- डॉक्टर का कहना है गोली से नहीं हुई यादव की मौत, चुनाव आयोग ने लिया संज्ञान
बिहार विधानसभा चुनाव की गहमागहमी के बीच मोकामा की धरती पर एक बार फिर खून-खराबा लौट आया है। एनडीए की ओर से जेडीयू के उम्मीदवार अनंत सिंह, जिन्हें उनके समर्थक 'छोटे सरकार' या अब 'दादा' कहकर पुकारते हैं, एक बार फिर सुर्खियों में हैं। इस बार वजह है चुनाव प्रचार के दौरान हुई एक सनसनीखेज हत्या। 64 वर्षीय अनंत सिंह की छवि दशकों से बाहुबली की रही है, और उनके खिलाफ मोकामा सीट पर मुख्य मुकाबले में आरजेडी ने वीणा देवी को उतारा है, जो खुद बाहुबली नेता सूरजभान सिंह की पत्नी हैं। इन दोनों बाहुबली परिवारों के बीच की यह जंग अब चुनावी हिंसा का रूप ले चुकी है। प्रचार के दौरान हत्या, आरोप-प्रत्यारोप का सिलसिला: गुरुवार को मोकामा में चुनाव प्रचार के दौरान दो गुटों में भीषण भिड़ंत हुई, जिसमें दुलारचंद यादव नाम के एक व्यक्ति की मौत हो गई। दुलारचंद यादव जन सुराज पार्टी के उम्मीदवार पीयूष प्रियदर्शी के लिए प्रचार कर रहे थे, जो मोकामा से अनंत सिंह के खिलाफ चुनाव लड़ रहे हैं। इस हत्या के बाद राजनीति तेज हो गई है और आरोप सीधे तौर पर अनंत सिंह पर लगाए जा रहे हैं। मोकामा की यह घटना इस बात की ओर इशारा करती है कि इस क्षेत्र में बाहुबलियों के बीच गैंगवार कोई नई बात नहीं है, खासकर चुनाव के समय। हालांकि, अनंत सिंह ने तुरंत इस आरोप से इनकार करते हुए पलटवार किया है। उनका कहना है कि इस हत्याकांड के पीछे उनके प्रतिद्वंद्वी सूरजभान सिंह की गहरी साज़िश है। इस आरोप-प्रत्यारोप के बीच मोकामा की जनता भय और आक्रोश के माहौल में है, जहाँ पहले चरण में 6 नवंबर को वोट डाले जाएंगे। मोकामा, जो हमेशा से बाहुबलियों की चुनावी जंग का गवाह रहा है, इस बार फिर सियासी हिंसा की चपेट में है।
क्या है मोकामा का भूगोल: मोकामा की बात करें तो यह बिहार की राजधानी पटना में स्थित एक नगर परिषद है, जिसे 28 वार्ड्स में बांटा गया है. यहां की कुल जनसंख्या करीब 2 लाख है, जिसमें इसमें करीब 1 लाख पुरुष और 94 हजार के करीब महिला आबादी है. 2011 की जनगणना के अनुसार, यहां की 32.4 फीसदी जनसंख्या शहरों में रहती है जबकि 67.6 परसेंट आबादी आज भी गांव में अपना गुजर बसर करती है.
कितना है यहां का लिटरेसी रेट ?
2025 की लिटरेसी रिपोर्ट के अनुसार, भारत के अन्य राज्यों की तुलना में बिहार की साक्षरता दर अभी भी काफी कम है. ऐसे में बात अगर मोकामा की करें तो 2011 के जनगणना के अनुसार, इस ब्लॉक का एवरेज लिटरेसी रेट 65.18 परसेंट है. वहीं मोकामा नगर परिषद का कुल लिटरेसी रेट 72.79 फीसदी है. इसमें से 80.39 फीसदी पुरुष पढ़े-लिखे हैं, जबकि महिलाओं में यह दर 64.17 फीसदी है, जो कि पुरुषों के मुकाबले काफी कम है. यहां हिन्दू, मुसलमान, सिख , क्रिश्चियन समेत कई धर्मों के लोग रहते है. इनमें 94 प्रतिशत के साथ सबसे ज्यादा आबादी हैं हिंदुओं की है. वहीं, मुस्लिम आबादी मात्र 5.11 फीसदी है। पोस्टमार्टम करने वाले डॉक्टर ने क्या कहा: तीन डॉक्टरों की एक टीम ने उनका पोस्टमार्टम किया, जिसमें डॉ. अजय कुमार ने कहा कि प्रारंभिक जांच में यह स्पष्ट हुआ है कि गोली लगने से उनकी मृत्यु नहीं हुई है।इस जघन्य वारदात पर अब केंद्रीय चुनाव आयोग (EC) ने कड़ा संज्ञान लिया है। आयोग ने घटना की गंभीरता को देखते हुए बिहार के पुलिस महानिदेशक (DGP) से तत्काल और विस्तृत रिपोर्ट तलब की है। माना जा रहा है कि चुनाव प्रक्रिया के दौरान किसी भी प्रकार की हिंसा या बाहुबल का प्रदर्शन न हो और मोकामा में कानून व्यवस्था को सख्ती से बहाल किया जा सके, इसे लेकर चुनाव आयोग सख्त है।
मोकामा हिंसा पर DGP से रिपोर्ट तलब
मोकामा में दुलारचंद यादव की हत्या के बाद चुनाव आयोग ने त्वरित कार्रवाई करते हुए बिहार पुलिस के डीजीपी से रिपोर्ट तलब किया है। आयोग ने डीजीपी विनय कुमार को आदेश दिया है कि वो गोलीबारी और हत्या से जुड़ी पूरी घटना की विस्तृत रिपोर्ट तुरंत भेजें। चुनाव आयोग पहले ही स्पष्ट कर चुका है कि वो किसी भी कीमत पर चुनावी हिंसा और अराजकता को बर्दाश्त नहीं करेगा और मतदान प्रक्रिया को निष्पक्ष और भयमुक्त बनाने के लिए प्रतिबद्ध है।
कानून-व्यवस्था पर उठे गंभीर सवाल
बिहार की विपक्षी पार्टियों ने मोकामा विधानसभा क्षेत्र में कानून और व्यवस्था की स्थिति पर गंभीर सवाल खड़ा किया है। खासकर तब, जब आदर्श आचार संहिता लागू है। दुलारचंद यादव जन सुराज उम्मीदवार के समर्थन में सक्रिय थे और उनकी हत्या दो प्रतिद्वंद्वी बाहुबलियों से जुड़े गुटों के बीच हुई। माना जा रहा है कि चुनाव आयोग की रिपोर्ट मांगने की कार्रवाई, प्रशासन पर दबाव बढ़ाएगी कि वो मोकामा जैसे अति-संवेदनशील क्षेत्रों में सुरक्षा व्यवस्था को तुरंत बढ़ाए और भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए ठोस कदम उठाए। डॉक्टरों के अनुसार, दुलारचंद को पैर में एंकल ज्वाइंट के पास गोली लगी थी, जो आर-पार हो गई, लेकिन इससे उनकी मृत्यु नहीं हुई। शरीर पर अन्य चोटों के निशान भी पाए गए हैं। उन्होंने बताया कि पोस्टमार्टम से पहले शव का एक्स-रे कराया गया था, जिसमें अधिकतर चोटें छिलने जैसी पाई गईं। पीएम रिपोर्ट जल्द ही तैयार की जाएगी। पोस्टमार्टम रिपोर्ट का इंतजारहालांकि, पोस्टमार्टम करने वाली टीम के अन्य सदस्यों ने इस मामले में कोई जानकारी नहीं दी है। अब यह देखना है कि मेडिकल टीम अपनी रिपोर्ट में क्या लिखती है और किस कारण को मौत का जिम्मेदार ठहराती है। इस घटना के दौरान पत्थरबाजी की भी खबरें आई हैं, और सोशल मीडिया पर इससे जुड़े कई वीडियो तेजी से वायरल हो रहे हैं।
पटना ग्रामीण एसपी का बयान
पटना ग्रामीण एसपी विक्रम सिहाग ने कहा कि इस मामले में अब तक तीन FIR दर्ज की जा चुकी हैं। पोस्टमार्टम के बाद मृतक का अंतिम संस्कार किया गया। पहले FIR मृतक के पोते द्वारा दर्ज की गई है, जिसमें पांच अभियुक्त बनाए गए हैं। दूसरी FIR में छह अभियुक्त हैं, और पुलिस ने अज्ञात लोगों को भी आरोपित किया है। अब तक दो गिरफ्तारियां हो चुकी हैं, और वीडियो के आधार पर जांच आगे बढ़ाई जा रही है।
विपक्ष का हमला चुनाव प्रचार के दौरान प्रशांत किशोर की पार्टी जनसुराज के समर्थक दुलारचंद यादव की हत्या ने बिहार में हलचल मचा दी है। इस घटना के बाद चुनाव आयोग ने बिहार के डीजीपी से रिपोर्ट मांगी है। हत्याकांड के बाद से बिहार सरकार विपक्ष के निशाने पर आ गई है, और कई नेताओं ने इसे साजिश करार दिया है। अनंत सिंह की 'बाहुबली' संपत्ति: 100 करोड़ के मालिक: अनंत सिंह केवल आपराधिक मुकदमों (हलफनामे के अनुसार 28 मुकदमे) में ही नहीं, बल्कि संपत्ति के मामले में भी 'बाहुबली' हैं। उनके चुनावी हलफनामे से पता चलता है कि उनके परिवार के पास कुल चल और अचल संपत्ति लगभग 100 करोड़ रुपये की है। जेडीयू उम्मीदवार अनंत सिंह खुद करोड़ों के मालिक हैं, उनके पास करीब 26.66 करोड़ रुपये की चल और 11.22 करोड़ रुपये की अचल संपत्ति है। दिलचस्प बात यह है कि संपत्ति के मामले में उनकी पत्नी नीलम देवी उनसे भी अधिक धनवान हैं। उनके पास 13.07 करोड़ रुपये की चल और 49.65 करोड़ रुपये की अचल संपत्ति है। हालाँकि, यह 'बाहुबली' जोड़ा कर्जदार भी है। अनंत सिंह पर 27.49 करोड़ रुपये का और उनकी पत्नी पर 23.51 करोड़ रुपये का लोन है।
Land Cruiser और 91 लाख के गहनों का शौक
अनंत सिंह की लाइफस्टाइल भी किसी 'छोटे सरकार' से कम नहीं है। चुनाव प्रचार के दौरान वह अक्सर अपनी 2.70 करोड़ रुपये से अधिक की टोयटा लैंड क्रूजर कार में नज़र आते हैं। उनके काफिले में अक्सर 30 से अधिक गाड़ियाँ होती हैं। महंगी कारों के अलावा, उन्हें सोना-चांदी का भी भरपूर शौक है। दोनों पति-पत्नी के पास मिलाकर करीब 91 लाख रुपये के जेवरात हैं। अकेले उनकी पत्नी नीलम देवी के पास 701 ग्राम सोने के जेवरात हैं, जिनकी कीमत 62 लाख रुपये से अधिक है। इसके साथ ही अनंत सिंह शेयर बाजार में एक बड़े निवेशक भी हैं। उन्होंने बॉन्ड, शेयर बाजार और विभिन्न कंपनियों में करीब 10 करोड़ रुपये का निवेश किया हुआ है, जबकि उनकी पत्नी का निवेश भी 21 लाख रुपये का है।
बग्घी, हाथी और घोड़े: 'छोटे सरकार' की शाही सवारी
अनंत सिंह का शौक केवल महंगी गाड़ियों तक सीमित नहीं है। उन्हें हाथी और घोड़े पालने का भी बहुत शौक है। वे कई बार घोड़े की सवारी करते हुए दिखाई दिए हैं, और एक बार तो बिहार विधानसभा में उनकी बग्घी से एंट्री ने खूब सुर्खियां बटोरी थी। चुनावी हलफनामे में उन्होंने गाय, भैंस और हाथी होने की बात कही है, जिसकी कीमत 1.90 लाख रुपये आंकी गई है। उनकी यह 'शाही' जीवनशैली मोकामा के मतदाताओं के बीच हमेशा चर्चा का विषय रहती है। अनंत सिंह के पास 15.61 लाख रुपये नकद हैं, जबकि उनकी पत्नी के पास 34.60 लाख रुपये नकद हैं। उनके पास तीन लग्जरी SUV वाहन हैं, जिनकी कुल कीमत 3.23 करोड़ रुपये है।
अनंत सिंह का मोकामा की राजनीति पर 1990 से 5 बार विधायक रहने का लम्बा इतिहास है। उनका परिवार इस सीट पर लगभग तीन दशकों से अपना दबदबा बनाए हुए है, भले ही 2020 में उनकी पत्नी ने आरजेडी के टिकट पर सीट जीती थी। मोकामा का यह चुनाव सिर्फ दो दलों की नहीं, बल्कि दो बाहुबली परिवारों के वर्चस्व की लड़ाई है, और इस बार की खूनी हिंसा ने इसे और भी तनावपूर्ण बना दिया है। ( पटना से अशोक झा की रिपोर्ट )
#बिहारचुनाव #बिहार #रोमिंगजॉर्नलिस्ट
दुनियाभर के घुमक्कड़ पत्रकारों का एक मंच है,आप विश्व की तमाम घटनाओं को कवरेज करने वाले खबरनवीसों के अनुभव को पढ़ सकेंगे
https://www.roamingjournalist.com/