा था, बल्कि उसने भारत के खिलाफ भी कई बार जहर उगला है। उसने खुद को बांग्लादेश की आजादी के रक्षक के तौर पर पेश किया था। हादी इंकलाब मंच का प्रवक्ता और संगठन के संस्थापक सदस्यों में से एक था। इंकलाब मंच, एक दक्षिणपंथी राजनीतिक प्लेटफॉर्म है, जो शेख हसीना विरोधी आंदोलन से उभरा था। हाल ही में उसने 'ग्रेटर बांग्लादेश' का नक्शा भी बांटा था, जिसमें भारत के भी कुछ इलाकों को उसने बांग्लादेश में शामिल किया गया था।
ग्रेटर बांग्लादेश' नक्शा क्या है?: उस्मान हादी की पहचान सिर्फ एक छात्र नेता के तौर पर ही नहीं, बल्कि ये उस विचारधारा का चेहरा भी था जो भारत की अखंडता को चुनौती देता है। हादी ने एक ऐसा नक्शा पेश किया था जिसे वह 'ग्रेटर बांग्लादेश' कहता था। इस नक्शे में भारत और म्यांमार के कुछ हिस्सों को शामिल किया गया था।
अगस्त 2025 में यह विषय तब सामने आया जब ढाका यूनिवर्सिटी में एक प्रदर्शनी के दौरान इस तरह का एक नक्शा दिखाया गया था। हादी ने ही इस नक़्शे को तैयार किया था। 2024 में जब बांग्लादेश हिंसा की आग में जल रहा था, तभी जुलाई के आखिरी हफ्तों में सल्तनत-ए-बांग्ला नाम के एक इस्लामिक समूह ने ढाका यूनिवर्सिटी में कथित ग्रेटर बांग्लादेश का नक्शा जारी किया था।भारत के किन हिस्सों पर थी हादी की नजर?: इंकलाब मंच को तुर्की के Turkish Youth Federation नाम के एक एनजीओ का समर्थन प्राप्त होने की बात कही जाती है, जिसका संबंध मोहम्मद यूनुस की बेटी से भी बताया गया था। इस संगठन ने भारत के कई राज्यों को मिलाकर एक बड़े बांग्लादेश का नक्शा तैयार किया था। जिसमें पश्चिम बंगाल, झारखंड, त्रिपुरा, असम, बिहार, ओडिशा और अन्य पूर्वोत्तर राज्य शामिल थे।इस बीच अल्पसंख्यकों, खासकर हिंदू समुदाय की सुरक्षा को लेकर भी खतरा पैदा हो गया है। वहां गुरुवार को ईशनिंदा के आरोप में एक हिंदू व्यक्ति की पीटकर हत्या कर दी गई और उसके शव को आग लगा दी गई। इससे स्पष्ट है कि बांग्लादेश में अंतरिम सरकार का विरोध करने वालों के साथ-साथ अल्पसंख्यकों को भी निशाना बनाया जा रहा है।
सवाल है कि वहां अंतरिम सरकार का जिस मकसद से गठन किया गया था, क्या वह चरमपंथियों के दबाव में अपना उद्देश्य भूल गई है? आखिर क्या वजह है कि वहां न तो कानून-व्यवस्था दुरुस्त हो पा रही है और न ही लोकतांत्रिक तरीके से सरकार चुनने का मार्ग प्रशस्त हो पा रहा है? अस्थिरता और हिंसा के इस माहौल में बांग्लादेश-भारत के संबंध भी लगातार चुनौतीपूर्ण होते जा रहे हैं।
बांग्लादेश में शरीफ उस्मान हादी नामक जिस नेता की गोली मारकर हत्या की गई, वह जुलाई में सरकार के विरुद्ध हुए प्रदर्शनों में प्रमुख चेहरा थे। सरकार की ओर से गुरुवार को उनकी मौत की पुष्टि किए जाने के बाद कई जगह हिंसक प्रदर्शन शुरू हो गए।
कुछ लोगों ने भारतीय सहायक उच्चायुक्त के आवास पर भी ईंट और पत्थरों से हमला किया। इससे पहले बांग्लादेश के कुछ राजनेताओं ने जिस तरह भारत के खिलाफ भड़काऊ बयान दिए, उसका सीधा असर भारत के साथ उसके संबंधों पर पड़ा है।
बांग्लादेश में सुरक्षा का माहौल जिस तेजी से बिगड़ रहा है और पहले भी पूर्वोत्तर भारत के कुछ अलगाववादी समूहों ने बांग्लादेश में शरण ली है, उसके मद्देनजर भारत की चिंता स्वाभाविक है।
फिलहाल बांग्लादेश में जिस तरह की अराजकता फैली हुई है और उसकी आंच में बहुत कुछ झुलसने की आशंका है, उसे देखते हुए भारत सरकार को चाहिए कि वह कूटनीतिक स्तर पर इन मसलों को बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के समक्ष प्रभावी तरीके से उठाए। ( बांग्लादेश बोर्डर से अशोक झा की रिपोर्ट )
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