बांग्लादेश इन दिनों कट्टरपंथियों की गिरफ्त में है। युवा नेता शरीफ उस्मान हादी की हत्या के बाद से हालात और भी बिगड़ गए हैं। हिन्दू अल्पसंख्यकों के खिलाफ हिंसा का दौर एक बार फिर से शुरू हो गया है।वहां अशांति की आग दिन-ब-दिन बढ़ती जा रही है और कुछ बांग्लादेशी कट्टरपंथी इस मौके का फायदा उठा रहे हैं। वे भारत के खिलाफ नफरत का ‘जहर’ फैला रहे हैं। सेवन सिस्टर्स को छीनने से लेकर, बांग्लादेशी कट्टरपंथी नेता भारतीय हाई कमीशन पर हमला करने की धमकी दे रहे हैं।साथ ही भारत विरोधी भावनाओं को भड़काने की साजिश पर भी जमकर काम किया जाने लगा हैं. बांग्लादेश में हर तरफ हिंसा, आगजनी और लूटपाट का आलम है।राजधानी ढाका में ही लोग खुद को सुरक्षित महसूस नहीं कर पा रहे हैं। अंतरिम सरकार के प्रमुख मोहम्मद यूनुस हालात से निपटने में पूरी तरह से विफल साबित हो रहे हैं। कुछ हलकों में तो इस बात की भी चर्चा है कि यूनुस ने चुनाव कराने की घोषणा तो कर दी पर वे शायद ऐसा चाहते नहीं हैं। इसकी एक ही वजह है- बांग्लादेश की की कुर्सी पर जमे रहना। यूनुस की भारत विरोधी सोच का ही नतीजा है कि जिस देश को भारत ने पाकिस्तानी अत्याचार से मुक्त कराया, उसी देश में नई दिल्ली के खिलाफ जहर उगला जा रहा है। सिलीगुड़ी कॉरिडोर यानी चिकन नेक को काटने और पूर्वोत्तर के 7 राज्यों को अलग करने के मंसूबे संजोये जा रहे हैं। यह सबकुछ अचानक नहीं हुआ है। अप्रैल से अक्टूबर के बीच यूनुस ने दो ऐसे काम किए हैं, जिनसे भारत के प्रति उनके शत्रुतापूर्ण रवैये का पता चलता है। हालांकि, मोहम्मद यूनुस की गर्दन भारत के जबड़े में है। भारत यदि चाह ले तो पलभर में बांग्लादेश में प्रलय ला सकता है। बांग्ग्लादेश की सीमा के आसपास भारत के कई सैन्य ठिकाने हैं। इन्हीं में से एक है इंडियन एयरफोर्स का हासीमारा एयर स्टेशन। चिकन नेक के बेहद करीब स्थित यह एयरबेस 1962 में चीन के साथ युद्ध के बाद अस्तित्व में आया. बांग्लादेश बॉर्डर से इस एयरफोर्स स्टेशन की दूरी तकरीबन 80 से 100 किलोमीटर है। इंडियन एयरफोर्स का यह बेस रणनीतिक और सामरिक तौर पर बेहद महत्वपूर्ण है. यहां पर राफेल फाइटर जेट का स्क्वाड्रन तैनात है। इसके अलावा S-400 एयर डिफेंस सिस्टम और ब्रह्मोस के बेड़े की तैनाती भी हासीमारा एयरबेस पर है, ऐसे में इसका महत्व काफी बढ़ जाता है. इसके अलावा भी वायुसेना के इस अड्डे पर दूसरे फाइटर जेट्स और कॉम्बेट हेलीकॉप्टर्स की तैनाती है. तमाम बातों को ध्यान में रखते हुए यदि भारत चाह ले तो चुटकियों में बांग्लादेश को उसको औकात दिखा दे। हासीमारा एयरफोर्स स्टेशन क्यों अहम?सिलीगुड़ी कॉरिडोर या चिकन नेक के बेहद पास। बांग्लादेश बॉर्डर से 80 से 100 किलोमीटर की दूरी पर स्थित राफेल फाइटर जेट का स्क्वाड्रन तैनात,S-400 एयर डिफेंस सिस्टम की यूनिट की तैनाती , ब्रह्मोस क्रूज मिसाइल का डिप्लॉयमेंट,भारत के जबड़े मेबांग्लादेश की गर्दन,बांग्लादेश तीन तरफ से भारत से घिरा है. उसका तकरीबन 90 फीसद बॉर्डर भारत से घिरा है. मोहम्मद यूनुस को भी इससे पूरी तरह से अवगत हैं. राफेल फाइटर जेट की रफ्तार तकरीबन 2000 किलोमीटर प्रति घंटे की है. ब्रह्मोस क्रूज मिसाइल की रफ्तार 3700 किलोमीटर प्रति घंटे की है. अब यदि बांग्लादेश भारत से टकराने की हिमाकत करता है तो भारत पलभर में ढाका समेत समस्त बांग्लादेश को धूल में मिला सकता है. मोहम्मद यूनुस और उनके शागिर्द शायद इस तथ्य से अंजान हैं कि चिकन नेक को तोड़कर पूर्वोत्तर के 7 राज्यों को शेष भारत से काटने की नापाक कोशिश करने से पहले पूरे बांग्लादेश का अस्तित्व ही मिट जाएगा. हालात बिगड़ेंगे तो उनकी मदद के लिए तो चीन सामने आएगा और न पाकिस्तान.
बांग्लादेश से लगती है इन राज्यों की सीमापश्चिम बंगाल
असम,मेघालय, त्रिपुरा और मिजोरम है। मोहम्मद यूनुस का नापाक इरादा: मोहम्मद यूनुस इस साल अप्रैल में चीन के दौरे पर गए थे। अपनी चार दिवसीय यात्रा के दौरान चीन के साथ घनिष्ठ आर्थिक संबंधों की वकालत की और प्रस्ताव दिया कि चीन की भागीदारी भारत के सात पूर्वोत्तर राज्यों तक विस्तारित हो सकती है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया था कि ये राज्य चारों ओर से भूमि से घिरे हुए हैं और बांग्लादेश के माध्यम से पहुंच से उन्हें लाभ हो सकता है. बीजिंग में एक गोलमेज कॉन्फ्रेंसके दौरान यूनुस ने क्षेत्र में महासागर के एकमात्र संरक्षक के रूप में बांग्लादेश की अद्वितीय स्थिति पर चर्चा की थी. उन्होंने बताया था कि भारत के पूर्वोत्तर राज्यों में समुद्र तक सीधी पहुंच नहीं है. यूनुस ने सुझाव दिया था कि यह स्थिति एक बड़ा अवसर देती है, क्योंकि यह क्षेत्र चीनी अर्थव्यवस्था के विस्तार के रूप में काम कर सकता है. मतलब इस क्षेत्र में चीन को घुसने का खुला निमंत्रण दिया था. दूसरी घटना अक्टूबर 2025 की थी. यूनुस ने एक पाकिस्तानी जनरल को एक किताब भेंट किया था, जिसमें ऐसा नक्शा दिखाया गया था, जिसमें असम और अन्य उत्तर-पूर्वी राज्यों को बांग्लादेश का हिस्सा दर्शाया गया था.यह किताब पाकिस्तान के जॉइंट चीफ्स ऑफ स्टाफ कमेटी के अध्यक्ष जनरल साहिर शमशाद मिर्जा को दिया गया था।7 सिस्टर्स को अलग करने की चाहत। कुछ दिनों पहले बांग्लादेश की नेशनल सिटिजन पार्टी (एनसीपी) के नेता हसनत अब्दुल्ला ने कहा था कि ढाका भारत के खिलाफ काम करने वाली ताकतों को शरण दे सकता है, जिनमें अलगाववादी समूह भी शामिल हो सकते हैं. अब्दुल्ला ने कहा कि इससे भारत के '7 सिस्टर्स' कहे जाने वाले पूर्वोत्तर राज्यों को अलग करने का खतरा पैदा हो सकता है. इस बयान पर भारत ने बांग्लादेश के उच्चायुक्त को तलब कर अपनी चिंता जाहिर की थी। सात बहनों में अरुणाचल प्रदेश, असम, मणिपुर, मेघालय, मिजोरम, नागालैंड और त्रिपुरा हैं। इनमें से चार राज्य (असम, मेघालय, त्रिपुरा और मिजोरम) की सीमा बांग्लादेश से लगती है, जिससे इस क्षेत्र की रणनीतिक संवेदनशीलता और भी बढ़ जाती है। इस बार, भारत के कड़े विरोध के बीच बांग्लादेश की यूनुस सरकार ने एक और हिमाकत की है। यूनुस सरकार ने भारत की सीमा पर तुर्किये से खरीदे ड्रोन तैनात कर दिया है। बांग्लादेशी सेना ने तुर्किए के ‘बे-रक-तार-TB-2’ ड्रोन तैनात किए हैं। यूनुस सरकार ने पिछले साल तुर्किए से ये ड्रोन खरीदे थे. ढाका को ये ड्रोन पाकिस्तान की मध्यस्थता से मिले थे। हसीना सरकार के पतन के बाद जब यूनुस सरकार सत्ता में आई, तो पाकिस्तान से उसकी दोस्ती बढ़ गई और अपनी ताकत की वजह से ही उसे ये ड्रोन मिले थे।भारतीय सीमा पर उड़ता दिखा तुर्किए का ड्रोन : इस बार, वह तुर्की ड्रोन भारतीय बॉर्डर के पास उड़ता दिखा है. सूत्रों के मुताबिक, तुर्की से ड्रोन खरीदने के बाद से बांग्लादेशी ड्रोन कई बार भारतीय बॉर्डर पर उड़ते दिखे हैं. बीएसएफ ने कई बार संदिग्ध हरकतें देखकर चेतावनी दी है। इसके पहले भी पश्चिम बंगाल, असम और त्रिपुरा से सटे बॉर्डर इलाकों में बांग्लादेश के ड्रोन दिखे थे और बीएसएफ ने इसे लेकर बीजीबी को अगाह भी किया था।इस बीच, बांग्लादेश में बिगड़ते अंदरूनी कानून-व्यवस्था के हालात और भारत-बांग्लादेश बॉर्डर पर बढ़ती सुरक्षा चिंताओं को देखते हुए, भारत सरकार ने राष्ट्रीय सुरक्षा, खासकर त्रिपुरा, असम और पश्चिम बंगाल बॉर्डर इलाकों में सुरक्षा के लिए हर मुमकिन एहतियाती और एक्टिव कदम उठाए हैं।भारतीय सेना और बॉर्डर सिक्योरिटी फोर्स (BSF) की और तैनाती की गई है, जबकि इंटरनेशनल बॉर्डर पर निगरानी और चौकसी काफी बढ़ा दी गई है।अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहा बांग्लादेश: बांग्लादेश में बढ़ती अशांति और बॉर्डर पार भारत के खिलाफ दुश्मनी भरी बयानबाजी में बढ़ोतरी के बीच, पूर्वी कमांड के सीनियर भारतीय सेना और पैरामिलिट्री अधिकारियों के एक हाई-लेवल डेलीगेशन ने सुरक्षा तैयारियों का रिव्यू करने के लिए दक्षिण त्रिपुरा में संवेदनशील बॉर्डर जगहों का दौरा किया। इस बीच, बांग्लादेशी नेताओं और कट्टरपंथियों का एक ग्रुप विक्ट्री डे से पहले भी भारत के खिलाफ भड़काऊ कमेंट्स करता रहा है.विक्ट्री डे से एक दिन पहले एनसीपी नेता हसनत अब्दुल्ला ने कहा था कि सेवन सिस्टर्स पर कब्जा कर लेना चाहिए. इस घटना के बाद भारत ने कड़ी प्रतिक्रिया दी और विरोध जताया था।सुरक्षा कारणों से बांग्लादेश में एक के बाद एक वीजा ऑफिस और हाई कमीशन ऑफिस बंद कर दिए गए हैं. शनिवार को बांग्लादेश आर्मी चीफ वकार-उज-जमान ने इंडियन आर्मी चीफ जनरल उपेंद्र द्विवेदी से हॉटलाइन पर बात की। बांग्लादेश आर्मी चीफ के फोन के बाद आज दिल्ली ने बांग्लादेश हाई कमीशन के बाहर सुरक्षा बढ़ा दी है। ( बांग्लादेश बोर्डर से अशोक झा की रिपोर्ट )
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