केरल के स्थानीय निकाय चुनावों में बीजेपी ने चौंकाने वाला प्रदर्शन किया है.पार्टी ने राज्य की राजधानी तिरुवनंतपुरम में निगम पर जीत हासिल कर ली है। इसके साथ ही बंगाल भाजपा के मनोवल अभी हाई है। उत्तर भारतीय कहे जाने वाली भारतीय जनता पार्टी के लिए यह एक अनपेक्षित सफलता है। बीजेपी ने तिरूवनंतपुरम नगर निगम में 101 में से 50 वार्डों में जीत हासिल की। पीएम ने जनता और कार्यकर्ताओं का आभार जताया। साथ ही कहा कि राज्य यूडीएफ और एलडीएफ से तंग आ चुका है। विकास के लिए वे एनडीए को ही विकल्प के तौर पर देखते हैं। केरल में निकाय चुनावों के नतीजों की तस्वीर साफ होते-होते भले ही UDF (यूनाइटिड डेमोक्रेटिक फ्रंट) अपनी जीत की खुशी मना रही है, लेकिन एक तस्वीर ये भी है कि राज्य की राजधानी समेत कई जगह भगवा दिखने लगा है।
केरल स्थानीय निकाय चुनाव के मतगणना के शुरुआती रुझान आ रहे हैं. राज्य निर्वाचन आयोग (एसईसी) के आंकड़ों से पता चला कि यूडीएफ की तुलना में एलडीएफ ज्यादातर ग्राम और ब्लॉक पंचायतों में आगे है जबकि विपक्ष नगरपालिकाओं और निगमों में आगे है. हालांकि, शशि थरूर के गढ़ तिरुवनंतपुरम में भाजपा की अगुवाई वाला एनडीए बमबम दिख रहा है. इस सीट पर कांग्रेस बेदम दिख रही है. एसईसी द्वारा साझा किए गए प्रारंभिक रुझानों से पता चला कि सुबह 9.25 बजे तक सत्तारूढ़ लेफ्ट डेमोक्रेटिक फ्रंट (एलडीएफ) 261 और विपक्षी यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट (यूडीएफ) 228 ग्राम पंचायतों में आगे थे. मतगणना 244 केंद्रों और 14 जिलाधिकारी कार्यालयों में जारी है। चलिए जानते हैं केरल लोकल बॉडी इलेक्शन रिजल्ट से जुड़े सभी लेटेस्ट अपडेट्स।यह वही निगम है, जिस पर LDF पिछले चार दशकों से अधिक समय तक लगातार काबिज रहा था. राजधानी में यह सत्ता परिवर्तन वाम मोर्चे के लिए बड़ा राजनीतिक झटका माना जा रहा है.
तिरुवनंतपुरम न सिर्फ केरल की प्रशासनिक राजधानी है, बल्कि राजनीतिक दृष्टि से भी बेहद अहम क्षेत्र माना जाता है. इसी लोकसभा सीट से कांग्रेस के दिग्गज नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री शशि थरूर लगातार चार बार सांसद चुने जा चुके हैं, जिससे यह क्षेत्र लंबे समय से कांग्रेस और वाम मोर्चे के प्रभाव वाला माना जाता रहा है. ऐसे में नगर निगम में बीजेपी की जीत ने राज्य की राजनीति में नए समीकरणों को जन्म दे दिया है.
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि यह जीत विधानसभा चुनावों में 2-3 सीटें जीतने से कहीं ज्यादा असरदार है. नगर निगम जैसे बड़े शहरी निकाय में सत्ता हासिल करना यह संकेत देता है कि शहरी मतदाता पारंपरिक राजनीतिक ध्रुवीकरण से हटकर विकल्प तलाश रहा है. यह बदलाव खास तौर पर उस राज्य में महत्वपूर्ण है, जहां अब तक मुकाबला मुख्य रूप से LDF और UDF के बीच ही सीमित रहा है.
स्थानीय चुनावी रुझानों से साफ है कि शहरी इलाकों में LDF के खिलाफ नाराजगी उभरी है. प्रशासन, शहरी बुनियादी ढांचे, पारदर्शिता और स्थानीय मुद्दों को लेकर मतदाताओं का असंतोष नगर निगम चुनावों में खुलकर सामने आया. तिरुवनंतपुरम जैसे LDF के मजबूत गढ़ में हार ने वाम मोर्चे की रणनीति पर सवाल खड़े कर दिए हैं.
बीजेपी ने इस जीत को ऐतिहासिक और निर्णायक जनादेश बताया है. पार्टी नेताओं का कहना है कि यह परिणाम केरल में बीजेपी के बढ़ते संगठनात्मक आधार और जनता के बदलते मूड का प्रमाण है. पार्टी कार्यकर्ताओं में भारी उत्साह है और इसे केरल में बीजेपी के लिए भविष्य की राजनीति का मजबूत आधार माना जा रहा है.
वहीं, LDF नेतृत्व ने नतीजों को गंभीरता से लेते हुए आत्ममंथन की बात कही है. वाम नेताओं का कहना है कि चुनाव परिणामों का वार्ड स्तर पर विश्लेषण किया जाएगा और जरूरत पड़ने पर सुधारात्मक कदम उठाए जाएंगे.
तिरुवनंतपुरम नगर निगम में बीजेपी की ऐतिहासिक जीत पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शहर की जनता और पार्टी कार्यकर्ताओं को बधाई दी. उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, 'Thank you Thiruvananthapuram!'
पीएम मोदी ने इस जनादेश को केरल की राजनीति में एक 'वॉटरशेड मोमेंट' करार देते हुए कहा कि तिरुवनंतपुरम नगर निगम में बीजेपी-एनडीए को मिला समर्थन इस बात का संकेत है कि राज्य के लोग मानते हैं कि केरल की विकासात्मक आकांक्षाओं को केवल बीजेपी ही पूरा कर सकती है. उन्होंने भरोसा दिलाया कि पार्टी तिरुवनंतपुरम जैसे जीवंत शहर के विकास के लिए काम करेगी और आम लोगों के लिए 'Ease of Living' को और बेहतर बनाएगी। ( अशोक झा की रिपोर्ट )
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