- पूरे इलाके में सर्च ऑपरेशन जारी, ट्रक छोड़कर भागे हमलावर
- प्रतिबंधित संगठन पर शक की सुई, अबतक किसी ने नहीं ली जिम्मेदारी
पूर्वोत्तर भारत के असम के तिनसुकिया जिले के काकोपाथर में शुक्रवार को अहले सुबह पूरा इलाका धमाकों से गूंज गया।
गुरुवार देर रात असम के तिनसुकिया जिले के काकोपाथर इलाके में जोरदार गोलीबारी और कई ग्रेनेड विस्फोटों की आवाजों ने स्थानीय निवासियों में दहशत फैला दी। यह घटना काकोपाथर सेना शिविर के पास हुई, जहां लगभग एक घंटे तक गोलीबारी की खबरें सामने आईं। इस घटना में दो जवान राइफलमैन हरिशरण और राइफलमैन राहुल बोरा गोली लगने से घायल हो गये। उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
घटना के संबंध में आधिकारिक सूत्र ने बताया कि यह आतंकी हमला गुरुवार सुबह 2:30 से 3:00 बजे के बीच हुआ। बताया कि घायल हरिशरण और राहुल बोरा को बेहतर इलाज के लिए आज सुबह 8:24 बजे असम के जोरहाट में एयर फोर्स हॉस्पिटल नंबर 5 में शिफ्ट किया गया। अधिकारी ने बताया कि हमला करने वाले उग्रवादियों को पकड़ने के लिए सुरक्षा बल पूरे इलाके में कॉम्बिंग ऑपरेशन शुरू कर दिया है।काकोपाथार आर्मी कैंप के पास रात करीब 1:30 बजे अचानक तेज धमाकों की आवाजें सुनाई दीं। इसके बाद गोलियों की आवाजें गूंजने लगीं। लोग डर से अपने घरों में दुबक गए। हमले की खबर मिलते ही सेना ने मोर्चा संभाला। पुलिस ने भी पहुँचकर पूरे इलाके को सील कर दिया।हमलावरों ने सीधे कैंप के गेट पर ग्रेनेड फेंके। इसके बाद फायरिंग शुरू कर दी। सेना के जवान सतर्क थे। उन्होंने तुरंत जवाबी कार्रवाई की। लेकिन हमले में तीन जवान घायल हो गए। उन्हें इलाज के लिए तिनसुकिया के मिशनरी अस्पताल ले जाया गया। फिलहाल सभी की हालत स्थिर है।हमलावर ट्रक छोड़ भागे: फायरिंग के दौरान हमलावर मौके से फरार हो गए। कुछ घंटे बाद एक ट्रक अरुणाचल प्रदेश के तेंगापानी क्षेत्र में लावारिस हालत में मिला। ट्रक में हथियारों के निशान और ग्रेनेड के टुकड़े बरामद हुए हैं। जाँच एजेंसियाँ अब ट्रक के जरिए हमलावरों की पहचान में जुटी हैं। शक की सुई ULFA(I) पर
अधिकारियों को शक है कि इस हमले के पीछे उग्रवादी संगठन यूनाइटेड लिबरेशन फ्रंट ऑफ असम (इंडिपेंडेंट) यानि ULFA(I) का हाथ हो सकता है। यह संगठन ऊपरी असम में पहले भी इस तरह के हमले कर चुका है। इस गुट का संचालन म्यांमार में बैठे कमांडर परेश बरुआ के हाथ में है। 2023 में भी इसी कैंप पर ऐसा हमला हुआ था। उस केस में NIA ने बरुआ सहित छह लोगों पर चार्जशीट दाखिल की थी।
सेना और पुलिस का संयुक्त तलाशी अभियान अब भी जारी है। आसपास के सभी इलाकों में चौकसी बढ़ा दी गई है। स्थानीय लोगों से अपील की गई है कि वे किसी भी संदिग्ध गतिविधि की तुरंत जानकारी दें। पुलिस ने कहा कि ट्रक की बरामदगी से जाँच को अहम सुराग मिल सकते हैं। इस हमले के बाद असम में उग्रवाद को लेकर चिंता फिर बढ़ गई है। खासतौर पर ऊपरी असम के जिलों में हालात संवेदनशील हो गए हैं। इन इलाकों में पहले से ही AFSPA लागू है, जिससे सुरक्षा बलों को अतिरिक्त अधिकार मिले हुए हैं। लेकिन हमले दिखाते हैं कि खतरा अब भी टला नहीं है। ( असम सीमांत से अशोक झा )
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