गोण्डा की डीएम प्रियंका निरंजन और मिर्जापुर के मुख्य विकास अधिकारी विशाल कुमार को नई दिल्ली में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने सम्मानित किया। यह सम्मान उन्हें मिर्जापुर में जिलाधिकारी के पद पर तैनाती के दौरान मिर्जापुर में जल संरक्षण और जल प्रबंधन के उत्कृष्ट कार्यों के लिए दिया गया है। जलशक्ति मंत्रालय द्वारा विज्ञान भवन में आयोजित 'जल भागीदारी 1.0' अभियान के तहत उन्हें नदी पुनर्जीवन और भूजल स्तर सुधार में योगदान के लिए सराहा गया।
मिर्जापुर जिले को प्रियंका निरंजन के नेतृत्व में दो श्रेणियों में प्रदेश में प्रथम स्थान मिला है। उन्होंने मिर्जापुर में जल संकट से जूझ रहे क्षेत्रों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए व्यापक स्तर पर कार्य किया। जिले के 12 विकासखंडों में से छ: गंभीर जल संकट से प्रभावित थे, जबकि एक ब्लॉक डार्क जोन घोषित था। श्रीमती निरंजन ने अपने कार्यकाल के दौरान जल संरक्षण को जन आंदोलन का रूप दिया।
उनके सबसे बड़े प्रयासों में से एक लोहांदी नदी का पुनर्जीवन रहा। 15 किलोमीटर लंबी इस नदी का 11 किलोमीटर हिस्सा मनरेगा के तहत पुनर्जीवित किया गया, जबकि शेष भाग को ग्रामीणों की भागीदारी से बहाल किया गया। नदी को छह मीटर से बढ़ाकर आठ मीटर चौड़ा किया गया और इसके तटों को सुरक्षित करने के लिए 94 हजार पौधे लगाए गए।
इस परियोजना के तहत 88 परकोलेशन टैंक भी बनाए गए, जिससे भूजल स्तर में उल्लेखनीय सुधार हुआ। इस पहल से 11 ग्राम पंचायतों के लगभग 31 हजार लोगों को लाभ मिला।
सिंचाई विभाग की अगुवाई में 22.2 किलोमीटर लंबी गरई नदी का भी संपूर्ण पुनर्जीवन कराया गया। इससे 15 ग्राम पंचायतों को लाभ हुआ और सिंचाई व पेयजल की उपलब्धता में सुधार आया। इसके अतिरिक्त, 2,146 तालाबों और जल स्रोतों का पुनर्जीवन, 1,018 वर्षा जल संचयन संरचनाओं का निर्माण और 2,615 सोखता गड्डों सहित अन्य महत्वपूर्ण कार्य भी किए गए। खजुरी नदी के पुनर्जीवन के लिए भी प्रयास जारी हैं।
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